शर्मनिरपेक्षता
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

शर्मनिरपेक्षता

by
Jul 14, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

शर्मनिरपेक्षता

दिंनाक: 14 Jul 2012 17:07:50

व्यंग्य वाण

विजय कुमार

शर्मा जी यों तो सदा राजनीतिक मूड में रहते हैं; पर यदि उनके हाथ में अखबार हो, तो समझिये कि वे बहस पर उतारू हैं।

– वर्मा, देश में पंथनिरपेक्ष प्रधानमंत्री हो, इसमें क्या बुरा है ?

– शर्मा जी, हम साधारण लोग यह तय करने वाले कौन होते हैं ?

– क्यों, भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहां हमें अपना शासक चुनने का पूरा अधिकार है।

– यह आपका भ्रम है शर्मा जी। भारत में लोकतंत्र के आवरण में आज भी राजतंत्र और परिवारवाद जीवित है। कांग्रेस में यह ऊपर के लोगों से होता हुआ नीचे तक पहुंचा। भाजपा में यह नीचे से ऊपर की ओर खिसक रहा है।

– पर राजनीति में ये दो ही दल तो नहीं हैं ?

– हां, पर बाकी दल तो पारिवारिक या जातीय दलदल हैं, जो कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा के साथ सत्ता सुख भोगते रहते हैं।

– तुम बात को घुमा रहे हो। मैं कह रहा था कि प्रधानमंत्री धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए।

–और मैं कह रहा हूं कि प्रधानमंत्री हो या मुख्यमंत्री, वह पंथनिरपेक्ष भले ही न हो; पर शर्मनिरपेक्ष अवश्य होना चाहिए।

–शर्मनिरपेक्ष से तुम्हारा क्या मतलब है वर्मा ?

– शर्मा जी,  इस समय भारत की राजनीति में सबसे अधिक अकाल शर्म का ही है। अधिकांश नेता और दल शर्मनिरपेक्ष हो गये हैं। राष्ट्रपति चुनाव को ही लो। मुस्लिम वोट खींचने के लिए कांग्रेस किसी मुसलमान को राष्ट्रपति बनाना चाहती थी; पर ममता और मुलायम सिंह के झटके से मजबूर होकर उन्हें प्रणव मुखर्जी को अपना प्रत्याशी घोषित करना पड़ा।

– ये तुम्हारा दृष्टिकोण हो सकता है, सबका नहीं।

– उधर मुलायम सिंह ने ममता के साथ जो खिचड़ी पकाई थी, उसे अगले ही दिन उलट दिया। इससे नाराज ममता ने प्रणव बाबू का समर्थन न करने की घोषणा कर दी। वैसे वे अंतिम समय में कहां खड़ी होंगी, यह उनके अतिरिक्त कोई नहीं जानता।

– हां, ये तो है।

– दूसरी ओर नीतीश कुमार भाजपा के कारण बिहार में सत्ता की खीर खा रहे हैं; पर यहां वे उसके साथ नहीं हैं। उन्हें अगले लोकसभा चुनाव के सपने आ रहे हैं। शिवसेना भी प्रणव बाबू के साथ है। उ.प्र. में मुलायम सिंह और मायावती कांग्रेस को फूटी आंख देखना पसंद नहीं करते; पर राष्ट्रपति चुनाव में दोनों उसके साथ हैं।

– और भारतीय जनता पार्टी … ?

– उसका खेल भी बड़ा निराला है। सबसे बड़ा विपक्षी दल होने के बाद भी उसे कोई प्रत्याशी नहीं मिला। अपनी शर्म छिपाने को वे संगमा के साथ लग गये हैं।

– पर नवीन पटनायक और जयललिता तो उनके साथ हैं।

– किसी भ्रम में न रहो शर्मा जी। उन्हें तो कांग्रेस का विरोध करना है, इसलिए वे संगमा के साथ हैं। वे भाजपा के हितैषी न कभी थे और न कभी होंगे। यह मत भूलो कि नवीन ने विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के साथ क्या किया था और जयललिता ने ही अटल जी की सरकार को तेरह महीने बाद एक वोट से गिराया था। 

– पर कांग्रेस तो मजबूत है ?

– उसकी भी सुनो। लालू बहुत दिनों से केन्द्रीय मंत्री बनना चाहते हैं; पर कांग्रेस ने उन्हें घास नहीं डाली। अब कांग्रेस उनसे समर्थन मांग रही है और लालू मंत्रीपद के लालच में समर्थन दे भी रहे हैं।

– तुम कहना क्या चाहते हो। मैं पंथनिरपेक्ष प्रधानमंत्री की बात कर रहा था और तुम राष्ट्रपति चुनाव की गोटियां गिना रहे हो ?

– शर्मा जी, राष्ट्रपति हो या प्रधानमंत्री; सत्ताधारी दल हो या विपक्ष; एक बार पंथनिरपेक्ष न हो तो चलेगा; पर शर्मनिरपेक्षता के बिना गाड़ी बिल्कुल नहीं चल सकती। इसके कारण राजनीति और राजनीतिक नेताओं से लोग घृणा करने लगे हैं। यदि ऐसे ही चलता रहा, तो लोगों का लोकतंत्र से विश्वास उठ जाएगा।

  शर्मा जी अचानक बहुत गंभीर हो गये।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

मतदाता सूची मामला: कुछ संगठन और याचिकाकर्ता कर रहे हैं भ्रमित और लोकतंत्र की जड़ों को खोखला

लव जिहाद : राजू नहीं था, निकला वसीम, सऊदी से बलरामपुर तक की कहानी

सऊदी में छांगुर ने खेला कन्वर्जन का खेल, बनवा दिया गंदा वीडियो : खुलासा करने पर हिन्दू युवती को दी जा रहीं धमकियां

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

पीले दांतों से ऐसे पाएं छुटकारा

इन घरेलू उपायों की मदद से पाएं पीले दांतों से छुटकारा

कभी भीख मांगता था हिंदुओं को मुस्लिम बनाने वाला ‘मौलाना छांगुर’

सनातन के पदचिह्न: थाईलैंड में जीवित है हिंदू संस्कृति की विरासत

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मतदाता सूची मामला: कुछ संगठन और याचिकाकर्ता कर रहे हैं भ्रमित और लोकतंत्र की जड़ों को खोखला

लव जिहाद : राजू नहीं था, निकला वसीम, सऊदी से बलरामपुर तक की कहानी

सऊदी में छांगुर ने खेला कन्वर्जन का खेल, बनवा दिया गंदा वीडियो : खुलासा करने पर हिन्दू युवती को दी जा रहीं धमकियां

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

पीले दांतों से ऐसे पाएं छुटकारा

इन घरेलू उपायों की मदद से पाएं पीले दांतों से छुटकारा

कभी भीख मांगता था हिंदुओं को मुस्लिम बनाने वाला ‘मौलाना छांगुर’

सनातन के पदचिह्न: थाईलैंड में जीवित है हिंदू संस्कृति की विरासत

कुमारी ए.आर. अनघा और कुमारी राजेश्वरी

अनघा और राजेश्वरी ने बढ़ाया कल्याण आश्रम का मान

ऑपरेशन कालनेमि का असर : उत्तराखंड में बंग्लादेशी सहित 25 ढोंगी गिरफ्तार

Ajit Doval

अजीत डोभाल ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान के झूठे दावों की बताई सच्चाई

Pushkar Singh Dhami in BMS

कॉर्बेट पार्क में सीएम धामी की सफारी: जिप्सी फिटनेस मामले में ड्राइवर मोहम्मद उमर निलंबित

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies