सजल नयनों से... अंतिम प्रणाम्
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

सजल नयनों से… अंतिम प्रणाम्

by
Sep 22, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

सजल नयनों से… अंतिम प्रणाम्

दिंनाक: 22 Sep 2012 14:46:42

 

 निवर्तमान सरसंघचालक दिवंगत कुप्.सी.सुदर्शन की स्मृति में… 

राष्ट्र सेविका समिति की भावभीनी श्रद्धांजलि

संपूर्ण हिन्दू समाज के लिए भारी क्षति

राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांताक्का और पूर्व प्रमुख संचालिका प्रमिला ताई मेढ़े का शोक संदेश–

माननीय सुदर्शन जी नहीं रहे, एक अनपेक्षित दु:खद समाचार आया। प्राणायाम करते हुए उन्होंने अपने प्राणों का विसर्जन किया। पुरुषोत्तम मास के अंतिम दिन एक पुरुषोत्तम ने अपने जीवन की अंतिम सांस ली। एक अध्ययनशील, चिंतनशील, हिन्दुत्व गौरव के प्रति समर्पित सरल वृत्ति का एक जीवन समाप्त हुआ। अपने कार्यरूप पदचिन्ह काल के पथ पर अंकित करने वाला एक व्यक्तित्व कालकवलित हुआ। राष्ट्र सेविका समिति के कार्य के प्रति आस्था, अपनत्वभाव रखकर कार्य को प्रेरणा देने वाले महत्वपूर्ण व्यक्तियों में से एक प.पू. सुदर्शन जी का न रहना राष्ट्र सेविका समिति के लिये ही नहीं, अपितु संपूर्ण हिन्दू समाज के लिए भारी क्षति है। अत्यंत व्यथित मन से राष्ट्र सेविका समिति की बहनें उस पवित्र व्यक्तित्व को श्रद्धांजलि अर्पित करती हैं।

भारतीय मजदूर संघ ने श्रद्धांजलि स्वरूप कहा–

सुदर्शन जी ने कामगारों में अंतर– पांथिक सौहार्द की प्रेरणा जगाई

भामसं के महामंत्री श्री बैजनाथ राय ने संगठन की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारतीय मजदूर संघ श्री सुदर्शन के निधन पर गहन शोक व्यक्त करता है। निवर्तमान सरसंघचालक श्री सुदर्शन भामसं के मित्र, चिंतक और मार्गदर्शक थे। वे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे और उनमें गजब की बौद्धिक क्षमताएं थीं। उन्होंने दुनिया की विभिन्न सभ्यताओं, मत-पंथों और दर्शनों का गहन अध्ययन किया था। अर्थनीतियों पर तो उनकी कमाल की पकड़ थी, जो उनके व्याख्यानों में झलकती थी। उन्होंने मार्क्सवाद का भी काफी अध्ययन किया था और विभिन्न वैज्ञानिक आविष्कारों से परिचित हुए थे। वे स्वदेशी को मानने वाले थे और अपनी आखिरी सांस तक स्वदेशी जीवनचर्या का ही अवलम्बन किया।

श्री सुदर्शन ने भारतीय मुसलमानों, ईसाइयों और हिन्दू समाज के बीच दूरियां कम करने हेतु अनेक विद्वानों से खुद चर्चा की थी। भामसं के सर्वपंथ समादर मंच के वे मुख्य वक्ता रहे। इस मंच के माध्यम से उन्होंने हजारों कामगारों में अंतर-पांथिक सौहार्द की प्रेरणा जगाई। उन्होंने कामगारों में राष्ट्रभक्ति की धारा बहाई थी। भामसं उनके निधन पर अपने श्रद्धासुमन अर्पित करता है।

उनके पितृतुल्य मार्गदर्शन की कमी हमेशा खलेगी

–डा. प्रवीण भाई तोगड़िया, अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष, विहिप

विश्व हिन्दू परिषद के अन्तरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष डा. प्रवीण भाई तोगड़िया ने सुदर्शन जी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि जीवन के सभी सुख त्यागकर संघ के स्वयंसेवक, प्रचारक बनकर राष्ट्र निर्माण, चरित्र निर्माण के कार्य में जुटे सुदर्शन जी के व्यक्तित्व में विज्ञान और आध्यात्मिकता का अनोखा संगम था। विज्ञान के स्नातक के नाते वे इस विषय में रुचि लेते थे कि नए सम्पर्क माध्यमों से अनेक लोगों को कैसे जोड़ा जाए। हिन्दू धर्म के प्राचीन शास्त्रों-आयुर्वेद एवं ज्योतिष- का विचार विज्ञान के आधार पर हो, इस हेतु भी वे विचार करते थे। भारत की अनेक भाषाओं में प्रवीणता, वक्ता होने के कारण सामान्य लोगों के मनों से जुड़ने की उनमें अद्भुत कला थी। 2000 से 2009 तक वे संघ के सरसंघचालक रहे। यह काल संघ के लिए कठिन परीक्षा का काल था। जिहादी आतंक का साया, गुजरात के बारे में लगाए गए खोखले आरोप, 2004 के लोकसभा चुनाव के बाद आयी नई सरकार ने संघ और संघ से जुड़े संगठनों पर लगाए आतंक के बेबुनियाद आरोप, इस दशक में जीविका की दौड़-धूप में देश और समाज कल्याण से सामान्यत: दूर जाते देशवासी, 'सेकुलर' नाम से हिन्दुओं और संघ के बारे में लगातार होने वाला दुष्प्रचार आदि अनेक समस्याओं से जूझते हुए भी सुदर्शन जी ने अपना लक्ष्य नहीं त्यागा और अपना विचार भी कायम रखा। विश्व हिन्दू परिषद के कार्यों में, हिन्दू धर्म के अनेक आयामों में, हिन्दुओं के सम्पूर्ण कल्याण में, गो माता की सुरक्षा एवं संवर्धन में उन्हें रुचि थी। सबको साथ लेकर चलना उनकी विशेषता थी। जब समय आया तो पद का दायित्व समर्थ और कुशल हाथों में सौंप कर श्री सुदर्शन निवृत्त हुए, परन्तु राष्ट्र और समाज कार्यों से निवृत्त नहीं हुए। 81 वर्ष की आयु और नरम स्वास्थ्य में भी वे प्रवास करते रहे। लेकिन काल किसी के लिए नहीं रुकता। श्री सुदर्शन के जाने से हम पितृतुल्य व्यक्ति के मार्गदर्शन से वंचित हुए हैं। उनकी कमी हमेशा खलती रहेगी।

      परमपिता परमात्मा से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें।

ॐ शान्ति। शान्ति ।। शान्ति।।।

 

स्वयंसेवकों की भावपूर्ण श्रद्धाञ्जलि

रा.स्व.संघ के निवर्तमान सरसंघचालक श्री कुप्. सी. सुदर्शन का गत 15 सितम्बर की सुबह रायपुर में निधन हुआ। 16 सितम्बर को नागपुर में उनका अंतिम संस्कार हुआ। अंतिम संस्कार के समय रा.स्व.संघ के देशभर के जिला कार्यालयों पर पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किये गये। यहां हम कुछ कार्यक्रमों का संक्षिप्त विवरण प्रकाशित कर रहे हैं–

दिल्ली– संघ कार्यालय केशव कुंज, झण्डेवालान में स्वयंसेवक एवं विविध संगठनों के कार्यकर्ता 3 बजे से ही एकत्रित होने शुरू हो गए थे। कार्यकर्ताओं ने श्री सुदर्शन के चित्र के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित की। वातावरण में गायत्री मंत्र गूंज रहा था। स्व. सुदर्शन को पुष्पांजलि देने के लिए संघ तथा विविध संगठनों के कार्यकर्ता इतनी बड़ी संख्या में पहुंचे थे कि बहुत से कार्यकर्ताओं को सभागार के बाहर ही बैठना पड़ा।

केशव कुंज में स्व. सुदर्शन को पुष्पांजलि देने वालों में मुख्य रूप से रा.स्व.संघ, उत्तर क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक श्री रामेश्वर, राष्ट्रीय सिख संगत के संरक्षक सरदार चिरंजीव सिंह, विश्व हिन्दू परिषद के वरिष्ठ नेता आचार्य गिरिराज किशोर, रा.स्व.संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री सोहन सिंह, राज्यसभा सदस्य श्रीमती नजमा हेपतुल्ला आदि सम्मिलित थे।

दमोह– स्थानीय संघ कार्यालय माधव कुंज में आयोजित शोक सभा में सामाजिक समरसता विभाग के महाकौशल प्रांत प्रमुख श्री बहादुर सिंह ने सुदर्शन जी का पुण्य स्मरण करते हुए कहा कि भारत माता के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाला व्यक्तित्व आज हमारे बीच नहीं रहा। श्री विनायक राव ने कहा कि श्री सुदर्शन बहुमुखी एवं विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। बड़ी संख्या में उपस्थित स्वयंसेवकों ने श्री सुदर्शन के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित किए एवं दो मिनट का मौन धारण कर ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

कानपुर– कानपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय, केशव भवन में एक शोकसभा में नगर के स्वयंसेवकों ने सुदर्शन जी को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रान्त संघचालक श्री वीरेन्द्रजीत सिंह ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि श्रीगुरुजी जन्मशताब्दी वर्ष में सुदर्शन जी ने बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों को स्वयं पत्र लिखकर कहा था कि वे किसी न किसी आयाम से जुड़कर संघ कार्य को गति दें।

क्षेत्र संघचालक श्री ईश्वरचन्द्र ने कहा कि सुदर्शन जी दूरदृष्टा होने के नाते जानते थे कि भविष्य में पेयजल एवं पानी की विकराल समस्या आने वाली है। वे कहते थे, जितना आवश्यक हो उतने ही पानी का उपयोग करना चाहिए। विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता श्री प्रकाश शर्मा ने कहा कि वे एक श्रेष्ठ विचारक व चिंतक थे। प्रचारक प्रमुख श्री वासुदेव वासवानी ने कहा कि इंजीनियरिंग के छात्र होनेे के बाद भी उनका गीता और रामचरितमानस का गहन अध्ययन था। उनको कई भाषाओं में महारथ प्राप्त था। श्रद्धांजलि सभा का समापन दो मिनट के मौन दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना के साथ हुआ।

अद्भुत प्रतिभा के धनी और प्रभावी वक्ता

अभाविप की श्रद्धांजलि

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रा. मिलिंद मराठे ने श्री सुदर्शन के आकस्मिक निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि पूज्य सुदर्शन जी अद्भुत प्रतिभा के धनी तथा प्रभावी वक्ता थे। वे हर विषय के बारे में गहरा अध्ययन करते थे एवं केवल संघ के ही नहीं, अपितु सार्वजनिक जीवन के भी हर विषय की भूमिका को ठीक से समझकर संपूर्ण समाज का मार्गदर्शन करते थे। उनके निधन से देश को अपूरणीय क्षति हुई है, जिससे पूरा अभाविप परिवार शोक संतप्त है। अभाविप को उनकी कमी हमेशा खलेगी।

अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री श्री उमेश दत्त ने कहा कि सरसंघचालक के दायित्व से मुक्त होने के बाद 81 वर्ष की आयु में भी कार्यकर्ताओं से चर्चारत रहते हुए मार्गदर्शन करने की उनकी अनूठी शैली एवं व्यक्तित्व प्रेरणादायी था।अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री सुनील अंबेकर ने कहा कि आज के समय में जहां हर तरफ पद की लालसा एवं मोह की भावना देखने को मिलती है, ऐसे समय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर्वोच्च पद पर रहते हुए सुदर्शन जी ने उस पद को त्याग कर पुन: सामान्य स्वयंसेवक का जीवन जीकर देश में सार्वजनिक जीवन के लिए अनूठा आदर्श प्रस्थापित किया, जो आने वाली पीढ़ियों को सदैव दिशा दिखाता रहेगा। उनकी सरलता व सहजता के कारण समाज के विभिन्न स्तरों के लोग एवं स्वयंसेवक उन्हें मिलकर बिना संकोच अपने मन की बात कह सकते थे, जिस पर वे हमेशा सहज मार्गदर्शन करते थे। अभाविप के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. कैलाश शर्मा ने कहा कि श्री सुदर्शन के रूप में देश ने एक प्रमुख विचारक एवं चिंतक खो दिया है। उनके मार्गदर्शन की कमी समाज के सभी वर्गों को हमेशा महसूस होती रहेगी।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Maulana Chhangur Conversion racket

Maulana Chhangur के खिलाफ फतवा: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने की सामाजिक बहिष्कार की अपील

ED Summons Google Meta online gambling

मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला: गूगल, मेटा को ईडी का समन, 21 जुलाई को पूछताछ

टीआरएफ की गतिविधियां लश्कर से जुड़ी रही हैं  (File Photo)

America द्वारा आतंकवादी गुट TRF के मुंह पर कालिख पोतना रास नहीं आ रहा जिन्ना के देश को, फिर कर रहा जिहादी का बचाव

डिजिटल अरेस्ट में पहली बार कोर्ट ने दिया ऐतिहासिक फैसला, 9 को उम्रकैद की सजा

Managal pandey

स्व के शंखनाद और पूर्णाहुति के पुरोधा : कालजयी महारथी मंगल पांडे

RSS Chief mohan ji Bhagwat

महिला सक्षमीकरण से ही राष्ट्र की उन्नति- RSS प्रमुख डॉ. मोहन भागवत जी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Maulana Chhangur Conversion racket

Maulana Chhangur के खिलाफ फतवा: मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने की सामाजिक बहिष्कार की अपील

ED Summons Google Meta online gambling

मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला: गूगल, मेटा को ईडी का समन, 21 जुलाई को पूछताछ

टीआरएफ की गतिविधियां लश्कर से जुड़ी रही हैं  (File Photo)

America द्वारा आतंकवादी गुट TRF के मुंह पर कालिख पोतना रास नहीं आ रहा जिन्ना के देश को, फिर कर रहा जिहादी का बचाव

डिजिटल अरेस्ट में पहली बार कोर्ट ने दिया ऐतिहासिक फैसला, 9 को उम्रकैद की सजा

Managal pandey

स्व के शंखनाद और पूर्णाहुति के पुरोधा : कालजयी महारथी मंगल पांडे

RSS Chief mohan ji Bhagwat

महिला सक्षमीकरण से ही राष्ट्र की उन्नति- RSS प्रमुख डॉ. मोहन भागवत जी

Nanda Devi Rajjat yatra

नंदा देवी राजजात यात्रा: विश्व की सबसे बड़ी पैदल यात्रा की तैयारियां शुरू, केंद्र से मांगी आर्थिक मदद

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : शाैर्य के जीवंत प्रतीक

Maharashtra Islampur to renamed as Ishwarpur

महाराष्ट्र: इस्लामपुर का नाम बदला, अब होगा ईश्वरपुर

Chhattisgarh Ghar Wapsi to Sanatan Dharma

Ghar Wapsi: 16 लोगों ने की सनातन धर्म में घर वापसी, छत्तीसगढ़ में 3 साल पहले बनाए गए थे ईसाई

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies