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'देश को एक और अखंड रखने का एक ही मार्ग है और वह है देश को हिंदू बहुल रखा जाए। अगर हिंदू घटेगा तो देश भी बंट जाएगा'। उक्त विचार रा.स्व.संघ के धर्म जागरण विभाग के अखिल भारतीय संयोजक श्री मुकुंदराव पणशीकर ने गत दिनों जालंधर (पंजाब) के मंडी रोड स्थित भारत विकास परिषद् कार्यालय में 'धर्मांतरण के खतरे' विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
श्री पणशीकर ने कहा कि देश में पंथनिरपेक्षता भी हिंदुओं के कारण ही है। अगर यहां मुसलमान या ईसाई अधिक हो गए तो भारत भी यूरोप के किसी देश व पाकिस्तान की तरह मतांध राष्ट्र बन जाएगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बंगलादेश, म्यांमार (बर्मा-प्राचीन नाम ब्रह्मदेश) इसी कारण भारत से टूटे। इन स्थानों पर हिंदू अल्पमत में हो गए थे। आज भी जिन-जिन भागों में हिंदू कम संख्या में हैं उन हिस्सों में आतंकवाद फैला है और वे लोग भारत से अलग होने की मांग कर रहे हैं। कश्मीर और भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य इसके ज्वलंत उदाहरण हैं।
श्री पणशीकर ने कहा कि एक साजिश के तहत देश का तेजी से इस्लामीकरण हो रहा है। इसी कारण देश के विभाजन के समय देश की आबादी का 9.5 प्रतिशत हिस्सा मुसलमान था जो आज बढ़कर 16 प्रतिशत हो चुका है। दूसरी ओर पादरी, नन व बिशप सेवा कार्यों की आड़ में अपनी संख्या बढ़ा रहे हैं। आंकड़ों में बेशक इस देश में 2.5 प्रतिशत ईसाई हैं परंतु छद्मनाम से 4.5 प्रतिशत ईसाई और भी हैं जो अनुसूचित जाति-जनजाति की सुविधाएं लेने के लिए नाम से तो हिंदू हैं परंतु वास्तव में उनका मतांतरण हो चुका है।
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार श्री राकेश शांतिदूत ने कहा कि पंजाब की 1.1 प्रतिशत जनता ईसाई है और देश के सीमावर्ती जिले गुरदासपुर, फिरोजपुर, अमृतसर व जालंधर में इनकी संख्या तेजी से बढ़ रही है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, पंजाब के प्रांत सह-संघचालक ब्रिगेडियर (से.नि) जगदीश गगनेजा ने कहा कि आज देश में 4 से 5 करोड़ बंगलादेशी घुसपैठ कर चुके हैं। यह केवल हमारे संसाधानों पर ही भार नहीं है बल्कि देश में आतंकवाद का संचालन व नशे के कारोबार सहित अनेक आपराधिक गतिविधियों में इनका हाथ है।
समारोह के मुख्य अतिथि श्रीदेवीतालाब मंदिर के महामंत्री श्री राजेश विज ने देश में हिंदुत्व का भाव सुदृढ़ करने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों को समानता का अधिकार देकर गले लगाने से ही हिंदुत्व की भावना शक्तिशाली हो सकती है। संगोष्ठी को धर्म जागरण विभाग के पदाधिकारी श्री सुनील सहगल ने भी संबोधित किया। संगोष्ठी में सरकार से मांग की गई कि मतांतरण के खिलाफ सख्त कानून बनाया जाए, क्योंकि मत-पंथ के प्रचार करने का अर्थ मतांतरण को मिली छूट नहीं है। राकेश सैन
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