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नन्हीं गुड़िया या नन्हे मुन्ने के आने का इन्तजार परिवार के सभी सदस्य बड़ी बेसब्री से करते हैं। तन्दुरुस्त शिशु सबको खुशियां देता है। क्या आप जानते हैं इसके लिए नींव कौन बनाता है हां, गर्भवती मां… यानी गर्भवती महिला का अच्छा पोषण, प्यार व आराम ही, एक स्वस्थ, सुन्दर शिशु को जन्म देता है।
आहार संबंधी सुझाव– 0 खुराक बढ़ाएं0 साबुत चना, अंकुरित दालें, हरी पत्तेदार सब्जियां, गुड़, खजूर, मूंगफली, तिल जैसे खाद्य पदार्थ अपने दैनिक आहार में लें। ये खाद्य पदार्थ लौह तत्व से भरपूर हैं। 0 दैनिक भोजन में शुरू से ही पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, मूली के पत्ते, चौलाई, सरसों इत्यादि शामिल करें क्योंकि ये 'फालिक एसिड' पोषक तत्व से भरपूर हैं। 'फालिक एसिड' की कमी से नवजात शिशु 'न्यूरल टयूब डिफेक्ट्स' का शिकार हो सकता है।0 एक मौसमी-फल रोज खाएं। 0 दूध, दही, छाछ लें।0 आयोडीन युक्त नमक ही खाएं क्योंकि गर्भ में पल रहे बच्चे का मस्तिष्क के विकास के लिए यह बहुत जरूरी है। थ् तरल पदार्थ- जल खूब पियें। 0 भोजन थोड़ा-थोड़ा और कई बार लें।
विश्राम/आराम – 0 पूरी गर्भावस्था के दौरान भारी काम न करें। 0 अन्तिम तीन महीनों के दौरान विश्राम लेट कर आवश्यक है ताकि शिशु को माता से पूरा पोषाहार मिल सके।0 गर्भावस्था में महिला का वजन 10-12 किलोग्राम बढ़ना चाहिए।
अन्य सावधानियां- 0 गर्भावस्था के दौरान 'आयरन फालिक एसिड' की गोलियां लेनी चाहिए। इसके कारण मां के 'मल' में कालापन आ सकता है, जो नुकसानरहित है। ये गोलियां रक्ताल्पता से बचाती हैं व प्रसव में सहायक हैं। 0 गर्भवती महिला को 5वें तथा 8वें माह के बीच 2-3 सप्ताह के अंतराल पर 'टिटनस टाक्साइड' के टीके दो बार लगाना जरूरी है। 0 चिकित्सक की देखरेख में ही रहें। द सुरेन्द्रा अजय जैन
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