राजनीति के अखाड़े में
July 15, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

राजनीति के अखाड़े में

by
Aug 25, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

राजनीति के अखाड़े में

दिंनाक: 25 Aug 2012 15:13:32

 विजय कुमार

आ खिर शर्मा जी ने राजनीति के अखाड़े में उतरने का निश्चय कर ही लिया। कल पार्क में मिले, तो यही बात होने लगी।

– तो शर्मा जी, अब राजनीति कब से शुरू कर रहे हैं ?

– मुझे तो अनशन का काफी लम्बा अनुभव है, पर मेरे साथी इस चक्कर में पहली बार ही फंसे हैं। इसलिए उनकी हालत खस्ता है। उनका स्वास्थ्य कुछ ठीक हो जाए, तब देखेंगे।

  कुछ दिन बाद जब मैं उनके घर गया, तो वहां उनके साथियों की बैठक चल रही थी। वातावरण काफी गरम था।

एक – सबसे पहले हमें अपने दल का नाम तय करना होगा।

दूसरा – दल का नाम तो जनता को ही तय करना है।

तीसरा – पर बिना नाम के हम जनता के बीच जाएंगे कैसे ?

चौथा – इसलिए पहले जनता के बीच जाकर नाम तय कर लें।

पहला – जनता तो सड़कों पर रहती है, तो क्या हम भी वहीं बैठ जाएं?

दूसरा मीडिया में अधिक महत्व न मिलने से नाराज था। इसलिए वह गुस्से में बोला – अब तक तो हम जनता के बीच ही बैठे थे। इसलिए फिर बैठने में क्या नुकसान है ?

पहला – पर इस बार जनता ने साथ नहीं दिया। इसलिए तो बिस्तर समेटना पड़ा।

दूसरा – तो चुनाव में जनता साथ देगी, इसकी क्या गारंटी है ?

  शर्मा जी ने बात बिगड़ते देखी, तो नाम की बजाय दल के संविधान का विषय छेड़ दिया।

तीसरा – संविधान तो सब दलों का लगभग एक सा ही होता है। किसी एन.जी.ओ को इसका ठेका दे देते हैं। वह फेसबुक पर सर्वेक्षण कर दल का नाम और संविधान बना देगा।

पांचवां – हमें सबसे पहले अगले चुनाव के लिए प्रत्याशी तय कर लेने चाहिए। यदि ऐसा हो गया, तो हमारी बढ़त बन जाएगी। 

दूसरा – पर प्रत्याशियों के लिए कुछ नियम और योग्यताएं तो तय करनी ही होंगी। वरना सैकड़ों लोग टिकट मांगने लगेंगे।

चौथा – विधानसभा के लिए दस और लोकसभा के लिए पन्द्रह दिन के अनशन का अनुभव तो होना ही चाहिए।

पहला – हमें अनशन वाले नहीं, जीतने वाले प्रत्याशी चाहिए।

दूसरा – पर चुनाव तो जाति, क्षेत्र, भाषा और पंथ के आधार पर जीते जाते हैं। धनबल और बाहुबल की भी जरूरत पड़ती है। अंतिम समय में कुछ खाने–पीने का भी प्रबंध करना होता है ?

तीसरा – हम यह सब नहीं करेंगे। यदि यही करना है, तो फिर इस आंदोलन की जरूरत ही क्या थी ?

चौथा – तो फिर ?

पहला – यही तय करने के लिए तो बैठक हो रही है।

  उनकी बहस और सिर फुटव्वल देखकर मैं बाहर आ गया। कुछ देर में बातों का स्वर काफी ऊंचा हो गया। मुझे लगा है कि बस अब निर्णय होने को ही है, पर तभी शर्मा जी भी बाहर आ गये।

– क्यों शर्मा जी, कुछ निर्णय हुआ ?

– कैसा निर्णय, ये तो आपस में ही लड़ रहे हैं। यदि ऐसे ही चलता रहा, तो भ्रष्टाचार और कांग्रेस से कैसे लड़ेंगे ?

– शर्मा जी, आपको यह गलतफहमी कैसे हो गयी कि यह आंदोलन कांग्रेस के विरुद्ध है ?

– क्यों, भ्रष्टाचार की जननी तो कांग्रेस ही है।

– पर यदि आप राजनीतिक दल बनाकर चुनाव लड़ेंगे, तो कांग्रेस विरोधी वोट बंटने से लाभ तो उसे ही होगा।

– अच्छा, यह तो मैंने सोचा ही नहीं था।

– तो अब सोच लीजिये। असल में जो लोग आपको कंधे पर उठाकर घूम रहे हैं, उनका एजेंडा कांग्रेस को लाभ पहुंचाना ही है। इसलिए जितना जल्दी हो सके, इनका साथ छोड़ दें। 

– यानि इनसे अलग हटकर मुझे फिर कुछ करना होगा।

– हां, पर एक बात ध्यान रहे कि अब अनशन मत करना।

   शर्मा जी नाराज होकर फिर अंदर चले गये और अपनी टीम को ही भंग कर दिया।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ए जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री

पाकिस्तान ने भारत के 3 राफेल विमान मार गिराए, जानें क्या है एस जयशंकर के वायरल वीडियो की सच्चाई

Uttarakhand court sentenced 20 years of imprisonment to Love jihad criminal

जालंधर : मिशनरी स्कूल में बच्ची का यौन शोषण, तोबियस मसीह को 20 साल की कैद

पिथौरागढ़ में सड़क हादसा : 8 की मौत 5 घायल, सीएम धामी ने जताया दुःख

अमृतसर : स्वर्ण मंदिर को लगातार दूसरे दिन RDX से उड़ाने की धमकी, SGPC ने की कार्रवाई मांगी

राहुल गांधी ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर हुए रिहा

लखनऊ : अंतरिक्ष से लौटा लखनऊ का लाल, सीएम योगी ने जताया हर्ष

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ए जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री

पाकिस्तान ने भारत के 3 राफेल विमान मार गिराए, जानें क्या है एस जयशंकर के वायरल वीडियो की सच्चाई

Uttarakhand court sentenced 20 years of imprisonment to Love jihad criminal

जालंधर : मिशनरी स्कूल में बच्ची का यौन शोषण, तोबियस मसीह को 20 साल की कैद

पिथौरागढ़ में सड़क हादसा : 8 की मौत 5 घायल, सीएम धामी ने जताया दुःख

अमृतसर : स्वर्ण मंदिर को लगातार दूसरे दिन RDX से उड़ाने की धमकी, SGPC ने की कार्रवाई मांगी

राहुल गांधी ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर हुए रिहा

लखनऊ : अंतरिक्ष से लौटा लखनऊ का लाल, सीएम योगी ने जताया हर्ष

छत्रपति शिवाजी महाराज

रायगढ़ का किला, छत्रपति शिवाजी महाराज और हिंदवी स्वराज्य

शुभांशु की ऐतिहासिक यात्रा और भारत की अंतरिक्ष रणनीति का नया युग : ‘स्पेस लीडर’ बनने की दिशा में अग्रसर भारत

सीएम धामी का पर्यटन से रोजगार पर फोकस, कहा- ‘मुझे पर्यटन में रोजगार की बढ़ती संख्या चाहिए’

बांग्लादेश से घुसपैठ : धुबरी रहा घुसपैठियों की पसंद, कांग्रेस ने दिया राजनीतिक संरक्षण

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies