उत्तराखण्ड में बाढ़ और भू-स्खलन से भारी तबाही
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उत्तराखण्ड में बाढ़ और भू–स्खलन से भारी तबाही
उत्तराखंड में पिछले दिनों बाढ़ एवं भू-स्खलन के कारण आई त्रासदी की भयावहता का प्रत्यक्ष अनुभव वहां रहने वाले समाज को हो रहा है। यहां का समाज इस संकट को प्रत्यक्ष झेल रहा है। यह प्राकृतिक आपदा वैसे तो पूरे उत्तराखंड में आई, किन्तु भगीरथी घाटी इससे सर्वाधिक प्रभावित हुई है। सामान्य जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हुआ है। गंगोत्री यात्रा मार्ग पर गांव-कस्बे भू-कटाव के कारण जोखिम भरे हो गए हैं। आपदा से प्रभावित लोग विद्यालयों, पंचायतघरों तथा अपने सगे-संबंधियों के यहां शरण लिए हुए हैं। भगीरथी तथा असिगंगा के तट पर बसा गंगोरी बाजार और संगमचट्टी पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। गावों में बड़ी संख्या में पशुधन की हानि हुई है। नदी तटों पर बनी बस्तियां उजाड़ हो गयी हैं। अनेक पक्के बहुमंजिले मकान धराशायी हुए हैं। यह आशंका व्यक्त की जा रही है कि वर्षाकाल के शेष समय में यह त्रासदी और बढ़ेगी। सरकार ने माना है कि व्यवस्था को बहाल करने के लिए सात-आठ महीने का समय लगेगा। यह एक संकटपूर्ण चुनौती है, इसमें त्वरित राहत की आवश्यकता है। बड़ा संकट खाद्यान्न की आपूर्ति का है क्योंकि सम्पर्क मार्ग अधिकांश स्थानों पर अब नहीं के बराबर हैं।
उत्तराखंड में आई इस आपदा के तुरंत बाद 'उत्तरांचल दैवी आपदा पीड़ित सहायता समिति' के कार्यकर्ताओं का दल पीड़ितों की सहायता के लिए निकल पड़ा। समिति के कार्यकर्ता संकटग्रस्त क्षेत्रों में पीड़ितों को भोजन सामग्री तथा चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध कराने में दिन-रात जुटे हुए हैं। देहरादून से संघ कार्यकर्ताओं का दल मौसम की प्रतिकूलता के बावजूद गंगोरी राहत केंद्र पर सामग्री लेकर सबसे पहले पहुंचा। सर्वाधिक क्षतिग्रस्त गंगोरी में संस्था ने पीड़ितों के लिए राहत केंद्र प्रारंभ किया है। यहां आश्रितों के लिए दैनिक भोजन की व्यवस्था की जा रही है। उत्तरकाशी की भगीरथी घाटी में संस्था के 30 एकल शिक्षक विद्यालय संचालित हैं। मनेरी बांध के निकट गंगोत्री यात्रा मार्ग में स्थित सेवाआश्रम संस्था की सम्पूर्ण गतिविधियों का केंद्र है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से गठित 'उत्तरांचल दैवी आपदा पीड़ित सहायता समिति' ने देशभर में कहीं भी आई प्राकृतिक आपदा में सदैव योगदान किया है। सीमित संसाधनों के बावजूद समिति राहत कार्य में प्राणप्रण से जुटी है। उत्तराखंड में आई इस प्राकृतिक आपदा में संस्था ने समाज से आर्थिक सहयोग करने की अपील की है। संस्था को आयकर की धारा 80जी के अन्तर्गत कर में छूट तथा एफ.सी.आर.ए. का प्रमाण पत्र प्राप्त है। संस्था के संरक्षक डा. नित्यानंद एवं अध्यक्ष प्रो. ए.के. श्रीवास्तव हैं। सहयोग राशि का चेक/ड्राफ्ट 'उत्तरांचल दैवी आपदा पीड़ित सहायता समिति' के नाम भेजा जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए संस्था के कार्यालय पर सम्पर्क करें। प्रतिनिधि
उत्तरांचल दैवी आपदा पीड़ित सहायता समिति (पंजीकृत)
10 कॉन्वेंट रोड, देहरादून, उत्तराखंड
दूरभाष: 0135-2656493, 09837021837, 09456712300
ईमेल: udapssua@rediffmail.com, dineshguptaca@hotmail.com
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