विभूतियों के प्रेरक प्रसंग
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विभूतियों के प्रेरक प्रसंग
संस्कृत साहित्य में यह नीति वचन है- 'महाजनो येन गता: स पंथा:। अर्थात् जिस मार्ग से महान लोग गुजरें वही हमारे लिए, पूरे समाज के लिए अनुकरणीय मार्ग होता है। यानी ऐसी विभूतियां, जिन्होंने अपने जीवनकाल में आदर्शों को अपनाया, जीवन को सार्थक बनाने का प्रयास किया, वे हमेशा से समाज के लिए पथ प्रदर्शक रहे हैं। ऐसी ही कुछ राजनीतिक, साहित्यिक और वैज्ञानिक विभूतियों के जीवन से कुछ प्रेरक व रोचक प्रसंगों का संकलन 'बड़ों की बातें' में किया गया है। प्रख्यात लेखक शुकदेव प्रसाद की यह पुस्तक केवल बच्चों के लिए ही नहीं बल्कि किशोरों, युवाओं और वयस्कों के लिए भी समान रूप से उपयोगी सिद्ध होगी।
राजनीतिक विभूतियों के खंड में भारतीय राजनेताओं, जैसे-गोपाल कृष्ण गोखले, लोकमान्य तिलक, महात्मा गांधी, पं. नेहरू, सरोजिनी नायडू, डा. राजेन्द्र प्रसाद और डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन सहित अनेक नेताओं के जीवन की रोचक कथाएं संकलित हैं। इसके साथ ही कुछ प्रसिद्ध वैश्विक राजनेताओं, जैसे-फ्रैंकलिन रुजवेल्ट, विंस्टन चर्चिल, मार्टिन लूथर किंग, जार्ज वाशिंगटन, स्टालिन और नेपोलियन बोनापार्ट के जीवन में घटित प्रेरक घटनाओं का भी संक्षिप्त विवरण दिया गया है। ये छोटे-छोटे प्रसंग जहां एक ओर हमें उन विभूतियों की जीवन दृष्टि ओर विचारधारा से परिचित कराते हैं, वहीं हमें वह मार्ग समझने का अवसर भी देतेे हैं जिन्हें अपनाकर ये सभी महान बने और हमेशा के लिए विश्व इतिहास में दर्ज हो गए।
पुस्तक के दूसरे खंड में भारत और अन्य देशों के अनेक प्रसिद्ध साहित्यकारों के जीवन के रोचक प्रसंगों को संकलित किया गया है। रवीन्द्रनाथ टैगोर जैसे उद्भट विद्वान और प्रतिभा सम्पन्न विभूति का जन सामान्य से भी सरल-सहज व्यवहार उनके भीतर लेशमात्र भी अहं न होने को प्रमाणित करता है। इसी तरह आचार्य रामचंद्र शुक्ल की सादगी के कई रोचक प्रसंग पुस्तक में देखे जा सकते हैं। इसी क्रम में अगले खण्डों में विश्व की प्रसिद्ध वैज्ञानिक और आध्यात्मिक विभूतियों के भी रोचक प्रसंग दिए गए हैं। स्वामी विवेकानंद और स्वामी रामकृष्ण परमहंस की उदात्त मानवीय भावनाएं अत्यंत प्रेरक बन पड़ी हैं। अपने कार्य के प्रति समर्पण और छोटे-बड़े सभी कार्यों को समान रूप से पूर्ण करने की प्रेरणा आचार्य विनोवा भावे के प्रसंग से ली जा सकती है।
अपनी धुन के पक्के और वैज्ञानिक शोधों, आविष्कारों के द्वारा मानव कल्याण की भावना वाले कई प्रसिद्ध वैज्ञानिकों के जीवन से जुड़े कुछ प्रसंग भी पुस्तक में संकलित हैं। हेनरी कैवेंडिश की अनोखी खोज, मैडम क्यूरी का पियरे क्यूरी से गहन प्रेम, बेंजामिन फ्रेंकलिन का अध्ययन के प्रति लगाव और सुब्रह्मण्यम चंद्रशेखर का अपने अंतरिक्ष संबंधी शोध को लेकर जुनून का भाव चौंकाने वाला है। संपूर्ण पुस्तक में ढेरों ऐसे प्रसंग भरे पड़े हैं जो इन विभूतियों के जीवन के विभिन्न पक्षों को उजागर करते हैं। हालांकि यह पुस्तक रोचक, प्रेरक होने के साथ ही संग्रहणीय भी है, लेकिन बेहतर होता कि लेखक बहुत अधिक विभूतियों को समेटने की बजाय कुछ ही महान व्यक्तियों के और अधिक प्रसंगों का उल्लेख करते। पुस्तक के अंतिम खंड में कुछ खिलाड़ियों, अभिनेताओं और राजनीतिकों के भी रोचक प्रसंग दिए गए हैं।
पुस्तक का नाम – बड़ों की बातें
लेखक – शुकदेव प्रसाद
प्रकाशक – आर्य प्रकाशन मंडल
9/221, सरस्वती भंडार,
गांधी नगर, दिल्ली-110031
मूल्य – 240 रु. पृष्ठ – 176
विभूश्री
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