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गुजरात:विकास और दुष्प्रचार के बीच है मुकाबला-जितेन्द्र तिवारी-

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Oct 13, 2012, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 13 Oct 2012 15:04:41

 

कांग्रेस सांसत में है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का जादू अब तो इंग्लैण्ड के भी सिर चढ़कर बोलने लगा, जब उसने गुजरात दंगों के बाद दस वर्षों तक मोदी के बहिष्कार को नकार कर अब गुजरात के विकास व सुरक्षित शासन से प्रभावित होकर सक्रिय सहयोग का हाथ बढ़ाया है। गुजरात का तेजी से होता विकास हो या गुजरातियों की मेहनत और लगन के कारण समृद्ध होते अमरीका-ब्रिटेन आदि देश, या फिर गुजराती अस्मिता की रक्षा के प्रतीक बन चुके नरेन्द्र मोदी…चर्चा चलती ही रहती है गुजरात की। और अब जबकि वहां विधानसभा चुनावों की घोषणा हो चुकी है तो वहां मुख्य विपक्षी पार्टी सबकी नजर उसी ओर हैं। पर पहली नजर में देखें तो कांग्रेस इस हालत में ही नजर नहीं आ रही है कि वह मुकाबला कर सके। इसीलिए भाजपा के सामने चुनौती है पहले से भी बेहतर प्रदर्शन करने की।

गुजरात में भाजपा के मजबूत आधार का ही परिणाम है कि वह वहां पिछले 16 साल से लगातार सत्ता में है और 14 वर्ष से नरेन्द्र दामोदरदास मोदी का करिश्माई नेतृत्व उसे प्राप्त हो रहा है। इस दौरान गुजरात ने इतनी प्रगति की है कि कभी गुजरात दंगों के कारण मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपने देश की यात्रा हेतु वीजा देने से इनकार करने वाली अमरीका की कांग्रेस ने हाल ही में जारी अपनी रपट में कहा है, 'भारत में विकास और सुशासन का सबसे अच्छा उदाहरण गुजरात है, जहां 'विवादास्पद' मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राज्य के आर्थिक विकास को नई गति दी है। उनके नेतृत्व में प्रशासन में व्याप्त लालफीताशाही दूर हुई है और भ्रष्टाचार कम हुआ है, जिसके कारण गुजरात भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान कर रहा है।' साफ है कि अमरीकी कांग्रेस को गुजरात की प्रगति और समृद्धि तो दिख रही है, पर साम्प्रदायिकता के दुष्प्रचार का जहर उसमें अभी भी इतना भरा हुआ है कि उसे मोदी के नाम के साथ विवादास्पद जोड़ना जरूरी लगा। कुछ-कुछ यही स्थिति सोनिया कांग्रेस की भी है। गुजरात में कांग्रेस के पास न कुछ करने लायक है और न ही कहने लायक। इसलिए गत 3 अक्तूबर को राजकोट से चुनावी अभियान की शुरूआत करते समय उसकी अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी कुछ बहकी-बहकी सी लगीं। गुजरात के विकास की बात तो मानी, पर उसका श्रेय केन्द्र की संप्रग सरकार को दिया, साथ ही गुजरात के पिछड़ने की बात भी कह दी।

विपक्ष के आरोप को ही अपना हथियार बना लेने की कला में माहिर नरेन्द्र मोदी ने इस कारण एक बार फिर सोनिया गांधी को आड़े हाथों लिया और गुजरात को बदनाम न करने की नसीहत दे डाली। और तो और, श्री मोदी द्वारा श्रीमती सोनिया गांधी के विदेश में इलाज पर हुए सरकारी खर्च के ब्यौरे पर भी वे सब बिना तथ्य के 'बगलें झांकते' ही दिखे। इसी 'कांग्रेसी कल्चर' के कारण श्री मोदी ने भाजपा को कार्यकर्त्ता आधारित पार्टी और कांग्रेस को 'वंशवादी गिरोह' बताया, जो 'दोनों हाथों के पंजों' से देश को लूट रहा है। 2जी, राष्ट्रमंडल खेल, आदर्श, कोयला आदि घोटाले गिनाकर उन्होंने गुजरात की जनता से वादा लिया कि वे इस 'लुटेरे पंजे' को गुजरात के खजाने तक नहीं पहुंचने देंगे। श्री नरेन्द्र मोदी की इसी वक्तृत्व कला और सही समय पर उचित प्रत्युत्तर के कारण विवेकानंद युवा विकास यात्रा में उन्हें सुनने के लिए राज्यभर में भारी भीड़ उमड़ी।

