प्रधानमंत्री आर्थिक सुस्ती को तो राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा मान रहे हैं, लेकिन इस सरकार की लचर और घुटनाटेक पाकिस्तान नीति व जिहादी आतंकवाद के विरुद्ध प्रखर राष्ट्रवाद की बजाय मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति ने जितना गंभीर खतरा देश की संप्रभुता व एकता-अखंडता के लिए पैदा कर दिया है, उसकी तरफ उनका ध्यान नहीं है। हाल ही में असम में बंगलादेशी घुसपैठियों के द्वारा जो हिंसक कहर ढाया गया है, और उनके पैरोकारों द्वारा जिस तरह मुम्बई में भीषण उपद्रव किया गया, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए असली खतरा यह है। इसके बारे में प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कोई चिंता या गंभीरता नहीं दिखाई। देश में फैले 4 करोड़ से ज्यादा बंगलादेशी घुसपैठिये किस तरह देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बने हुए हैं, इसका ठोस समाधान तलाशने की बजाय सरकार का नेतृत्व कर रही कांग्रेस मुस्लिमपरस्त वोट-राजनीति में उलझी है। गरीबों को मुफ्त इलाज, हर घर में बिजली व हर एक व्यक्ति का बैंक खाता जैसे लोक-लुभावन वादे अब देशवासियों को उल्लसित नहीं करते, क्योंकि उन्हें पिछले वर्षों में इसी प्राचीर से किए गए वादों का हश्र पता है। जनता अब किसी मुगालते में नहीं है।
यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
टिप्पणियाँ