बंगलादेशी घुसपैठ रोकने के लिए सख्त कानून बने
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असम में हुई हिंसा के विरोध में राजधानी में विरोध प्रदर्शन
–राममाधव, सह सम्पर्क प्रमुख, रा.स्व.संघ
असम व पूर्वोत्तर राज्यों के निवासियों के साथ बंगलादेशी घुसपैठियों द्वारा की जा रही हिंसा के विरोध में गत 18 अगस्त को नई दिल्ली में जबर्दस्त विरोध प्रदर्शन हुआ। राष्ट्रीय चेतना मंच के तत्वावधान में आयोजित विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में दिल्ली के नागरिकों ने भाग लिया। इस अवसर पर रा.स्व.संघ के अ.भा. सह सम्पर्क प्रमुख श्री राममाधव, श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा दिल्ली के अध्यक्ष स्वामी राघवानंद सहित दिल्ली की अनेक सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी उपस्थित थे।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए श्री राममाधव ने कहा कि असम की हिंसा के विरोध के नाम पर देश में जो कुछ घटनाएं हुई हैं उससे देश में पूर्वोत्तर के लोगों, विशेषकर छात्रों में डर का माहौल निर्माण हो गया है। सरकार कह रही है कि यह संवेदनशील मुद्दा है, लेकिन आज देश जानना चाहता है इस संवेदनशील मुद्दे से निपटने के लिए सरकार क्या कर रही है? उन्होंने कहा कि सरकार इस परिस्थिति से निपटने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही। आज जो स्थिति बन गई है उसके लिए बंगलादेशी घुसपैठिए जिम्मेदार हैं।
श्री राममाधव ने कहा कि बंगलादेशियों की घुसपैठ को रोकने के लिए सख्त कानून लाना चाहिए। इसके लिए अभी तक कोई सख्त कानून नहीं है। उन्होंने कहा कि जो घुसपैठिए देश में आते हैं उनको वोट बैंक में परिवर्तित करके राजनीति करने का प्रयास हो रहा है। असम की स्थिति इतनी गंभीर है कि आने वाले समय में बंगलादेशी घुसपैठियों के कारण सरकार भी उन्हीं की बनेगी। हो सकता है कि मुख्यमंत्री भी कोई बंगलादेशी ही बने।
श्री राममाधव ने कहा कि बंगलादेश से जब भी वार्ता होती है तो भारत सरकार कभी बंगलादेशी घुसपैठियों का मुद्दा नहीं उठाती। सरकार को चाहिए कि तुरन्त बंगलादेशी घुसपैठ पर रोक लगाए तथा बंगलादेश से वार्ता कर भारत में अवैध रूप से रह रहे बंगलादेशियों की वापसी की बात करे।
स्वामी राघवानन्द ने कहा कि बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे ही बन्धुओं को उनके मूल स्थान से उजाड़कर बेघर किया जा रहा है। यह शत-प्रतिशत सरकार की अदूरदर्शिता है। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के मो. अफजाल ने कहा कि असम में हिंसा ऐसे समय में हुई है जब रमजान का महीना चल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की जानकारी में नई दिल्ली की मस्जिद में आखिरी जुम्मे के दिन बंगलादेशी घुस्पैठियों के लिए चंदा एकत्रित किया जाता है, यह वोट बैंक की राजनीति नहीं तो क्या है?
विरोध प्रदर्शन का ऐसा ही कार्यक्रम हरियाणा के फरीदाबाद में भी सम्पन्न हुआ। विश्व हिन्दू परिषद के तत्वावधान में आयोजित विरोध प्रदर्शन को संबोधित करते हुए कार्यक्रम के संयोजक श्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि बंगलादेशियों के कारण उत्पन्न असम की समस्या को बोडोलैण्ड, कोकराझार या स्थानीय समस्या समझना ऐतिहासिक भूल होगी। आज जो समस्या असम झेल रहा है, वही समस्या आजादी के पूर्व वृहद असम, पूरा बंगाल और आज के पाकिस्तान ने झेली थी, जिसका परिणाम देश के विभाजन के रूप में सामने आया। जो देश अपने इतिहास से सबक नहीं लेता है, उसका भूगोल बदल जाता है। इतिहास साक्षी है अपने देश के जिस हिस्से में हिन्दू अल्पसंख्यक हुआ, वह हिस्सा ही देश से कट गया या कटने की तैयारी कर रहा है।
विरोध प्रदर्शन को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह-जिला प्रचार प्रमुख श्री राजेंद्र गोयल, भारतीय जनता पार्टी के नेता श्री मूलचंद शर्मा, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य श्री सुनील भारद्वाज, विश्व हिन्दू परिषद् के विभाग संगठन मंत्री श्री गोपाल दत्त आदि ने भी संबोधित किया।प्रतिनिधि
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