सिर्फ भाषण मत सुनिए, काम देखिए

लेकिन केवल भाषण ही जीत का आधार नहीं होते। वहां बात विकास की हो रही है। आर्थिक विकास तो वहां चारों ओर दिखायी दे ही रहा है, जिसे दिखाने या बताने की आवश्यकता नहीं। पर इस आर्थिक विकास के साथ भाजपा सरकार ने आम आदमी की सुविधाओं के लिए बहुत कुछ किया है जिसका लाभ उसे चुनावों में अवश्य मिलेगा। जैसे सभी सरकारी और गैरसरकारी स्कूलों में नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया। योग्य चिकित्सकों द्वारा लगभग एक करोड़ बच्चों की दिल, गुर्दे व फेफड़े आदि की जांच की गई। इस दौरान दिल की बीमारी से पीड़ित पाए गए 11000 बच्चों की नि:शुल्क 'ओपन हार्ट सर्जरी' की गई। मुख्यमंत्री अमृतम् 'मा' योजना के अंतर्गत गरीबी की रेखा के नीचे वाले लोगों के लिए 32 अस्पताल चिन्हित किए गए हैं, जहां दिल, गुर्दे, फेफड़े, कैंसर आदि से संबंधित 7 गंभीर बीमारियों का पूर्ण और पूरी तरह नि:शुल्क इलाज होता है। इसका एक उदाहरण यह है कि किशोर गोकरानी नामक एक व्यक्ति अपनी पुत्री काजल, जिसके जन्म से ही दिल में छेद था, के लिए 10 साल से 2.5लाख रु.जुटाने की कोशिश कर रहा था, पर मायूस था। उसके मित्र ने मुख्यमंत्री अमृतम् मा  योजना के बारे में पढ़ा, उसे बताया, वह अपनी पुत्री को लेकर अमदाबाद स्थित मेहता कार्डियोलाजी इंस्टीट्यूट गया। बस…अब बाप-बेटी के चेहरे पर छायी मुस्कान बताती है कि सरकार चाहे तो क्या कुछ कर सकती है। मुख्यमंत्री ने इतना भर किया कि मेहता इंस्टीट्यूट का वार्षिक खर्च 15 करोड़ रु. से बढ़ाकर 95 करोड़ रु. कर दिया और चिकित्सकों-प्रशासकों को इतना जिम्मेदार बना दिया कि वे बिना किसी भेदभाव के गरीबों का इलाज करें। कन्या केल्वणी योजना के कारण अब 21 प्रतिशत की बजाय मात्र 2 प्रतिशत कन्याएं ही स्कूल बीच में छोड़कर जाती हैं। एक भी ऐसा स्कूल नहीं रह गया है जहां शौचालय न हो। इसीलिए दाहोद हो या मेघरज, या मोडासा…जहां जहां भी नरेन्द्र मोदी विवेकानंद युवा विकास यात्रा लेकर पहुंचे 40-50 हजार से अधिक लोग पहले से ही एकत्र थे। जहां यात्रा पहुंचने में रात हो जाती, वहां लोग टार्च जलाकर भी सड़क किनारे खड़े रहते। अपनी सभाओं में मोदी सीधे संवाद करते हैं और किसान, मजदूर, सिंचाई, बिचली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि-आदि के बारे में किए गए काम गिनाकर एक-एक कर पूछते हैं कि 'खुश तो हो ना।' और फिर बताते हैं कि पिछले दस सालों में तो केवल उन गढ्ढों को पाटने का ही काम हुआ है जो कांग्रेस के 40 साल के कुशासन में खोदे गए थे। अब 1 जनवरी, 2013 से तो भव्य गुजरात निर्माण की तैयारी है।

