माया से भी भ्रष्ट अखिलेश सरकार
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

माया से भी भ्रष्ट अखिलेश सरकार

by
Aug 25, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

माया से भी भ्रष्ट अखिलेश सरकार निलंबन की बजाय भ्रष्टतम आईएएस अधिकारी की बहाली!-उत्तर प्रदेश/ शशि सिंह-

दिंनाक: 25 Aug 2012 16:28:01

उत्तर प्रदेश/ शशि सिंह

निलंबन की बजाय भ्रष्टतम आईएएस अधिकारी की बहाली!

उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार तो पूर्ववर्ती मायावती सरकार से भी ज्यादा भ्रष्ट निकली। यह सरकार तो उन लोगों को भी बचा रही है जो माया सरकार में घोटाला करते हुए जेल गए। इन्हीं में से एक हैं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी प्रदीप शुक्ल। सरकार और सीबीआई की कृपा से वह तीन माह बाद जेल से छूट गए, केवल इसलिए कि सरकार ने उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने की अनुमित नहीं दी और केंद्रीय जांच एजेंसी ने 90 दिन के भीतर आरोप पत्र दाखिल नहीं किया। यही नहीं सरकार ने उन्हें राजस्व परिषद में पुराने पद पर तैनात भी कर दिया।

मायावती सरकार में प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण) रहे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी प्रदीप शुक्ल पर तत्कालीन सरकार में मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा और अनंत कुमार मिश्र के साथ मिलकर राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना में पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का आरोप है। इसी आरोप में कुशवाहा कई महीने से जेल में हैं। इस मामले में दो मुख्य चिकित्सा अधिकारियों की हत्या हो चुकी है। घोटाले और हत्या के आरोप में जेल में बंद उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी वाईएस सचान की जेल में रहस्यमय तरीके से मौत हो गई। पोस्टमार्टम रपट से साबित हो गया है कि जेल के भीतर उनकी हत्या कर दी गई थी।

बहरहाल प्रदीप शुक्ल उन सबसे अलग हैं। वे 1981 बैच के 'टॉपर' भी रहे हैं। उस समय परीक्षा देने वाले छात्रों के लिए वे 'रोल मॉडल' थे। वही प्रदीप शुक्ल जब भ्रष्टाचारी बने तो वहां भी शीर्ष पर पहुंचे। सीबीआई जांच का सिलसिला जब आगे बढ़ा तो घेरे में आ गए। जांच-पड़ताल के बाद सीबीआई ने 8 मई को लखनऊ के अमौसी हवाई अड्डे से उन्हें गिरफ्तार कर लिया। प्रदीप की आईएएस पत्नी आराधना शुक्ल की तमाम कोशिशों के बाद भी लखनऊ में न रोककर उन्हें हवाई जहाज से दिल्ली ले जाया गया। गाजियाबाद की सीबीआई अदालत में दूसरे दिन पेश कर उन्हें जेल भेज दिया गया। लगा कि अब न्याय होगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। प्रदीप शुक्ल और उनकी आईएएस पत्नी आराधना शुक्ल असरदार निकले। पहले आराधना की पूरी कोशिश थी कि मामला लखनऊ की साबीआई अदालत में चले लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। तब उन्होंने अपनी ऊंची पहुंची दिखाई और अपनी तैनाती नोएडा में करवा ली, ताकि दिल्ली के करीब रहकर वे केंद्र सरकार और सीबीआई को प्रभावित करने के साथ ही गाजियाबाद की डासना जेल में बंद अपने पति का ध्यान रख सकें। उन्होंने प्रदेश सरकार को भी इतना प्रभावित कर दिया कि वरिष्ठ मंत्री शिवपाल यादव (मुलायम सिंह यादव के भाई) प्रदीप शुक्ल से जेल में मिलने गए। तभी लग गया था कि सरकार उनके प्रति या कहें कि भ्रष्टाचार के प्रति काफी नरमदिल है।

उधर सीबीआई भी ढीली पड़ गई। हालांकि 8 जुलाई को ही उसका आरोप पत्र तैयार था, लेकिन उसने सरकार से उसे न्यायालय में दाखिल करने की अनुमति तक नहीं मांगी। नियम है कि कोई भी सरकारी कर्मचारी यदि 48 घंटे तक जेल में रहे तो उसे स्वत: निलंबित मान लिया जाता है। इसी नियम के तहत संबंधित अधिकारियों ने प्रदीप के निलंबन की पत्रावली तैयार कर मुख्यमंत्री के पास भेजी, लेकिन वह वहीं लंबित हो गई। सरकार ने जेल में तीन माह तक बंद अधिकारी को निलंबित तक नहीं किया। नतीजा यह हुआ कि 90 दिन के भीतर जब सीबीआई ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल नहीं किया तो प्रदीप जेल से रिहा हो गए। लखनऊ आकर उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से भेंटकर राजस्व परिषद में अपने पुराने पद (सदस्य, राजस्व परिषद) पर तैनाती पा ली। उनसे न तो सरकार और न हीं राजस्व परिषद ने पूछा कि आखिर वह तीन माह तक कहां थे। जेल में बंद होने के कारण अगर स्वत: निलंबित हो गए तो बहाली का पत्र कहां है? लेकिन इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल हुई तो न्यायालय ने इन सबके बारे में सरकार और साबीआई से पूछा। यही नहीं, न्यायालय ने राजस्व परिषद प्रशासन को भी तलब किया है। बहरहाल इसके बाद राज्य सरकार, साबीआई और प्रदीप शुक्ल की परेशानी बढ़ गई है, न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद प्रदीप शुक्ला फिर निलंबन झेल रहे हैं। सबसे ज्यादा दांव पर लगी है राज्य सरकार और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की साख, क्योंकि आखिर वही तो माया के पाप को बेशर्मी से ढो रहे हैं।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

पीले दांतों से ऐसे पाएं छुटकारा

इन घरेलू उपायों की मदद से पाएं पीले दांतों से छुटकारा

कभी भीख मांगता था हिंदुओं को मुस्लिम बनाने वाला ‘मौलाना छांगुर’

सनातन के पदचिह्न: थाईलैंड में जीवित है हिंदू संस्कृति की विरासत

कुमारी ए.आर. अनघा और कुमारी राजेश्वरी

अनघा और राजेश्वरी ने बढ़ाया कल्याण आश्रम का मान

ऑपरेशन कालनेमि का असर : उत्तराखंड में बंग्लादेशी सहित 25 ढोंगी गिरफ्तार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

पीले दांतों से ऐसे पाएं छुटकारा

इन घरेलू उपायों की मदद से पाएं पीले दांतों से छुटकारा

कभी भीख मांगता था हिंदुओं को मुस्लिम बनाने वाला ‘मौलाना छांगुर’

सनातन के पदचिह्न: थाईलैंड में जीवित है हिंदू संस्कृति की विरासत

कुमारी ए.आर. अनघा और कुमारी राजेश्वरी

अनघा और राजेश्वरी ने बढ़ाया कल्याण आश्रम का मान

ऑपरेशन कालनेमि का असर : उत्तराखंड में बंग्लादेशी सहित 25 ढोंगी गिरफ्तार

Ajit Doval

अजीत डोभाल ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान के झूठे दावों की बताई सच्चाई

Pushkar Singh Dhami in BMS

कॉर्बेट पार्क में सीएम धामी की सफारी: जिप्सी फिटनेस मामले में ड्राइवर मोहम्मद उमर निलंबित

Uttarakhand Illegal Majars

हरिद्वार: टिहरी डैम प्रभावितों की सरकारी भूमि पर अवैध मजार, जांच शुरू

Pushkar Singh Dhami ped seva

सीएम धामी की ‘पेड़ सेवा’ मुहिम: वन्यजीवों के लिए फलदार पौधारोपण, सोशल मीडिया पर वायरल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies