फिर अंतरिक्ष में सुनीता! /सूखे की चपेट में अमरीका/नेपाल में दर्दनाक हादसा/गावस्कर दा जवाब नहीं/थम गई सड़कें लंदन की
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कजाकिस्तान के बैकानूर प्रक्षेपण स्थल से रूसी अन्तरिक्ष यान सोयूज टीएमए.05 एम पर सवार होकर 46 साल की भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स दूसरी बार अन्तरिक्ष में जा पहुंची हैं। सुनीता अपने
दो साथी अंतरिक्ष यात्रियों-सोयूज के कमांडर रूस के यूरी मेलेन्चैंको और जापान के उनकीहीको होशीदे के साथ अंतरिक्ष में पहले से मौजूद अन्तरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में चार महीने रहकर तमाम तरह के महत्वपूर्ण अनुसंधानों में जुटेंगी। 17 जुलाई को तीनों अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में मौजूद स्पेस स्टेशन में प्रवेश कर चुके हैं। सुनीता अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा दिनों (195 दिन) तक उड़ान भरने वालीं पहली महिला अंतरिक्ष यात्री हैं।
सूखे की चपेट में अमरीका
अमरीका इन दिनों भयंकर सूखे की चपेट में है। अमरीका के उपमहाद्वीपीय हिस्सों में ताल-तलैया सूख चुके हैं, सूरज आग बरसा रहा है, फसलें झुलस चुकी हैं, लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं, सड़कें, मैदान सूने हैं, मकई की सूखी, झुलसी डंठलें किसान काटकर हटा रहे हैं…. कुल मिलाकर हालात बेहद खराब और चिंताजनक हैं। वहां के राष्ट्रीय महासागरीय और पर्यावरणीय प्रशासन ने जो आंकड़े जारी किए हैं उनके अनुसार, 1956 के बाद यह अमरीका में सबसे बड़े इलाके में सबसे भीषण सूखा है। एक और आंकड़ा कहता है कि यह 1895 के बाद का वहां सबसे गर्म साल है। जून के अंत तक महाद्वीपीय अमरीका का 55 फीसदी हिस्सा सूखे की चपेट में था। फसलें तो चौपट हो ही गई हैं, कई राज्यों के जंगलों में आग भी सुलगती देखी गई। अमरीका के कृषि विभाग ने 26 राज्यों के एक हजार से ज्यादा इलाकों को आपदाग्रस्त घोषित कर दिया है।
इससे उलट, रूस, जापान और चीन में तेज बारिश, तूफान के चलते भयंकर बाढ़ ने बड़ी संख्या में जनजीवन को आहत कर रखा है। पोलैंड में बर्फानी तूफान ने लोगों को सांसत में डाल रखा है। मौसम में इस तरह के अचानक और चरम बदलावों को देख विशेषज्ञ हतप्रभ हैं और इसके पीछे प्रकृति के कोप को वजह मानने वालों की संख्या भी कम नहीं है। कुदरत से जरूरत से ज्यादा छेड़छाड़ का यह दुष्परिणाम लंबे अर्से से आंका जा रहा था और इसी से निजात पाने को पर्यावरण सम्मेलनों में चर्चाएं की जाती थीं। लेकिन पश्चिमी देशों की हेकड़ी किसी समाधान की गुंजाइश ही नहीं पैदा होने देती। इसी का नतीजा इस रूप में सामने आ रहा है।
घटनास्थल पर विलाप करती हुई एक दुखियारी
नेपाल में दर्दनाक हादसा
15 जुलाई को नेपाल में एक बड़ी दर्दनाक घटना घटी। राजधानी काठमाण्डू से करीब 100 किमी. दूर सिंधौली जिले में उत्तर प्रदेश के तीर्थयात्रियों से भरी बस पहाड़ी सड़क से फिसलकर 400 मीटर नीचे सनकोसी नदी में जा गिरी। इस दुखद घटना में 41 यात्रियों की मृत्यु हो गई। ये यात्री काठमाण्डू से करीब 150 कि.मी. दूर नवलपरासी जिले में स्थित एक सुप्रसिद्ध तीर्थ त्रिवेणी जा रहे थे। इलाके में जबरदस्त बारिश के चलते पहाड़ी सड़कों पर फिसलन थी और बस में बहुत ज्यादा यात्री बैठे होने से चालक एक मोड़ पर काबू खो बैठा। घटना के तुरन्त बाद नेपाली फौज और पुलिस के जवानों के साथ आस-पास के निवासियों ने बचाव कार्य शुरू कर दिया। भारत की तरफ से भी सीमा के पास स्थित घटनास्थल पर डाक्टर सहित बचाव दल रवाना किया गया।
गावस्कर दा जवाब नहीं…
मुम्बई हमलों के साजिशकर्ताओं को खुली पनाह दिए पाकिस्तान ने भारत का सदा मजाक ही उड़ाया है। ऐसे पाकिस्तान के साथ भारत में क्रिकेट मैच खेलने को उतावली मनमोहन सरकार ने एक बार फिर भारत के हितों और आम नागरिकों की जिंदगी का मखौल उड़ाया है। राजीव शुक्ला सरीखे मंत्रियों की पाकिस्तानपरस्ती का बड़ा माकूल जवाब दिया पूर्व सलामी बल्लेबाज सुनील गावस्कर ने। उन्होंने कहा, 'एक मुम्बईकर के नाते, मुझे लगता है कि पकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने की जरूरत ही क्या है? जब दूसरी तरफ से (आतंकवाद पर काबू करने में) कोई सहयोग ही नहीं मिल रहा हो तो उससे क्रिकेट खेलने की यह आपाधापी क्यों? एक बार आप गलती करके बच जाएं तो आप फिर-फिर वही गलती करेंगे।'
थम गई सड़कें लंदन की
लंदन में 27 जुलाई से शुरू होने जा रहे ओलम्पिक खेलों के लिए कई देशों के लाव-लश्कर लंदन में जमा होने लगे हैं। खेलों के लिए खासतौर पर बसाए गए 'ओलम्पिक पार्क' में रौनक बढ़ने लगी है। चारों तरफ खिलाड़ियों के जत्थे कूदते-फांदते, चहकते-बतियाते, रणनीतियां बनाते देखे जा सकते हैं। खिलाड़ियों के आने का सिलसिला शुरू हुआ था 16 जुलाई को और उसी दिन लंबे-चौड़े इंतजामों का दावा ठोकने वाले लंदन प्रशासन की पोल खुल गई। स्ट्रेटफोर्ड में बने 'ओलम्पिक पार्क' तक पहुंचने वाली सड़कों पर गाड़ियों के ऐसे चक्के जाम हुए कि रेलमपेल मच गई। एक के पीछे एक, खिलाड़ियों की बसों और कारों ने ऐसा जाम लगाया कि 51 किमी. तक लंबी लाइन लग गई। कई देशों के खिलाड़ियों ने दूसरे लंबे रास्तों को पकड़ा, तो कइयों ने जाम में फंसे रहने के बजाय लंदन शहर घूमने की ही फौरी योजना बना ली। अमरीका और आस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों से लदी दो बसें चार घंटे तक गुमशुदा रहीं, ड्राइवर रास्ता भटक गए थे।
आलोक गोस्वामी
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