स्वास्थ्य सेवा में उत्कृष्टता की ओर
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उत्कृष्टता की ओर
गुजरात ने आर्थिक और औद्योगिक विकास में बुलंदियों को छू लिया है। लोक स्वास्थ्य रक्षा में प्रणालीबद्ध सुधार, संस्थागत सुदृढ़ीकरण के द्वारा डिलीवरी प्रणाली, जिसमें लोगों के हाथों में सुधार की प्रक्रिया का रखना शामिल है, को सशक्त किया गया है। इसमें गुणात्मक स्वास्थ्य रक्षा पर अधिक जोर है। राज्य में लोक स्वास्थ्य को वास्तव में निष्पक्ष, पहुंच योग्य और वहनीय, विशेषकर निर्धन और सीमांत लोगों के लिए बना दिया है।
वर्तमान स्वास्थ्य रक्षा क्षेत्र
गुजरात में महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संकेतकों में गिरावट जैसे- क्रूड डेथ रेट (सी.डी.आर.) मैटरनल मोर्टेलिटी रेट (एम.एम.आर.), इंफेंट मोर्टेलिटी रेट (आई.एस.आर.) और टोटल फर्टिलिटी रेट (टी.एफ.आर.) संकेत करते हैं कि राज्य के स्वास्थ्य रक्षा स्तर में समग्र सुधार हुआ है। एम.एम.आर., एस.आर.एस. 1997-2003 के अनुसार प्रति एक लाख जीवित जन्मों में 202 से घटकर एस.आर.एस. 2007-09 के अनुसार 148 तक हो गया है। एस.आर.एस. 2001 के अनुसार आई.एम.आर. 60 प्रति एक हजार जीवित जन्मों से घटकर एस.आर.एस. 2009 के अनुसार 48 तक हो गया है। एक राज्य का स्वास्थ्य रक्षा स्तर नापने के लिए क्रूड डेथ रेट एक स्वर्ण मानक है और अच्छा निष्पादन करने वाले राज्यों की तुलना में निम्न सी.डी.आर. प्रदर्शित करता है कि गुजरात के पास लोक और निजी दोनों उत्कृष्ट स्वास्थ्य रक्षा सुविधाओं की प्रणाली है। राज्य पूरी तरह से इन संकेतकों में और सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
स्वास्थ्य रक्षा डिलीवरी प्रणाली
राज्य पर्याप्त रूप से अच्छी आधारभूत संरचना के 7,274 उपकेन्द्रों (एच.सी.), 1,166 प्रायमरी स्वास्थ्य रक्षा केन्द्रों (पी.एच.सी.) 318 सामुदायिक स्वास्थ्य रक्षा केन्द्रों (सी.एच.सी.) 24 जिला अस्पतालों, 16 चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों, 118 मोबाइल स्वास्थ्य रक्षा और चिकित्सा इकाइयों तथा समस्त राज्यभर में फैले हुए अधिकतम डेमोग्राफिक सहित विशिष्ट संस्थाएं हैं, जिनके माध्यम से प्राइमरी, सेकेण्डरी और स्थानीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। सिविल अस्पताल अमदाबाद को एक मेडीसिटी के रूप में रूपांतरित किया जा रहा है जो 5,000 बिस्तरों के साथ एशिया का सबसे बड़ा मेडिकल संकुल होगा। प्रमुख संस्था जैसे- नारायणा हृदयालय, फोर्टिज हेल्थकेयर और आर्टी मिस ग्रुप ऑफ हास्पिटल्स गुजरात में विस्तार करने की योजना बना रहे हैं। एलोपैथिक प्रणाली के अतिरिक्त आयुर्वेद प्रणालियां और होमियोपैथी राज्य में अधिक समय से परम्परागत ढंग से विकास कर रही हैं।
हस्तक्षेप और पहले से चल रहीं चिरंजीवी और बालसखा योजना निजी लोक सहभागिता मॉडल के द्वारा परिचालन में लाई जा रही हैं, जो विशेषज्ञों एवं पेरामेडिकल की उपलब्धता के संदर्भ में कुछ बाधाओं का निवारण करेंगी। चिकित्सा शिक्षण के दृष्टिकोण में पिछले कुछ वर्षों में 1105 मेडिकल सीटों, 1210 नर्सिंग सीटों, 1096 फिजियोथेरेपी सीटों और 800 डेंटल सीटों को जोड़ने-बढ़ाने में समर्थता प्राप्त की है। गुजरात चिकित्सा शिक्षण और शोध समिति ने पहले से तीन नए चिकित्सा महाविद्यालयों का शुभारंभ किया है, जिनमें से प्रत्येक में 150 सीटें होंगी और आने वाले वर्ष में तीन और स्थापित करने का विचार है। राज्य ने किडनी संस्थान का समर्थन किया है, जो किडनी और लीवर ट्रांसप्लांट के लिए उसकी विश्वस्तरीय सुविधा सहित चिकित्सा पर्यटन के लिए आदर्श मॉडल बन गया है।
स्वास्थ्य रक्षा कार्य योजनाओं के लिए सामुदायिक सहभागिता, ग्राम स्वास्थ्य रक्षा, सेनीटेशन और न्यूट्रीशन समितियों, रोगी कल्याण समितियों (स्वायत्त रोगी कल्याण समितियों) के गठन और आशा के शामिल होने से प्राप्त की जाती है।
स्वास्थ्य रक्षा हेतु कुल निर्धारण वर्ष 2008-09 में रु.16,150 मिलियन से बढ़कर वर्तमान निर्धारण रु. 33,470 मिलियन हो गया है, जोकि पिछले चार वर्षों में 100 प्रतिशत की एक बढ़ोत्तरी प्रदर्शित करता है।
सबके लिए स्वास्थ्य रक्षा
राज्य एक जीवन चक्र दृष्टिकोण के माध्यम से एक सघन निरोधात्मक और संवर्धनात्मक स्वास्थ्य रक्षा सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिए तैयार हो गया है। एकीकृत मेटरनल और बाल स्वास्थ्य रक्षा सेवाएं जैसे एंटी नैटाल रक्षा, सुनिश्चित परिवहन, संस्थागत डिलीवरी, नैटाल पश्चात स्वास्थ्य रक्षा, जिसमें बाल और छोटे बालक को खिलाने का अभ्यास शामिल है। विस्तृत की गई हैं तथा सुनिश्चित सार्वभौमिक प्रतिदर्शीकरण सेवाएं 29,000 की एक सेवा द्वारा प्रदान की जाती है। ऐक्रेडिटेड सोशल हेल्थ एक्टीविट्स (प्रमाणित सामाजिक स्वास्थ्य रक्षा कार्यकर्ता), 12,000 क्षेत्रीय स्वास्थ्य रक्षा कार्यकर्ता, ममता अभियान जैसी योजनाओं, ग्राम स्वास्थ्य रक्षा तथा न्यूट्रीशन दिवस के द्वारा दी जाती है। गुजरात द्वारा विकसित प्रोद्योगिकी मंच ई-ममता, सगर्भा माताओं और बालकों के ट्रेकिंग हेतु सुनिश्चित सेवाओं के लिए संपूर्ण राष्ट्र में अब मां और बालक ट्रेकिंग प्रणाली के रूप में माना जाता है। ममता तरुणी अभियान अब तक किशोरावस्था की स्वास्थ्य रक्षा जरूरतों को सम्बोधित करता है।
जन निजी साझेदारियां (पी.पी.पी.)
राज्य ने सेवा डिलीवरी स्पेक्ट्रम को बिठाने के लिए पी.पी.पी. मॉडलों को प्रोत्साहित किया हे। 108 आपातकालीन एम्बुलेंस सेवाएं जो जी.वी.के. ई.एम.आर.आई. के साथ चलाई जाती है, ने अत्यधिक तत्पर एवं उनके जवाब में विश्वसनीय होने के कारण जनता का सम्मान एवं प्यार जीता है। इस सेवा ने तरीके को आमूल परिवर्तन (क्रांतिकारी बना) करके आपातकालीन चिकित्सा स्वास्थ्य रक्षा के एक नये युग का नेतृत्व किया है जिससे स्वास्थ्य रक्षा लोगों तक पहुंच गई है, जो आपातकाल का सामना कर रही है। 503 अच्छी तरह सुसज्जित एम्बुलेंस गुजरात के समस्त 60 मिलियन प्लस आबादी के लिए सामान्य जन की सेवा कर रही हैं। प्रतिदिन 2600 फोन कॉल्स का जवाब देती हैं, टोल फ्री नं. 108 टेलीफोन पर 3 सेकेंड के भीतर 19 प्रतिशत फोन कॉलों का जवाब दे रही हैं और जिंदगियां बचा रही हैं। यह सर्वश्रेष्ठ विश्व मानकों के समान है। प्रतिनिधि
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