इतिहास तैयार करने का आह्वान
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

इतिहास तैयार करने का आह्वान

by
Nov 10, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

देश की समृद्धशाली परम्परा के अनुरूप

दिंनाक: 10 Nov 2012 15:21:59

 

 

ग्वालियर में अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना का 9वां राष्ट्रीय अधिवेशन

देश की समृद्धशाली परम्परा के अनुरूप

अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना का नवम राष्ट्रीय अधिवेशन गत 28 अक्टूबर को ग्वालियर (म.प्र.) में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ दिनांक 26 अक्टूबर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, योजना के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. शिवाजी सिंह, राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष डा. सतीश चन्द्र मित्तल, राष्ट्रीय संगठन-सचिव श्री बालमुकुन्द पाण्डेय एवं जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर के रजिस्ट्रार एवं स्थानीय सचिव डा. आनन्द मिश्र ने दीप-प्रज्ज्वलित करके किया।

डा. संतोष शुक्ल के संकल्प-वाचन के पश्चात् राष्ट्रीय संगठन-सचिव श्री बालमुकुन्द पाण्डेय ने मंचस्थ अतिथियों का परिचय एवं कार्यक्रम में देशभर से पधारे प्रतिनिधियों का स्वागत किया।

तत्पश्चात् मंचस्थ अतिथियों द्वारा 'लोकायतनम्' (सं. डा. ठाकुर प्रसाद वर्मा), 2. 'राष्ट्रीय चैतन्य के प्रकाश में भारत का स्वाधीनता संघर्ष' (डा. सतीश चन्द्र मित्तल), 3. 'विभूतिम्' (सं. डा. ठाकुर प्रसाद वर्मा), 4. 'युगयुगीन रायसेन' एवं 5. 'युगयुगीन देवास' (डा. तेज सिंह सैंधव) नामक कृतियों का विमोचन किया गया।

उद्घाटन-सत्र की अध्यक्षता कर रहे मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने ओजस्वी उद्बोधन में कहा कि भारत एक अत्यन्त प्राचीन और महान् राष्ट्र है। तथ्य यह बताते हैं कि ऋग्वेद कम-से-कम दस हज़ार वर्ष प्राचीन है। परन्तु हम कौन थे, यह हम अपनी दृष्टि से नहीं, बल्कि अंग्रेज़ों की दृष्टि से देख रहे हैं।

सत्र के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने कहा कि इतिहास-संकलन योजना के अधिवेशन में जो तथ्य सामने आएं, उन्हें पन्नों पर संकलित कर जनता के सामने रखने का संकल्प लिया जाए। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने भारत के इतिहास को अपनी तरह से जो तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया, उसी को सभी पढ़ रहे हैं। यह ठीक नहीं है। इस पर गम्भीरता से विचार कर भारत की समृद्धशाली परम्परा को आधार बनाकर इतिहास तैयार किया जाना चाहिए। पूरी दुनिया को चलाने वाली जो शक्ति थी, वह और कोई नहीं, बल्कि हमारी सनातन हिंदू-संस्कृति थी। स्वयं श्री अरविन्द ने भी लिखा था कि भगवान् भी चाहते हैं कि सनातन धर्म का उत्थान हो। भारत की पहचान हमारा सनातन धर्म है।

राष्ट्रीयता के भाव को समझाते हुए श्री भागवत ने कहा कि दुनिया में कोई देश ऐसा नहीं है, जिसकी राष्ट्रीयता को लेकर कोई संकुचित भाव हो। दुनिया में केवल भारत ही ऐसा देश है, जिसकी राष्ट्रीयता को लेकर सवाल किया जाता है। यदि हम संस्कृति को 'कल्चर' कहेंगे, धर्म को 'रिलीज़न' कहेंगे, तो वह भाव नहीं आएगा, जो भाव हमारी संस्कृति हमें बताना चाहती है। हमें अपनी आंखों, अपनी वाणी से भारत को समझना होगा। हमें अपने पुराणों और कथाओं को पढ़कर समझना होगा। उन्होंने कहा कि दुनिया में अन्य देश अपनी भाषा व संस्कृति को मज़बूत करने का सन्देश स्पष्ट रूप से देते हैं। उन्होंने कहा कि जन-मन के 'डी-कालोनाइज़ेशन' करने, यानी विदेशों द्वारा थोपी गई मानसिकता को दूर करने की ज़रूरत है। उद्घाटन-सत्र का संचालन प्रो. आनन्द मिश्र ने किया। सत्र का समापन श्री गुंजन अग्रवाल द्वारा राष्ट्रीय गीत वन्देमातरम् के गायन के साथ हुआ।  अधिवेशन का दूसरा दिन तकनीकी सत्रों का रहा, जिसमें प्रतिनिधियों द्वारा शोध-पत्रों का वाचन किया गया।

तीसरे दिन समापन-सत्र के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-सरकार्यवाह श्री सुरेश सोनी ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीयता का अपना इतिहास है। उसका प्रभाव कम-ज्यादा हो सकता है, लेकिन उसकी धारा नहीं टूटी है। अतीत का अपना महत्त्व है। आज की जड़ बीते हुए काल में हैं और वर्तमान समस्याओं का हल अतीत की जड़ों में है। अपने अतीत को जानना आज और आने वाली पीढ़ी के लिए ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि अतीत से कटकर जीवन का प्रवाह नहीं होता है। भारत को भारत बनाना है तो भारत को समझना होगा। भारत का अपना अलग इतिहास है। हर भारतवासी को अपने चित्त में भारत के प्रति मान-सम्मान रखना होगा।

समापन-सत्र की अध्यक्षता 'चाणक्य' व 'उपनिषद् गंगा' धारावाहिक के निर्देशक और अभिनेता डा. चन्द्र प्रकाश द्विवेदी ने की।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

Voter ID Card: जानें घर बैठे ऑनलाइन वोटर आईडी कार्ड बनवाने का प्रोसेस

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और जनरल असीम मुनीर: पाकिस्तान एक बार फिर सत्ता संघर्ष के उस मोड़ पर खड़ा है, जहां लोकतंत्र और सैन्य तानाशाही के बीच संघर्ष निर्णायक हो सकता है

जिन्ना के देश में तेज हुई कुर्सी की मारामारी, क्या जनरल Munir शाहबाज सरकार का तख्तापलट करने वाले हैं!

सावन के महीने में भूलकर भी नहीं खाना चाहिए ये फूड्स

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ विश्व हिंदू परिषद का प्रतिनिधिमंडल

विश्व हिंदू परिषद ने कहा— कन्वर्जन के विरुद्ध बने कठोर कानून

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies