समाजसेवा के लिए जरूरी है त्याग की भावना
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राष्ट्रीय सिख संगत की दो दिवसीय अ.भा. कार्यकारिणी बैठक
समाजसेवा के लिए जरूरी है त्याग की भावना
– डा. बजरंग लाल गुप्त
क्षेत्र संघचालक, उत्तर क्षेत्र, रा.स्व.संघ
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तर क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक डा. बजरंग लाल गुप्त ने श्री गुरुगोबिन्द सिंह के बलिदान को याद करते हुए कहा कि जब तक हमारे मन में त्याग की भावना उत्पन्न नहीं होगी, हम कोई भी सामाजिक कार्य नि:स्वार्थ भाव से नहीं कर पाएंगे। उक्त उद्गार उन्होंने गत दिनों नई दिल्ली में राष्ट्रीय सिख संगत की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के समापन सत्र को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
राष्ट्रीय सिख संगत के राष्ट्रीय अध्यक्ष स. गुरचरन सिंह गिल ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि हम प्रारंभ से संघर्षरत रहे हैं। हम सबकी निष्ठा एवं कर्मशीलता के कारण आज राष्ट्रीय सिख संगत विश्वभर में चर्चित है। हमारे समर्थक और विरोधी हमारी प्रगति और कार्यशैली को बड़ी गम्भीरता से ले रहे हैं। हमारा सांझीवालता का सिद्धांत गुरुबाणी और गुरुमत पर आधारित है। यह एक अविचल और अटल सत्य है। श्री गिल ने कहा कि हम गुरुबाणी और दस गुरुसाहिबान की शिक्षा के आधार पर अपने प्राचीन सनातन भारतीय राष्ट्र को शक्तिशाली और स्वाभिमानी बनाना चाहते हैं। इस विचार को प्रचारित करने और समझने की जिम्मेदारी हम सबकी है। उन्होंने कहा कि हम संघर्षों और विरोधों के बावजूद न केवल जीवित हैं, अपितु चट्टान की तरह डटे हैं। इस अवसर पर विहिप के उपाध्यक्ष श्री बालकृष्ण नाईक, राष्ट्रीय सिख संगत के संरक्षक श्री रमेश प्रकाश एवं राष्ट्रीय महामंत्री संगठन श्री अविनाश जायसवाल विशेष रूप से उपस्थित थे।
राष्ट्रीय सिख संगत की दो दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक में विभिन्न विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई। इनमें संगठन विस्तार तथा देश की वर्तमान स्थिति मुख्य विषय थे। बैठक में सिख संगत के प्रदेश अध्यक्ष एवं अखिल भारतीय पदाधिकारियों ने भाग लिया। उद्घाटन सत्र को राष्ट्रीय सिख संगत के संरक्षक स. चिरंजीव सिंह ने संबोधित किया। प्रतिनिधि
काशी में 'राष्ट्ररक्षा और पत्रकारिता का धर्म' विषयक संगोष्ठी
राष्ट्र रक्षा और पत्रकारिता पर चिंतन
'राष्ट्रहित को देखने के लिए देश के पास अपनी नजर नहीं है, इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या होगा? विदेशी मीडिया भारतीय पहचान को बदलने में प्रयासरत है'। उक्त बातें गत दिनों हिन्दुस्थान समाचार संवाद समिति द्वारा उत्तर प्रदेश के काशी में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए नवोत्थान लेख सेवा के सम्पादक डा. कुलदीप चन्द्र अग्निहोत्री ने कहीं। संगोष्ठी का आयोजन हिन्दुस्थान समाचार के काशी कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर हुआ।
'राष्ट्ररक्षा और पत्रकारिता का धर्म' विषयक संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए डा. अग्निहोत्री ने कहा कि देश में दो तरह के लोग बसते हैं। भारतीय और इण्डियन। उन्होंने कहा कि आजकल समाचार पत्रों में समाचार कम और विज्ञापन ज्यादा होते हैं। पत्रकारिता आज व्यवसाय का रूप ले चुकी है। जिसकी डोर माफियाओं और गुंडों के हाथों में है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रा.स्व.संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक श्री शिवनारायण ने कहा कि राष्ट्र का अभिप्राय भौगोलिक क्षेत्र व उसमें निवास करने वाले ऐसे लोगों से है जो मिलकर राष्ट्र का निर्माण करते हैं। ऐसे ही राष्ट्ररक्षा का मतलब अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए किया गया संघर्ष है। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार डा. अत्रि भारद्वाज ने कहा कि आज न्यायपालिका और पत्रकारिता पर ही लोगों का भरोसा है। पत्रकार वह आधार या मंच है जो समाज को एक धारा में लेकर चलता है। राष्ट्रप्रेम ही पत्रकारिता का मूल है।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष प्रो. राधेश्याम द्विवेदी ने कहा कि पत्रकारिता को लक्ष्य बनाकर सांस्कृतिक भावों के साथ राष्ट्र की रक्षा की जा सकती है। इस अवसर पर विधायक ज्योत्सना श्रीवास्तव, डा. वीणा पाण्डेय विशेष रूप से उपस्थित थीं।
विषय प्रवर्तन करते हुए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पत्रकारिता संस्थान के प्रमुख प्रो. ओम प्रकाश सिंह ने हिन्दुस्थान समाचार के इतिहास पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आज देश में आर्थिक संकट चरम पर है। इसके बावजूद पत्रकारिता अपने धर्म का निर्वाह कर रही है। कार्यक्रम का संचालन श्री राजेश तिवारी ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन किया श्री सुनील दुबे ने। प्रतिनिधि
उड़ीसा में 10वीं कक्षा का परीक्षा परिणाम घोषित
शिशु मंदिरों का बेहतरीन प्रदर्शन
विद्या भारती से संबद्धओडिशा शिक्षा विकास समिति द्वारा संचालित सरस्वती शिशु विद्या मंदिरों का दसवीं की परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन इस वर्ष भी जारी रहा। पूरे राज्य में 10वीं की परीक्षा में उत्तीर्ण दर जहां 70.80 प्रतिशत रही, वहीं सरस्वती शिशु मंदिरों की उत्तीर्ण दर 98.05 प्रतिशत रही। इसी तरह राज्य के 97 सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालयों के परीक्षा परिणाम शत-प्रतिशत रहे। प्रथम दस स्थानों पर रहे 20 विद्यार्थियों में से 12 सरस्वती शिशु विद्या मंदिरों के हैं।
उल्लेखनीय है कि गत कुछ वर्षों में सरस्वती शिशु विद्या मंदिरों का प्रदर्शन 10वीं की परीक्षा में काफी बेहतरीन रहा है। शिक्षा विकास समिति से जुड़े श्री चिन्मय सत्पथी ने बताया कि इस वर्ष 10वीं की परीक्षा में कुल 843 शिशु मंदिरों के कुल 10 हजार 528 छात्र परीक्षा में बैठे थे, इनमें से 98.05 प्रतिशत विद्यार्थी उत्तीर्ण रहे। 70.12 प्रतिशत छात्र-छात्राएं प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं।
10वीं की परीक्षा में पहले सौ स्थानों पर रहने वाले शिशु मंदिरों के छात्र-छात्राओं को सम्मानित करने के लिए शिक्षा विकास समिति द्वारा गत दिनों भुवनेश्वर में 'मेधावी अभिनंदन-2012' का आयोजन किया गया।
इस अवसर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए राज्य के विद्यालय व जन शिक्षा मंत्री श्री प्रताप जेना ने कहा कि शिशु मंदिरों ने सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया है। शिक्षा विकास समिति ओडिशा के अध्यक्ष डा. बांछानिधि पंडा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की तथा सचिव डा. सरोज कुमार हाती ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में शिक्षा विकास समिति के पूर्व अध्यक्ष तथा वरिष्ठ प्रो. प्रफुल्ल महापात्र, विद्या भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. रामकृष्ण राव, विद्या भारती के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री गोविंद महांत विशेष रूप से उपस्थित थे। समन्वय नंद
अभाविप ने मनाया 64वां स्थापना दिवस
गत दिनों अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की फरीदाबाद शाखा ने अभाविप का 64वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इंडियन ऑयल अनुसंधान एवं विकास केंद्र के वैज्ञानिक श्री ए.ए. गुप्ता थे, जबकि अध्यक्षता महर्षि दयानंद शिक्षण संस्थान की अध्यक्षा डा. विमला मेहता ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में हरियाणा स्टेट फार्मेसी काउंसिल के उपाध्यक्ष श्री धनेश अदलखा एवं रतन ग्रुप के अध्यक्ष श्री यशवीर डागर उपस्थित थे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री श्री उमेश दत्त थे।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री उमेश दत्त शर्मा ने कहा कि आज देश के युवा अभाविप के साथ बहुत बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं। अब सिर्फ कालेजों में ही अभाविप का काम नहीं है, बल्कि आई.आई.टी. और आई.आई.एम. जैसे संस्थानों में भी अभाविप का कार्य है। उन्होंने कहा कि परिषद का उद्देश्य भारत के पुनर्निमाण में छात्रशक्ति को संगठित करना है। इस अवसर पर उपस्थित छात्रों से श्री उमेश दत्त ने अभाविप की सदस्यता ग्रहण करने का आह्वान किया।
मुख्य अतिथि डा. ए.ए. गुप्ता ने छात्रों को देश व समाज के लिए अधिक से अधिक सोचने और रचनात्मक कार्य करने का आह्वान किया। श्री यशवीर डागर ने कहा कि अभाविप का कार्य बहुत पुनीत कार्य है। रचनात्मक सोच के माध्यम से ही देश परमवैभव पर पहुंच सकता है। श्री धनेश अदलखा ने कहा कि देश का इतिहास युवाओं के साहस और त्याग से भरा पड़ा है। आज देश गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है। जिनका समाधान सिर्फ युवाओं के पास है। कार्यक्रम का संचालन श्री मोहन कुमार शास्त्री और प्रो. लक्ष्मी ने किया। कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के करीब 359 प्रतिभावान छात्रों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर छात्रों ने विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन भी किया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना और गणेश वंदना से हुई। प्रतिनिधि
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