श्री अमरनाथ यात्रा पर टेढ़ी नजर बर्दाश्त नहीं
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

श्री अमरनाथ यात्रा पर टेढ़ी नजर बर्दाश्त नहीं

by
Sep 8, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

श्री अमरनाथ यात्रा पर टेढ़ी नजर बर्दाश्त नहीं

दिंनाक: 08 Sep 2012 14:46:26

प्रतिक्रिया के आधार पर किया हुआ कार्य क्षणिक होता है। उसमें स्थायी भाव नहीं होता तथा प्रतिक्रिया के नष्ट होते ही क्रिया समाप्त होकर कार्य भी नाश को प्राप्त होता है।

–मा. स. गोलवलकर (श्रीगुरुजी समग्र दर्शन, पृ. 143)

कश्मीर घाटी में सक्रिय पाकिस्तानपरस्त, भारत विरोधी और अलगाववादी तत्वों ने अब श्री अमरनाथ यात्रा को अपना निशाना बनाया है और कांग्रेस व नेशनल कांफ्रेंस की गठबंधन सरकार उनके सुर में सुर मिला रही है। अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी जिस प्रकार की भाषा बोल रहे हैं उससे स्पष्ट है कि इस विश्व प्रसिद्ध तीर्थ पर अमरनाथ यात्रियों के रूप में लाखों की संख्या में हिन्दू उपस्थिति उन्हें अखर रही है और घाटी को हिन्दू विहीन करने का उनका एजेंडा पूरा नहीं हो पा रहा। लेकिन वे भूल रहे हैं कि यह पवित्र स्थान विश्व के करोड़ों हिन्दुओं के आराध्य बफर्ानी बाबा का केन्द्र है और उनसे किसी भी तरह की दूरी हिन्दू समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। यह षड्यंत्र अब पूरी तरह उजागर हो गया है कि राज्य सरकार इन अलगाववादियों के दबाव में लगातार यात्रा की अवधि घटाती रही, जिससे यात्रा 2 माह से घटाकर मात्र 39 दिनों की कर दी गई तथा उसमें विश्व भर से आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाओं की लगातार अनदेखी की जा रही है, परिणामत: इस बार 80 से ज्यादा तीर्थयात्रियों की दुखद मृत्यु हो गई। यदि देशभर से धार्मिक संस्थाओं के द्वारा यात्रा मार्ग पर निशुल्क भंडारों आदि की व्यवस्था न की जाए तो यात्रियों के खाने–पीने तक की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। सरकार व प्रशासन ने यात्रियों को स्थानीय दुकानदारों के हाथों लुटने के लिए छोड़ दिया है। मौसम की प्रतिकूलता के चलते यात्रा मार्ग व यात्रियों के ठहरने की स्थितियां इतनी त्रासद हैं कि जो यात्री वहां से लौटकर अपने कटु अनुभव सुनाते हैं तो यात्रा की योजना बना रहे लोगों को अपनी चिंता सताने लगती है, लेकिन भगवान शिव के दर्शन की लालसा और भक्ति उनके अंत:करण में प्रेरणा जगाती है और वे सब कठिनाइयां सहकर भी दौड़े चले जाते हैं।

सर्वोच्च न्यायालय ने इन्हीं सब स्थितियों और राज्य सरकार व प्रशासन की लापरवाही के चलते अमरनाथ यात्रियों के लिए व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का निर्देश दिया है, लेकिन गिलानी जैसे लोगों ने मानो सर्वोच्च न्यायालय के विरुद्ध ही मोर्चा खोल दिया है और हिन्दू भावनाओं को आहत करते हुए यात्रा को 'प्रदूषण फैलाने वाली' तक कह दिया। लेकिन वास्तव में उनकी मंशा उनके इस कथन से स्पष्ट हो जाती है कि यह यात्रा घाटी में बाहरी तत्वों (हिन्दुओं) का वर्चस्व स्थापित करने का प्रयास है। इससे उनकी हिन्दू द्रोही मानसिकता ही प्रकट होती है जो प्रकारांतर से भारत के प्रति राष्ट्रद्रोह का भाव है। जब गिलानी घाटी में इस्लामी कैलेंडर जारी करते हैं, इमामों के द्वारा वहां पुलिस और सेना पर हमला करने वाले पत्थरबाज युवकों को पैसा बांटा जाता है तब जिस तरह कश्मीर घाटी में राष्ट्रवाद के भाव को कलुषित किया जाता है उसकी फिक्र गिलानी को कभी क्यों नहीं हुई कि क्यों घाटी में भारतविरोधी वातावरण बनाकर लोगों का मानस प्रदूषित किया जा रहा है? देश को याद रखना चाहिए कि यह वही गिलानी हैं जो संप्रग सरकार की नाक के नीचे दिल्ली में कश्मीर के लिए 'आजादी, द ओनली वे' का नारा लगाते हैं और सरकार उनके इस खुले देशद्रोह के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने की बजाय घुटनों में सिर दबाकर बैठ जाती है। लेकिन राष्ट्रभक्त हिन्दू समाज अब इसकी अनदेखी नहीं कर सकता। श्री अमरनाथ भूमि विवाद के समय सरकार व अलगाववादी षड्यंत्रकारियों को जिस तरह प्रबल हिन्दू प्रतिरोध का सामना कर पराजित होना पड़ा था, फिर वही पुनरावृत्ति होगी। श्री अमरनाथ यात्रा के विरुद्ध षड्यंत्र करने वाले यह ठीक से समझ लें।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

पीले दांतों से ऐसे पाएं छुटकारा

इन घरेलू उपायों की मदद से पाएं पीले दांतों से छुटकारा

कभी भीख मांगता था हिंदुओं को मुस्लिम बनाने वाला ‘मौलाना छांगुर’

सनातन के पदचिह्न: थाईलैंड में जीवित है हिंदू संस्कृति की विरासत

कुमारी ए.आर. अनघा और कुमारी राजेश्वरी

अनघा और राजेश्वरी ने बढ़ाया कल्याण आश्रम का मान

ऑपरेशन कालनेमि का असर : उत्तराखंड में बंग्लादेशी सहित 25 ढोंगी गिरफ्तार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

पीले दांतों से ऐसे पाएं छुटकारा

इन घरेलू उपायों की मदद से पाएं पीले दांतों से छुटकारा

कभी भीख मांगता था हिंदुओं को मुस्लिम बनाने वाला ‘मौलाना छांगुर’

सनातन के पदचिह्न: थाईलैंड में जीवित है हिंदू संस्कृति की विरासत

कुमारी ए.आर. अनघा और कुमारी राजेश्वरी

अनघा और राजेश्वरी ने बढ़ाया कल्याण आश्रम का मान

ऑपरेशन कालनेमि का असर : उत्तराखंड में बंग्लादेशी सहित 25 ढोंगी गिरफ्तार

Ajit Doval

अजीत डोभाल ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान के झूठे दावों की बताई सच्चाई

Pushkar Singh Dhami in BMS

कॉर्बेट पार्क में सीएम धामी की सफारी: जिप्सी फिटनेस मामले में ड्राइवर मोहम्मद उमर निलंबित

Uttarakhand Illegal Majars

हरिद्वार: टिहरी डैम प्रभावितों की सरकारी भूमि पर अवैध मजार, जांच शुरू

Pushkar Singh Dhami ped seva

सीएम धामी की ‘पेड़ सेवा’ मुहिम: वन्यजीवों के लिए फलदार पौधारोपण, सोशल मीडिया पर वायरल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies