बंगलादेशी मुस्लिम घुसपैठियों के कारणअसम की राह पर दिल्ली!-अरुण कुमार सिंह-
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

बंगलादेशी मुस्लिम घुसपैठियों के कारणअसम की राह पर दिल्ली!-अरुण कुमार सिंह-

by
Sep 1, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 01 Sep 2012 15:39:58

 

बंगलादेशी मुस्लिम घुसपैठियों की वजह से असम धधक रहा है। फिर भी यहां की सेकुलर सरकारें घुसपैठियों को लेकर चुप हैं। यदि यह चुप्पी कुछ साल और रही तो देश के अनेक हिस्सों में असम जैसी घटनाएं आम हो सकती हैं। उन हिस्सों में राजधानी दिल्ली भी शामिल है। एक गहरी साजिश के तहत दिल्ली में प्रतिदिन सैकड़ों बंगलादेशी घुसपैठिए बसाए जा रहे हैं। दिल्ली का शायद ही कोई इलाका होगा जहां बंगलादेशी मुस्लिम न रह रहे हों। स्थानीय मुस्लिम नागरिकों और नेताओं की मदद से बंगलादेशी घुसपैठिए मुख्य रूप से दक्षिण दिल्ली में और पूर्वी दिल्ली में बस चुके हैं। अब जो नए घुसपैठिए आ रहे हैं उनमें से कुछ को दिल्ली, तो कुछ को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अलग-अलग भागों में बसाया जा रहा है। दक्षिण दिल्ली में जामिया नगर के आस-पास और पूर्वी दिल्ली में सीमापुरी के नजदीक इन लोगों की अनेक बस्तियां बस चुकी हैं। दक्षिण दिल्ली में कालिंदी कुंज, खड्ढा कालोनी, मदनपुर खादर, 9 नम्बर, शाहिन बाग, जैतपुर आदि कालोनियों में इन घुसपैठियों ने घर तक खरीद या बना लिए हैं। महारानी बाग से जैतपुर तक यमुना नदी के किनारे-किनारे लगभग 17 किमी. तक बड़ी घनी मुस्लिम आबादी बस चुकी है। इनमें आधिकांश बंगलादेशी घुसपैठिए हैं। इनके पास राशन-कार्ड, वोटर आई कार्ड, जैसे दस्तावेज भी हैं। स्थानीय मुस्लिम नेता अपने 'लेटर हेड' के द्वारा इनके नाम मतदाता सूची में चढ़वाते हैं। हालांकि यह गलत है। पर जो कर्मचारी इस गलत का विरोध करता है उसकी उस इलाके में पहले पिटाई होती है और फिर वहां से स्थानान्तरण। इसलिए कोई भी कर्मचारी किसी भी तरह के गलत कार्य का विरोध नहीं करता है। इसका लाभ बंगलादेशी मुस्लिम घुसपैठियों को होता है।

पूर्वी दिल्ली में नई सीमापुरी, पुरानी सीमापुरी, सुन्दरनगरी, दिलशाद कालोनी आदि जगहों पर लाखों बंगलादेशी रह रहे हैं। पुरानी सीमापुरी बस स्टैण्ड के पास सड़क के दोनों पार खालिश बंगलादेशी हैं। पूरे क्षेत्र में जबर्दस्त रूप से मुस्लिम आबादी बढ़ रही है। पुरानी सीमापुरी में इन लोगों ने आतंक मचा रखा है। वहां से हिन्दू अपना घर बेचकर निकल चुके हैं। एक ही हिन्दू परिवार बचा है। वहां एक मन्दिर है, उसे भी इन लोगों ने ध्वस्त कर दिया है। इन्हें अपराध में महारत हासिल है। इस इलाके के घुसपैठिए दिल्ली में अपराध कर उ.प्र. के शहीद नगर, जो दिल्ली से सटा हुआ है, में शरण लेते हैं। शहीद नगर मुस्लिमों की बस्ती है। यहां भी बड़ी संख्या में घुसपैठिए रहते हैं। सीमापुरी के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि बंगलादेशी घुसपैठियों के कारण स्थानीय लोगों को बड़ी कठिनाई हो रही है। दिन-दहाड़े छीना-झपटी तो आम बात हो गई है। रात में कई गुटों में ये घुसपैठिए क्षेत्र की कालोनियों में घूमते हैं और हर तरह के अपराध को अंजाम देते हैं।

