|
पाकिस्तान हिन्दुओं के लिए नरक बन चुका है। कभी हिन्दू युवतियों का अपहरण करके इस्लाम कबूलवाया जाता है और फिर किसी मुस्लिम युवक के साथ निकाह कर दिया जाता है, कभी किसी हिन्दू व्यापारी का अपहरण कर मोटी रकम वसूली जाती है। न देने पर उसकी हत्या करके उसके दरवाजे के बाहर लाश फेंक दी जाती है। पिछले दिनों तो हद ही पार हो गई। एक हिन्दू युवक को जबर्दस्ती मुसलमान बनाया गया। मतान्तरण की इस प्रक्रिया को एक टी.वी. चैनल पर सजीव दिखाया गया। किसी हिन्दू के मरने पर हिन्दू विधि से उसका अन्तिम संस्कार नहीं होने दिया जाता है। कट्टरवादी उसे दफनाने पर जोर देते हैं। गरीब हिन्दुओं से गुलामी कराई जाती है। हिन्दू मजदूरों से काम कराकर उन्हें मजदूरी नहीं दी जाती है। कहा जाता है कि मुसलमान बनो, सारे हक मिल जाएंगे।
जान बचाने की मजबूरी में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी हिन्दू मुसलमान बनाए जा रहे हैं। और जो मुसलमान नहीं बन रहे हैं वे भारत आने के लिए तड़प रहे हैं और मौका मिलते ही भारत आ रहे हैं। तीर्थाटन और पर्यटक वीजा पर भारत आने वाले ये हिन्दू पाकिस्तान वापस लौटने के नाम पर ही सिहर उठते हैं। वे कहते हैं यहां मरना पसन्द है, पर पाकिस्तान वापस लौटना नहीं। उधर, वीजा अवधि समाप्त होने के बाद पुलिस उन्हें परेशान करने लगती है। इस हालत में ये बेचारे हिन्दू छोटे-छोटे बच्चों और महिलाओं के साथ कहां जाएं, कहां रहें, क्या करें, क्या खाएं?
दिल्ली में मजनूं के टीले पर रहने वाले 145 पाकिस्तानी हिन्दुओं के साथ दिसम्बर, 2011 में कुछ ऐसी ही समस्याएं आ खड़ी हुई थीं। इन समस्याओं को समाचार पत्रों ने भी उठाया। दिल्ली के बिजवासन में रहने वाले और केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में अधीक्षक के पद पर कार्यरत श्री नाहर सिंह ने एक दिन इन पाकिस्तानी हिन्दुओं की खबर अखबार में पढ़ी। तुरन्त वे मजनूं का टीला पहुंचे और उनके दु:ख-दर्द को महसूस किया। फिर वे कई दिन तक इन हिन्दुओं के बारे में सोचते रहे। एक दिन किसी ने उन्हें कहा कि यदि कोई इन बेचारे हिन्दुओं को गोद ले ले तो प्रशासन इन्हें परेशान नहीं करेगा और ये लोग खुद कुछ काम करके अपना जीवन-यापन करने लगेंगे। इसके बाद श्री नाहर सिंह ने इन हिन्दुओं को गोद लेने का फैसला कर लिया। उन्होंने तय किया कि सभी 145 हिन्दुओं को वे अपने घर ही रखेंगे। उन्होंने एक सप्ताह के अन्दर 30 कमरे का अपना वह मकान किरायेदारों से खाली करवाया, जिससे उन्हें करीब 60 हजार रु. महीना किराया आता था। इसके बाद वे 17 दिसम्बर, 2011 को मजनूं का टीला पहुंचे और सभी पाकिस्तानी हिन्दुओं को अपने घर ले गए। महीनों तक श्री नाहर सिंह ने इन लोगों के खाने-पीने का प्रबंध स्वयं किया। फिर पुरुषों को कई जगह काम दिलवाया, किसी को रेहड़ी खरीद कर दी, ताकि वे सब्जी आदि बेच सकें। अभी भी इनमें से अधिकांश हिन्दू उन्हीं के मकान में रह रहे हैं और प्रेम से कमा-खा रहे हैं। नाहर सिंह उनसे कुछ भी नहीं लेते हैं। उल्टे उस मकान का बिजली और पानी बिल स्वयं भरते हैं। उनमें से कोई बीमार हो जाता है तो उसका इलाज भी करवाते हैं।
इन हिन्दुओं के जो बच्चे पढ़ने लायक थे उनकी शिक्षा का भी प्रबंध नाहर सिंह ने किया है। कुछ बच्चे दिल्ली में ही पढ़ते हैं और कुछ को जम्मू-कश्मीर भेजा गया है। वहां ये बच्चे इस्कॉन के एक स्कूल में नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
पाञ्चजन्य ने जब उनसे पूछा कि आज जबकि कुछ लोग पैसे के लिए अपने माता-पिता को भी घर से बाहर कर दे रहे हैं, पर आपने 145 पाकिस्तानी हिन्दुओं को गोद ले लिया है?
सवाल अभी पूरा भी नहीं हुआ था कि उन्होंने कहा कि इन्हें पाकिस्तानी मत कहिए। 1947 में मजहब के आधार पर देश का बंटवारा हुआ था। इसलिए हिन्दू के नाते उनका हिस्सा भारत में अभी भी है। उस समय किसी कारणवश उनके माता-पिता यहां नहीं आ सके। अब उनके बच्चे आ रहे हैं। उन्हें उनका अधिकार देना ही होगा। इसलिए मैंने उनकी नागरिकता के लिए भी पुरजोर प्रयास किया है। उन्होंने यह भी कहा कि जितने भी पाकिस्तानी हिन्दू भारत आएंगे उन सबको हम अपनी जमीन पर बसाने के लिए तैयार हैं। पाकिस्तान में हिन्दू मारे जाएं और हम चुप रहें, यह नहीं हो सकता। हिन्दू यदि हिन्दू की मदद नहीं करेगा, तो कौन करेगा?
कुछ इसी तरह का प्रयास फरीदाबाद में भी हुआ है। वहां भी कुछ पाकिस्तानी हिन्दुओं को विश्व हिन्दू परिषद् और कुछ अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बसाया है। वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री प्रेम स्वरूप खत्री ने बताया कि फरीदाबाद की राजीव कालोनी (सरकारी प्रेस के पास) में एक मकान खरीदकर पांच पाकिस्तानी परिवारों को बसाया गया है। विश्व हिन्दू परिषद् के क्षेत्रीय मंत्री श्री कैलाश सिंहल, जिला कोषाध्यक्ष श्री कालीदास गर्ग आदि कार्यकर्ताओं ने पैसा इकट्ठा कर घर खरीदने में मदद की है। निश्चय ही पाकिस्तान से उत्पीड़ित होकर आए हिन्दुओं की मदद को उठे इन हाथों के सहारे उन्हें जो आश्वस्ति मिलेगी, वही भारत की ताकत है।
'जितने भी पाकिस्तानी हिन्दू भारत आएंगे उन सबको हम अपनी जमीन पर बसाने के लिए तैयार हैं। पाकिस्तान में हिन्दू मारे जाएं और हम चुप रहें, यह नहीं हो सकता। हिन्दू यदि हिन्दू की मदद नहीं करेगा, तो कौन करेगा?' –नाहर सिंह
टिप्पणियाँ