नागपुर में रा.स्व.संघ के संघ शिक्षा वर्ग (तृतीय वर्ष) का शुभारम्भविश्व को हिन्दुत्व के विचार की महती आवश्यकता-सुरेश सोनी, सह सरकार्यवाह, रा.स्व.संघ
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नागपुर में रा.स्व.संघ के संघ शिक्षा वर्ग (तृतीय वर्ष) का शुभारम्भ
–सुरेश सोनी, सह सरकार्यवाह, रा.स्व.संघ
गत 14 मई को नागपुर में रा.स्व.संघ के संघ शिक्षा वर्ग (तृतीय वर्ष) का शुभारम्भ हो गया। एक महीने तक चलने वाले इस वर्ग में देशभर के 1000 से अधिक स्वयंसेवक भाग ले रहे हैं।
वर्ग का उद्घाटन, समारोह की अध्यक्षता कर रहे नागपुर के महापौर श्री अनिल सोले एवं मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रा.स्व.संघ के सह सरकार्यवाह श्री सुरेश सोनी द्वारा दीप प्रज्ज्वलन तथा भारतमाता के चित्र पर पुष्पार्चन से हुआ। इस अवसर पर संघ के अ.भा. प्रचार प्रमुख डा. मनमोहन वैद्य, गुजरात के प्रांत संघचालक और वर्ग के सर्वाधिकारी डा. जयंतीभाई भाडेसिया तथा जोधपुर के प्रांत कार्यवाह और वर्ग के कार्यवाह श्री जसवंत खत्री भी मंचासीन थे।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए श्री सुरेश सोनी ने कहा कि रा.स्व.संघ का हिन्दुत्व का विचार विश्व के कल्याण का विचार है। आज विश्व को इसी विचार की महती आवश्यकता है। एक महीने के इस वर्ग में प्रशिक्षण प्राप्त करके आप सबको इस विचार को समाज में प्रसारित करने का दायित्व निभाना है। उन्होंने कहा कि नागपुर में रेशमबाग की भूमि तपोभूमि है, क्योंकि यहां संघ के अनेक कार्यकर्ताओं ने साधना की है। उनकी साधना के परिणामस्वरूप ही आज संघ कार्य सम्पूर्ण देश में फैल चुका है और ऐसे समर्पित कार्यकर्ताओं के जीवन से ही हमें अपने उच्च ध्येय की प्राप्ति हेतु जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है।
श्री सोनी ने कहा कि प्रशिक्षण के दौरान जीवन को एक निश्चित दिशा मिलती है, जो इस दिशा को जानते हैं उनका ही विकास होता है। ऐसे विकास के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। प्रशिक्षण में सबसे बड़ी और महत्व की भूमिका स्वयं की होती है। कुछ नया सीखने तथा ग्रहण करने की तैयारी हो तभी उसका लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि ज्ञान प्राप्त करने के लिए भगवान, शास्त्र, गुरु और स्वयं की आवश्यकता होती है। इनमें से प्रथम तीन उपलब्ध हैं, पर यदि स्वयं की प्रस्तुति नहीं होगी तो कुछ भी साध्य करना संभव नहीं होगा। यदि स्वयं की प्रस्तुति है तो उसके आधार पर भगवान, शास्त्र और गुरु इन तीनों को प्राप्त किया जा सकता है।
श्री सोनी ने कहा कि हमें सर्वश्रेष्ठ मानव जन्म प्राप्त हुआ है, उसका हम अपने और सबके कल्याण के लिए उपयोग करें। सबके साथ सामंजस्य और सौहार्द स्थापित कर जीना अपने देश का तत्वज्ञान है, पर तत्वज्ञान आचरण में भी आना चाहिए। हिन्दुत्व के विचार पर ही तत्वज्ञान खड़ा हो सकता है। इस तत्वज्ञान के कारण ही देश में समन्वय, सामंजस्य, नैतिकता और पवित्रता बनी हुई है।
श्री अनिल सोले ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि नागपुर संघ की गंगोत्री है। इस शहर ने सारे विश्व को कल्याण का मार्ग दिखाया है, इसलिए इस शहर का अपना अलग महत्व है। मंचस्थ अतिथियों का परिचय रा.स्व.संघ के सह सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबले ने कराया तथा धन्यवाद ज्ञापन किया श्री जसवंत खत्री ने। सुषमा पाचपोर
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