15 लाख बंगलादेशी

बंगलादेशी मुस्लिम घुसपैठियों का मुख्य काम है कबाड़ खरीदना, रिक्शा चलाना, जेब काटना, छीना-झपटी करना, चोरी-डकैती करना, सुपारी लेकर हत्या करना आदि। जबकि बंगलादेशी महिलाएं हिन्दू नाम से घरों में झाड़ू-पोछा और बर्तन मांजने का काम करती हैं। घर में साफ-सफाई के दौरान ये महिलाएं पता लगाती हैं कि किस घर में लूटपाट या डकैती की जा सकती है। फिर उन महिलाओं के बताए ठिकानों पर बंगलादेशी घुसपैठिए चोरी या डकैती करते हैं। इन घुसपैठियों की वजह से ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अपराधों में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है।

सेकुलरों की शह और संरक्षण के कारण ही दिल्ली में 15 लाख से अधिक बंगलादेशी मुस्लिम घुसपैठिए रह रहे हैं। यह खुलासा हिन्दू महासभा द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण में हुआ है। हिन्दू महासभा के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. राकेश रंजन के अनुसार महासभा का सर्वेक्षण लगभग पूरा होने वाला है। अब तक के सर्वेक्षण से जो तथ्य सामने आए हैं वे बड़े चौंकाने वाले हैं। बंगलादेशी मुस्लिम घुसपैठियों के कारण दिल्ली के करीब 37 प्रतिशत विधानसभा क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाता लगभग निर्णायक की स्थिति में पहुंच चुके हैं। कुछ क्षेत्रों में मुस्लिमों की आबादी करीब 30 प्रतिशत हो चुकी है। इनकी रणनीति है 2020 तक दिल्ली के सभी विधानसभा क्षेत्रों में अपना दबदबा कायम करने की। इसी को देखते हुए पूरी दिल्ली में मुस्लिमों को बसाया जा रहा है। इनमें मुख्य रूप से बंगलादेशी घुसपैठिए होते हैं।

भारत में ये घुसपैठिए अपने आकाओं के संरक्षण में किस प्रकार रह रहे हैं, इस पर रोहिणी न्यायालय की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लॉ की एक टिप्पणी है, 'वोट बैंक की राजनीति करने वाले लोगों के कारण सरकार भारत में अवैध रूप से रह रहे 3 करोड़ बंगलादेशियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई नहीं कर पाती है। अवैध रूप से रह रहे ये बंगलादेशी न केवल यहां मजे से जीवन–यापन कर रहे हैं, बल्कि भारतीय नागरिकों के अधिकारों एवं भारतीयों के लिए बनाई गई सरकारी सुविधाओं का भी भरपूर मात्रा में दोहन कर रहे हैं। यह देश का दुर्भाग्य है कि देश के नागरिकों को गरीबी का सामना करना पड़ रहा है। अधिकांश लोगों को रशन कार्ड एवं अन्य सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं, जबकि वोट बैंक की गन्दी राजनीति के कारण घुसपैठ  कर आए बंगलादेशी स्वयं को यहां का नागरिक सिद्ध करने के लिए राशन कार्ड, वोटर कार्ड एवं अन्य पहचान संबंधी सुविधाएं जल्द प्राप्त कर लेते हैं।'

यह टिप्पणी उन्होंने 25 जनवरी, 2012 को एक बंगलादेशी घुसपैठिए को विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत सजा सुनाते हुए की थी।

एक न्यायाधीश की यह टिप्पणी सरकारी दस्तावेज है। पर इस सरकारी दस्तावेज को भी वे लोग नहीं मान रहे हैं, जो सेकुलरवाद की आड़ में देशतोड़क राजनीति कर रहे हैं। ऐसे लोग बड़ी निर्लज्जता के साथ कहते हैं भारत में एक भी बंगलादेशी घुसपैठिया नहीं है। और जो बंगलादेशी घुसपैठियों की बात करता है उसे ये 'साम्प्रदायिक' कहते हैं। इस कारण देश का एक बहुत बड़ा वर्ग बंगलादेशी घुसपैठियों को भारत में बसाने की साजिश से अनभिज्ञ है। लोगों की इसी अनभिज्ञता के कारण अपने ही देश के कुछ लोग बंगलादेशियों को जगह-जगह बेरोकटोक बसा रहे हैं।

यूं आते हैं दिल्ली

बंगलादेशियों को भारत में प्रवेश कराने से लेकर विभिन्न जगहों पर बसाने के लिए कई गुट हैं। भारत और बंगलादेश की सीमा के मूल निवासी और उत्तरी दिनाजपुर (प.बंगाल) में वकालत करने वाले एक सज्जन ने पाञ्चजन्य को दूरभाष पर बताया, 'हमारा घर बिल्कुल सीमा पर है। आगे का दरवाजा भारत में खुलता है तो पीछे का दरवाजा बंगलादेश में। बंगलादेशी घुसपैठियों के कारण इलाके के सभी हिन्दू गांव छोड़ चुके हैं और शहरों में बस गए हैं। कई गांवों पर बंगलादेशियों ने कब्जा कर लिया है। रोजाना सैकड़ों बंगलादेशी सीमा पार कर भारत आते हैं। कुछ दिनों तक उन्हें रायगंज, मालदह, मुर्शिदाबाद आदि शहरों के आस–पास रखा जाता है। फिर एजेंटों के माध्यम से इन लोगों को दिल्ली भेजा जाता है। पहले इन लोगों को कोलकाता और मुम्बई भेजा जाता था। पर कुछ साल से इन्हें मुख्य रूप से दिल्ली की तरफ ले जाया जाता है।'

दिल्ली में हजारों ऐसे लोग हैं, जो सैकड़ों रिक्शा खरीद कर रखते हैं। इनमें अधिकतर मुस्लिम हैं। यही लोग बंगलादेशी घुसपैठियों को किराए पर रिक्शा मुहैया कराते हैं। इसलिए दिल्ली में बंगलादेशी रिक्शाचालकों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। किसी प्रदर्शन में भीड़ बढ़ाने के लिए भी मुस्लिम नेता इन घुसपैठियों का इस्तेमाल करने लगे हैं। असम में पहले यही होता था। इसलिए असम की घटनाओं से सबक लेकर इन घुसपैठियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाए।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

जब केंद्र में कांग्रेस और UP में मायावती थी तब से कन्वर्जन करा रहा था ‘मौलाना छांगुर’

Maulana Chhangur Hazrat Nizamuddin conversion

Maulana Chhangur BREAKING: नाबालिग युवती का हजरत निजामुद्दीन दरगाह में कराया कन्वर्जन, फरीदाबाद में FIR

केंद्र सरकार की पहल से मणिपुर में बढ़ी शांति की संभावना, कुकी-मैतेई नेताओं की होगी वार्ता

एक दुर्लभ चित्र में डाॅ. हेडगेवार, श्री गुरुजी (मध्य में) व अन्य

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ @100 : उपेक्षा से समर्पण तक

Nepal Rasuwagadhi Flood

चीन ने नहीं दी बाढ़ की चेतावनी, तिब्बत के हिम ताल के टूटने से नेपाल में तबाही

Canada Khalistan Kapil Sharma cafe firing

खालिस्तानी आतंकी का कपिल शर्मा के कैफे पर हमला: कनाडा में कानून व्यवस्था की पोल खुली

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

जब केंद्र में कांग्रेस और UP में मायावती थी तब से कन्वर्जन करा रहा था ‘मौलाना छांगुर’

Maulana Chhangur Hazrat Nizamuddin conversion

Maulana Chhangur BREAKING: नाबालिग युवती का हजरत निजामुद्दीन दरगाह में कराया कन्वर्जन, फरीदाबाद में FIR

केंद्र सरकार की पहल से मणिपुर में बढ़ी शांति की संभावना, कुकी-मैतेई नेताओं की होगी वार्ता

एक दुर्लभ चित्र में डाॅ. हेडगेवार, श्री गुरुजी (मध्य में) व अन्य

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ @100 : उपेक्षा से समर्पण तक

Nepal Rasuwagadhi Flood

चीन ने नहीं दी बाढ़ की चेतावनी, तिब्बत के हिम ताल के टूटने से नेपाल में तबाही

Canada Khalistan Kapil Sharma cafe firing

खालिस्तानी आतंकी का कपिल शर्मा के कैफे पर हमला: कनाडा में कानून व्यवस्था की पोल खुली

Swami Dipankar

सावन, सनातन और शिव हमेशा जोड़ते हैं, कांवड़ में सब भोला, जीवन में सब हिंदू क्यों नहीं: स्वामी दीपांकर की अपील

Maulana chhangur

Maulana Chhangur: 40 बैंक खातों में 106 करोड़ रुपए, सामने आया विदेशी फंडिंग का काला खेल

प्रतीकात्मक तस्वीर

बलूचिस्तान में हमला: बस यात्रियों को उतारकर 9 लोगों की बेरहमी से हत्या

Chmaba Earthquake

Chamba Earthquake: 2.7 तीव्रता वाले भूकंप से कांपी हिमाचल की धरती, जान-माल का नुकसान नहीं

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies