दंगे में फिर झुलसा बरेली
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दिनेश
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार आते ही तमाम शहर संवेदनशील दिखाई देने लगे हैं। बरेली में 22 जुलाई की रात एक बार फिर दंगा भड़का। रमजान के पहले दिन ही कांवड़ियों के साथ एक विशेष सम्प्रदाय के लोगों ने बदसलूकी की। इसके बाद पूरे शहर में तनाव फैल गया, आगजनी, पथराव, लूटपाट का तांडव पूरी रात होता रहा। नतीजा यह हुआ कि प्रशासन को कर्फ्यू लगाना पड़ा।
बरेली के हडापीर इलाके में विभूतिनाथ मंदिर में कांवड़ियों का जत्था जलाभिषेक करने बैंड बाजों के साथ जा रहा था। वहीं कुछ असामाजिक तत्वों ने बैण्ड बाजा बंद करने को लेकर विवाद पैदा किया और कहासुनी, मारपीट के बाद यह विवाद तनाव का रूप ले गया। कांवड़ियों का आरोप है कि उनकी कांवड़ तोड़ दी गयी। इस विवाद में पथराव भी हुआ जिसमें कावड़ियों को चोटें भी आयीं। जैसे ही ये खबर शहर में फैली तो दोनों समुदाय एकजुट होकर आमने-सामने हो गये । आरोप है कि उपद्रवियों ने अपने घरों की छतों से कावड़ियों पर पथराव भी किया। तनाव बढ़ता देख पुलिस ने मोर्चा सम्भाला। दंगाइयों की तरफ से गोलीबारी भी शुरू हुई जिसमें एसपी सिटी शिव नागर समेत पांच सिपाही भी घायल हुए। दंगाइयों ने स्कूटरों, पान के खोकों में आग लगाई। दंगाइयों पर काबू पाने के लिये प्रशासन ने त्वरित पुलिस बल को मौके पर बुला लिया और देर रात कर्फ्यू लगा दिया। इसी दौरान शाहबाद के एक मजहबी स्थल से कावड़ियों पर फायरिंगग भी की गयी, जिसमें दर्जनभर शिवभक्त घायल हुए। शहर के बड़े हिस्से में दंगा फैलता देख पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी जिसमें दो दंगाइयों की मौत हो गयी। इससे पूर्व आंवला क्षेत्र में भी कांवड़ियों पर हमला बोला गया। परन्तु पुलिस ने स्थिति को सम्भाल लिया। दूसरे दिन भी बरेली में कर्फ्यू लगे होने के बावजूद आगजनी हुयी। दंगाइयों को खदेड़ने के लिये पुलिस ने कई जगह रबर की गोलियां दागीं। आंवला में भी दूसरे दिन तनाव जारी रहा । बरेली के संजय नगर, शहाकत गंज, शाहदना चौराहे पर दंगाइयों ने कई दुकानें फूंक डालीं। जहां बाद में बीएसएफ ने मौके पर पहुंच कर हालात काबू में किये । भाजपा नेता राजेश अग्रवाल ने कहा कि दंगा कराने के पीछे सत्तारूढ़ दल की साजिश है। उन्होंने कहा कि हरिद्वार से बरेली तक कावड़िये सुरक्षित आ जाते हैं पर बरेली में उन पर पथराव कर दिया जाता है। ये सीबीआई जांच का विषय है कि कौन दंगा करा रहा है। खबर लिखे जाने तक बरेली में 20 घंटे का कर्फ्यू जारी था। खास बात यह भी है कि बरेली में तनाव पर राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बयान भी जारी नहीं किया। अलबत्ता पुलिस के एडीजी, आई जी, डी आईजी, एसएसपी समेत तमाम अधिकारी दंगाग्रस्त इलाकों का दौरा करते रहे। प्रशासन ने दंगा फैलाने के आरोप में दो दर्जन और कर्फ्यू तोड़ने के आरोप में दो सौ से अधिक लोगों को अब तक गिरप्तार किया है।
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