भव्य गुजरात की तैयारी

और भव्य गुजरात कैसा होगा… इसकी बानगी देखने के लिए सौराष्ट्र क्षेत्र के राजकोट से 22 किमी.दूर स्थित राज समढियाला गांव चले जाइये। 350 परिवारों के 1800 सदस्यों वाले इस गांव की आजीविका का मुख्य साधन है कपास और मूंगफली की खेती। जानते हैं इस एक गांव की सालाना आय क्या है-पांच करोड़ रुपए। गांव में 30 कारें हैं, 400 मोटर साइकिल और एक भी सदस्य गरीबी की रेखा के नीचे नहीं। ऐसे गुजरात का ही सपना देखा है मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने। इस सपने को अपनी पिछली सद्भावना यात्रा के दौरान मोदी ने कार्यकर्त्ताओं की आंखों में उतारा। अब वे सभी कार्यकर्त्ता जनता तक इस सपने को पहुंचने में पूरी तरह से जुटे हैं। जनता भी मन से ऐसा ही गुजरात देखने को तैयार दिख रही है। इसीलिए 'लेन्स आन न्यूज' नामक वेब पोर्टल द्वारा कराए गए जनमत सर्वेक्षण में सामने आया है कि भाजपा को इस बार 182 में से 133 सीटें मिलने की उम्मीद है, यानी पिछली 117 से 16 ज्यादा। वहीं कांग्रेस को 43 सीटें मिलने की उम्मीद जताई गई है, पिछले बार की 59 से 16 सीटें कम। ऐसे हालात देखकर अब कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल भी अनमने भाव से 'मिशन गुजरात' शुरू करने वाले हैं। पर 'मिशन बिहार' और 'मिशन उ.प्र.' का हाल देखकर गुजरात के कांग्रेसियों की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। अभी तो यही दिख रहा है कि भाजपा के सामने चुनावी मैदान में और कोई नहीं है। गुजरात की जनता ने विकास पथ पर कदम आगे बढ़ा दिया है, नेतृत्व के प्रति विश्वास भी बरकरार है, इसलिए भाजपा की जीत तो तय है ही। बस, चुनौती है तो पहले से भी बेहतर प्रदर्शन करने की।

विवेकानंद युवा विकास यात्रा

विधानसभा चुनावों की घोषणा से पूर्व ही गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वामी विवेकानंद युवा का अभियान प्रारंभ किया था। स्वामी विवेकानंद द्वारा शिकागो में 11 सितम्बर, 1893 को दिए गए ऐतिहासिक भाषण के पुण्य स्मरण से 11 सितम्बर को ही बेचारजी (जिला मेहसाणा) से प्रारंभ हुई इस यात्रा का समापन एक माह बाद 11 अक्तूबर (लोकनायक जयप्रकाश नारायण द्वारा आहूत 'सम्पूर्ण क्रांति दिवस') को हुआ। महाकाली के सुप्रसिद्ध मंदिर के लिए विख्यात पवागढ़ (जिला पंचमहाल) में हुए भव्य समापन समारोह में भाजपा अध्यक्ष श्री नितिन गडकरी, गोवा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर परर्ीकर व छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह विशेष रूप से उपस्थित थे। कई चरणों में सम्पन्न हुई इस यात्रा में श्री मोदी ने गुजरात के लगभग प्रत्येक जिले की जनता से संवाद किया।

एक नजर

कुल क्षेत्रफल–    1,96,024 वर्ग किमी.

कुल जनसंख्या–    6,03,83,628

कुल मतदाता–      3,78,76,932

कुल लोकसभा क्षेत्र– 26 (भाजपा 15, कांग्रेस 11)

कुल विधानसभा क्षेत्र– 182

वर्तमान विधानसभा– भाजपा 117, कांग्रेस 59, अन्य 6

मतदान की तिथि– प्रथम चरण 13 दिसंबर(87 सीटों पर)

                   द्वितीय चरण-17 दिसंबर (95 सीटों पर)

चुनाव परिणाम– 20 दिसम्बर

भाजपा की स्थिति– योग्य नेतृत्व और विकास के काम

कांग्रेस की स्थिति– नेतृत्व का अभाव और कहने को कुछ नहीं

भाजपा के मुद्दे– गुजरात का विकास और केन्द्र सरकार का भ्रष्टाचार, महंगाई

कांग्रेस के मुद्दे- विकास को झूठा बताना और मोदी-मोदी-मोदी को कोसना

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