बेशर्म कांग्रेस : अंक-सन्दर्भ15 जुलाई,2012
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केन्द्र सरकार का हिन्दुओं के साथ अन्याय
हिन्दुओं की जनसंख्या का प्रतिशत कम करने के लिए मुसलमानों को चार-चार शादियां करने का अधिकार, जबकि उच्चतम न्यायालय कई बार देश के सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता बनाने का आदेश दे चुका है।
शिक्षा संस्थाओं में हिन्दुओं को धार्मिक शिक्षा देने पर पाबंदी, किन्तु गैर-हिन्दुओं को स्वतंत्रता। इसकी व्यवस्था भारत के संविधान की धारा 20, 29 और 30 में ही कर दी गई। इतना ही नहीं सोनिया गांधी की यूपीए सरकार तो इस्लामी शिक्षा एवं कट्टरवाद को अत्यधिक प्रसारित करने के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की पांच शाखाएं खोल रही है। इसके अतिरिक्त इस्लामी मदरसों को अत्यधिक धन का आवंटन भारत सरकार द्वारा किया जाता है।
गैर-हिन्दुओं के लिए अल्पसंख्यक आयोग, जो अनेक संवेदनशील मामलों पर हिन्दू विरोधी और अल्पसंख्यकों के प्रति पक्षपात करता हुआ अनेक प्रकार से काम करता है।
भारत में हिन्दुओं को नकारते हुए गैर-हिन्दुओं (मुसलमान, ईसाई आदि) की आर्थिक शक्ति को अधिक बढ़ाने के लिए सरकारी खजाना लुटाया जा रहा है। हर चीज में छूट दी जा रही है। 3 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण दिया जाता है। इस प्रकार गैर-हिन्दुओं के मुकाबले में हिन्दू उद्योग और व्यवसाय में पिछड़ रहे हैं। गैर-हिन्दुओं की आर्थिक सहायता और उन्नति के लिए राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम का निर्माण किया गया।
संप्रग सरकार द्वारा केवल गैर-हिन्दुओं के हित साधने के लिए एक अलग अल्पसंख्यक मंत्रालय भी बना दिया गया है, जिसने मुख्य रूप से मुसलमानों को आर्थिक सहायता देने की योजनाएं बनाई हैं।
दक्षिण भारत के सभी विशाल हिन्दू मंदिरों का प्रबंधन सरकार द्वारा अपने हाथों में लिया जा चुका है और इन मंदिरों की आय का आधे से अधिक धन ईसाई और मुस्लिम संस्थाओं में बांटा जा रहा है।
भारत सरकार द्वारा मुसलमानों को हज यात्रा के लिए करोड़ों रुपए सरकारी कोष से दिये जाते हैं, जबकि संसार का अन्य कोई भी देश यहां तक कि सऊदी अरब या पाकिस्तान भी हज यात्रा के लिए धन नहीं देता। भारत में यह हिन्दू करदाता पर दंड ही है।
अल्पसंख्यक मंत्रालय एवं प्रधानमंत्री की 15 सूत्री योजनाओं द्वारा ईसाई, मुसलमान आदि के बच्चों को लाखों रु. छात्रवृत्तियां दी जाती हैं, किन्तु हिन्दू बच्चों को अधिक अंक लाने पर भी इन छात्रवृत्तियों से वंचित रखा जाता है।
यह सब इसीलिए हो रहा है कि हिन्दू अपने ऊपर हो रहे अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध आवाज नहीं उठाते, जबकि भारत सरकार को जो कर प्राप्त होता है उसमें से 95 प्रतिशत कर तो हिन्दुओं द्वारा ही दिया जाता है।
–डा. कैलाश चन्द्र
डी-107, आनन्द निकेतन, नई दिल्ली-110021
श्री मनमोहन शर्मा की रपट 'मस्जिद बनाने को अरबों की जमीन व सरकारी खजाना लुटाने की तैयारी' का संकेत है कि कांग्रेस पूरी तरह बेशर्म हो गई है और उसको सत्ता के सिवाय और कुछ सूझता ही नहीं है। दिल्ली में लालकिला के सामने सुभाष पार्क में जो कुछ हो रहा है उसके लिए पूरी तरह कांग्रेस जिम्मेदार है। दिल्ली में ही 'नूर मस्जिद' को लेकर इसी कांग्रेस ने घटिया राजनीति की है। जहां एक घर भी मुस्लिम नहीं है, वहां सरकारी जमीन पर सरकारी पैसे से नूर मस्जिद बनाई जा रही है।
–सुहासिनी प्रमोद वालसंगकर
द्वारकापुरम, दिलसुखनगर, हैदराबाद-60 (आं.प्र.)
सुभाष पार्क पर स्थानीय लोजपा विधायक शोएब इकबाल की नजर बहुत पहले से थी। उन्होंने जामा मस्जिद इलाके में कई शत्रु सम्पत्ति पर भी कब्जा कर रखा है। इस तरह के समाचार अनेक बार आ चुके हैं। सुभाष पार्क पर भी वह कब्जा करना चाहते हैं इसलिए उन्होंने 'अकबराबादी मस्जिद' की कहानी गढ़ी है। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।
–दयाशंकर मिश्र
मण्डोली (दिल्ली)
झूठा पाकिस्तान
सम्पादकीय 'पाकिस्तान के नकार को कब तक बर्दाश्त करेंगे?' में पाकिस्तान को लेकर भारत की खोखली नीति पर चोट की गई है। अनेक बार यह सिद्ध हो चुका है कि पाकिस्तान झूठा देश है। झूठ बोलकर ही वह अमरीका से सहायता प्राप्त करता है और उसी झूठ के आधार पर भारत को बरगलाता रहता है। भारत में घटी हर आतंकवादी घटना के तार पाकिस्तान से जुड़े होते हैं, फिर भी भारत उसकी बातों पर विश्वास कर लेता है।
–राममोहन चंद्रवंशी
अभिलाषा निवास, विट्ठल नगर टिमरनी, जिला–हरदा (म.प्र.)
पूरी दुनिया में पाकिस्तान आतंकवादी देश के रूप में कुख्यात हो रहा है। इस हालत में भारत को पाकिस्तान से विशेष सतर्क रहने की जरूरत है। उसे सख्ती के साथ कहा जाना चाहिए कि आतंकवादियों का सफाया करो, तभी तुमसे कोई बात होगी। पर ऐसा तो भारत सरकार कहती नहीं है, ऊपर से भारतीय क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड पाकिस्तानी क्रिकेट टीम को भारत में श्रृंखला खेलने के लिए बुला रहा है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दुओं के साथ भी बड़ा बुरा व्यवहार हो रहा है। फिर भी हम उनके साथ क्रिकेट खेल रहे हैं, बातचीत कर रहे हैं।
–आनन्द मेहता
13/740, सरर्ाफा बाजार
सहारनपुर-247001 (उ.प्र.)
पाकिस्तान के साथ नेहरू काल से ही लचर नीति अपनाई जा रही है। पाकिस्तान हमारे लिए बुरा ही करता रहता है पर हम उसकी भलाई की चिन्ता करते रहते हैं। पाकिस्तानियों को थोक में वीजा दे रहे हैं। वे आते हैं और यहीं के होकर रह जाते हैं। सरकार को शर्म आनी चाहिए।
–हरेन्द्र प्रसाद साहा
नया टोला, कटिहार-854105 (बिहार)
भौतिकवादी गीता पढ़ें
श्री हृदयनारायण दीक्षित का आलेख 'परमतत्व की प्राप्ति आसान नहीं' अच्छा लगा। 'गॉड पार्टीकल' के संबंध में अनेक तरह की बातें की जा रही हैं। पत्थरों को फोड़ना और कणों में परमतत्व की खोज करना केवल भौतिकवादियों का फितूर है। ये भौतिकवादी यदि हमारी गीता को हजार दो हजार बार सस्वर पढ़ लें तो स्वयं ही वे अनुभव करेंगे कि परमतत्व क्या है, वह कहां है।
–बी.आर. ठाकुर
सी-115, संगम नगर, इन्दौर-452006 (म.प्र.)
अनछुए प्रसंग
श्री देवेन्द्र स्वरूप ने अपने लेख 'हिन्दू समाज को तोड़ने का ब्रिटिश षड्यंत्र' में अनछुए प्रसंगों को पाठकों तक पहुंचाया है। ब्रिटिश सरकार की नीति थी-फूट डालो, राज करो। इसमें वे सफल भी रहे। ब्रिटिशकाल के समाचार पत्रों की प्रशंसा करनी होगी कि उन्होंने अंग्रेजों के दोषों को बड़े तार्किक ढंग से लोगों तक पहुंचाया। इस कारण लोग सजग भी हुए। आज स्वतंत्र भारत का सेकुलर मीडिया अपने उद्देश्य से भटकता दिख रहा है।
–उदय कमल मिश्र
गांधी विद्यालय के समीप, सीधी-486661 (म.प्र.)
श्रीरामसेतु और हमारी आस्था
विश्व हिन्दू परिषद् के संरक्षक श्री अशोक सिंहल की मांग उचित है कि श्रीरामसेतु को विश्व धरोहर घोषित किया जाए। दुनिया के अन्य देश अपनी धरोहरों को बड़ी अच्छी तरह संजो कर रखते हैं। पर दुर्भाग्य से भारत सरकार ऐसा नहीं कर रही है। यह सरकार बार-बार हिन्दुओं की आस्था पर चोट कर रही है।
–हरिहर सिंह चौहान
जंवरीबाग नसिया, इन्दौर-452001 (म.प्र.)
सिन्धु दर्शन महोत्सव का प्रचार हो
लेह में आयोजित सिन्धु दर्शन महोत्सव का समाचार अपार खुशी देने वाला रहा। यदि इस महोत्सव के आयोजन की जानकारी तीन-चार महीने पहले पूरे भारत में दी जाए तो बड़ी संख्या में लोग इसमें भाग लेंगे। मैं गुजरात में पाकिस्तान से लगी सीमा पर रहता हूं। शायद इसलिए लेह महोत्सव के आयोजन की जानकारी मुझे नहीं मिल पाई। यदि जानकारी होती तो मैं राष्ट्रीय गौरव के इस महोत्सव में भाग जरूर लेता।
–गोविन्द वी. खोखानी
प्रगना ज्योति, न्यू बास
पो. मधापर, भुज
कच्छ-370020 (गुजरात)
मोदी विरोध का अर्थ
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के विरुद्ध लगातार विषवमन किया जा रहा है। कोई उन्हें 'मौत का सौदागर', तो कोई 'राजनीतिक आतंकवादी', कोई 'तानाशाह', तो कोई 'साम्प्रदायिक' कह रहा है। आश्चर्य तो यह है कि ये शब्द वही लोग कह रहे हैं, जिनके हाथ खून से सने हुए हैं, जो सम्प्रदाय के आधार पर देश की एकता को तोड़ रहे हैं। तीन हजार से अधिक सिखों का नरसंहार करने वाले कांग्रेसियों को नरेन्द्र मोदी के खिलाफ बोलने का कोई अधिकार नहीं है।
–श्रीचन्द जैन
10/3766, गली सं. 4, धर्मपुरा, गांधीनगर दिल्ली-110031
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