डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के 112वें जन्मदिवस पर कोलकाता में कार्यक्रमकर्मयोगी थे डा. मुखर्जी-शाहनवाज हुसैन, सांसद, भारतीय जनता पार्टी
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गत 6 जुलाई को कोलकाता में डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का 112वां जन्मदिवस मनाया गया। डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्मारक समिति, पश्चिमबंग के तत्वावधान में सम्पन्न हुए कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता एवं सांसद श्री शाहनवाज हुसैन थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि अगर डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी नहीं होते तो भारत आज जैसा है, वैसा नहीं होता। वे सच्चे अर्थों में एक कर्मयोगी थे। भारत के लिए डा. मुखर्जी का बलिदान किसी से कम नहीं है। जो डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान को नकारता है, उसे देशभक्त नहीं कहा जा सकता।
उन्होंने कहा कि बहुत दुख की बात है कि 1947 में पाकिस्तान से आए हिन्दू शरणार्थियों को कश्मीर में आज भी झुग्गी-झोपड़ी में रहना पड़ रहा है। वहीं पाकिस्तान से आने वाले मुसलमानांे को नागरिकता देकर बसाया जा रहा है। श्री हुसैन ने कहा कि हमें डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन और उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारने की आवश्यकता है। गुवाहाटी से भाजपा सांसद श्री विजय चक्रवर्ती ने कहा कि डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक निर्भीक देशभक्त और सच्चे अर्थों में पंथनिरपेक्ष भारतप्रेमी थे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में कोलकाता के गण्यमान्य नागरिक उपस्थित थे। बासुदेब पाल
स्वदेशी जागरण मंच का आयोजन
गत 10 जुलाई को नोवार्टिस दवा कम्पनी द्वारा 'ग्लीवैक' नामक कैंसर दवा के लिए पेटेंट हेतु भारत सरकार के खिलाफ मुकदमे के विरुद्ध और देश के जन स्वास्थ्य की रक्षा हेतु स्वदेशी जागरण मंच के कार्यकताओं ने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया। इसमें राजधानी के कोने-कोने से आए लगभग 500 प्रदर्शनकारी शामिल हुए।
कार्यक्रम को श्री सुरेश चव्हाण (प्रबंध निदेशक, सुदर्शन टीवी), डा. अश्विनी महाजन (अखिल भारतीय विचार मंडल प्रमुख, स्वदेशी जागरण मंच), श्री प्रदीप शर्मा (क्षेत्रीय सहसंयोजक) आदि ने संबोधित किया। वक्ताओं ने नोवार्टिस कंपनी द्वारा भारत सरकार पर किए गए पेटेंट संबंधी मुकदमे के कारण देश के जन स्वास्थ्य एवं देश के दवा उद्योग पर संभावित खतरों के संबंध में अपने विचार प्रकट किए।
प्रदर्शन के अंत में कार्यकर्ताओं ने नोवार्टिस कंपनी के पुतले को आग लगाकर रोष प्रकट किया। धरने में नोवार्टिस कंपनी को चेतावनी दी गई कि वह भारत के जन स्वास्थ्य पर पड़ने वाले संभावित दुष्प्रभावों के मद्देनजर अपने मुकदमे को तुरंत वापस ले। साथ ही सरकार से मांग की गई है कि नोवार्टिस कम्पनी द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में किए गए मुकदमे की पैरवी हेतु देश के महाधिवक्ता को भेजे, ताकि मुकदमे की प्रभावी पैरवी हो सके। इसके अलावा भारतीय दवा कंपनियों के विदेशी कंपनियों द्वारा अधिग्रहण पर तुरंत प्रभावी रोक लगाई जाए। प्रतिनिधि
आरोग्य रक्षकों ने लिया प्रशिक्षण
गत दिनांे उदयपुर में राजस्थान वनवासी कल्याण परिषद का चार दिवसीय आरोग्य रक्षक प्रशिक्षण शिविर सम्पन्न हुआ। 4-7 जुलाई को सम्पन्न हुए शिविर का उद्घाटन परिषद के प्रदेश महामंत्री श्री गोपाल लाल कुमावत एवं डा. ललित जैन ने संयुक्त रूप से किया।
शिविर में आरोग्य रक्षकों को अनेक बीमारियों के उपचार से सम्बन्धित प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण देने वालों में मुख्य रूप से आगरा के डा. पंकज भाटिया, झाडोल के डा. ललित जैन, गुजरात के श्री मूलजी भाई एवं जोधपुर के श्री खेताराम गरासिया थे। समापन कार्यक्रम की अध्यक्षता राजकीय महाविद्यालय, कोटडा के प्राचार्य श्री सत्यनारायण शर्मा ने की। इस अवसर पर संबोधित करते हुए वनवासी कल्याण परिषद की कार्यकारी अध्यक्ष डा. राधिका लढ़ा ने कहा कि आप केवल आरोग्य रक्षक ही नहीं हैं, बल्कि एक सैनिक की भूमिका में हैं। प्रतिनिधि
'सोशल मीडिया में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' पर संगोष्ठी
परिवर्तन का आधार बनेगा सोशल मीडिया
–डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी, अध्यक्ष, जनता पार्टी
गत 8 जुलाई को नई दिल्ली में इन्द्रप्रस्थ साहित्य भारती के तत्वावधान में 'अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और साहित्य' विषयक कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
तीन सत्रों के इस कार्यक्रम का समापन 'सोशल मीडिया में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता' पर संगोष्ठी से हुआ। सत्र के मुख्य अतिथि जनता पार्टी के अध्यक्ष डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी थे। इस अवसर पर ऑर्गनाइजर साप्ताहिक के संपादक डा. आर. बालाशंकर भी विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन श्री प्रवीण आर्य ने किया।
डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी ने 'सोशल मीडिया' के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हाल ही में मिस्र में जो क्रांति हुई उसमें 'सोशल मीडिया' की मुख्य भूमिका रही। उन्होंने कहा कि भारत में अण्णा हजारे और बाबा रामदेव के आंदोलनांे मंे शामिल होने वाले अनेक लोग सोशल मीडिया से सूचना प्राप्त करके ही पहुंचे थे। डा. स्वामी ने कहा कि जब भी देश में महापरिवर्तन होगा, उसका आधार 'सोशल मीडिया' ही होगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डा. आर. बालाशंकर ने कहा कि सोशल मीडिया एक ऐसा माध्यम है, जो बिकाऊ नहीं है। इसलिए सरकार इस पर बार-बार शिकंजा कसने का प्रयास करती रहती है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में साहित्य भारती के कार्यकर्ता और दिल्ली के प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित l
श्रद्धाञ्जलि
पंडित अमरनाथ वैष्णवी नहीं रहे
जम्मू–कश्मीर के प्रसिद्ध राष्ट्रवादी नेता पंडित अमरनाथ वैष्णवी का गत दिनों जम्मू में निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे। पंडित अमरनाथ वैष्णवी ऑल स्टेट कश्मीरी पंडित कांफ्रेंस के अध्यक्ष थे। इससे पहले भी वे अनेक संस्थाओं से जुड़े रहे। युवा अवस्था में ही वे रा.स्व.संघ के स्वयंसेवक बन गए। पेशे से शिक्षक पंडित अमरनाथ छात्रों के लिए आदर्श थेा और समाज में उनका बड़ा प्रतिष्ठित स्थान था।
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