विविध
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चेतना प्रवाह का 'राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषांक' लोकार्पित
–शिवनारायण, क्षेत्र प्रचारक, पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र, रा.स्व.संघ
गत दिनों वाराणसी में चेतना प्रवाह 'पाक्षिक' द्वारा प्रकाशित 'राष्ट्रीय सुरक्षा विशेषांक' का लोकार्पण समारोह सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में संघ के स्वयंसेवक तथा स्थानीय गण्यमान्य नागरिक उपस्थित थे।
विशेषांक का लोकार्पण करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक श्री शिवनारायण ने कहा कि आज पूरे देश में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गहरी चिन्ता है। आतंकवाद, बंगलादेशी घुसपैठ, मतांतरण आदि समस्याएं राष्ट्र की सम्प्रभुता को खुली चुनौती दे रही हैं। ऐसी विषम परिस्थिति में भारत मां के पुत्र होने के नाते हमारा कर्तव्य है कि हम सीमा पर देश की सतर्क आंख बनकर सुरक्षा करें। उन्होंने कहा कि स्वतन्त्रता के बाद चीन और पाकिस्तान ने हमारी हजारों वर्ग किलोमीटर भूमि हम पर हमला करके छीन ली। विदेशी नागरिकों की अवैध घुसपैठ, सीमा पर लगातार तस्करी, नशीले पदार्थ और नकली नोट, हथियार और आतंकवादियों का आना अभी भी जारी है। जाति, मत-पंथ की वोट बैंक राजनीति के कारण देश में नफरत भरा माहौल बन रहा है और अशिक्षा, गरीबी एवं प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में हम एक बार मिलकर फिर से संकल्प करें कि आज के बाद अपने देश की भूमि कम नहीं होने देंगे।
श्री शिवनारायण ने कहा कि वर्तमान में समय की आवश्यकता है कि हम अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करें क्योंकि भारत के मजबूत होने से विश्व का कल्याण होगा। हमारे पूर्वजों ने पूरे विश्व के कल्याण के लिए लक्ष्य अपने सामने रखा था 'कृण्वन्तो विश्वमार्यम' और उसी दिशा में उन्होंने काफी यश प्राप्त किया था। हमने किसी को तलवार के आधार पर जीतने की बात नहीं सोची, हमने तो सारी दुनिया को हमेशा ज्ञान का दान दिया। भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर जो कुहासा छाया है उसमें आशा की किरण सीमाओं पर सीना ताने खड़े हमारे वीर सैनिक हैं। भारत पर हुए सभी आक्रमणों का हमारे सैन्य बलों ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि यह विशेषांक एकता, सद्भाव, अखण्डता तथा राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति जनमानस को जागरूक करेगा।
संघ के क्षेत्र कार्यवाह श्री रामकुमार वर्मा ने कहा कि पड़ोसी देश हमें चारों ओर से घेरने में लगे हैं। नेपाल माओवादियों के कब्जे में आ चुका है। जाति, भाषा, प्रांत तथा क्षेत्र के आधार पर राष्ट्रीय एकात्मता को तोड़ने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। भ्रष्टाचार, आतंकवाद, मतान्तरण, प्रदूषण, छुआछूत, बेरोजगारी, अशिक्षा एवं असुरक्षा से समाज कमजोर हो रहा है। इस प्रकार की अराष्ट्रीय शक्तियों के विरुद्ध समाज को संघटित करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संघ के काशी प्रांत के प्रान्त संघचालक डा. विश्वनाथ लाल निगम ने कहा कि यदि राष्ट्र सुरक्षित नहीं है तो हम भी सुरक्षित नहीं हैं। विषय प्रस्तावना एवं कार्यक्रम का संचालन करते हुए चेतना प्रवाह के प्रबन्ध सम्पादक श्री नागेन्द्र कुमार ने कहा कि चेतना प्रवाह एक राष्ट्र जागरण पत्र है। विगत 2001 से यह लगातार प्रकाशित हो रहा है। इसकी प्रतियां पूर्वांचल के 12 जिलों में भेजी जाती हैं। उन्होंने कहा कि विशेषांक में 23 विद्वानों के लेख प्रकाशित हैं। कार्यक्रम का शुभारम्भ श्री अभिनव भट्ट एवं श्री राधेश्याम द्विवेदी के वैदिक मंगलाचरण से हुआ। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डा. रामदुलार सिंह, प्रान्त प्रचारक श्री अभय, प्रान्त प्रचार प्रमुख श्री कृष्ण मोहन, क्षेत्र सेवा प्रमुख श्री नवल किशोर आदि उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन डा. हरेन्द्र कुमार राय ने किया।प्रतिनिधि
प्रखर देशभक्त 'खण्डोबल्लाल' की गौरव गाथा
गत दिनों भोपाल में लोकहित प्रकाशन, लखनऊ द्वारा प्रकाशित पुस्तक 'खण्डोबल्लाल' का लोकार्पण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। पुस्तक शम्भाजी महाराज के मुख्य पत्र लेखक रहे उस प्रखर देशभक्त खण्डोबल्लाल के जीवन पर आधारित है, जिसके निर्दोष पितामह, पिता और चाचा तत्कालीन शासन-सत्ता के हाथों मार दिए गए, पर उन्होंने अपनी निष्ठा नहीं बदली। इसके लेखक अ.भा. साहित्य परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्री श्रीधर पराड़कर हैं।
पुस्तक का लोकार्पण रा.स्व.संघ के निवर्तमान सरसंघचालक श्री कुप्.सी. सुदर्शन, मध्य प्रदेश सरकार के संस्कृति मंत्री श्री लक्ष्मीकान्त शर्मा, कार्यक्रम के अध्यक्ष उत्तम स्वामी जी महाराज तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा मन्त्री श्री रवीन्द्र शुक्ल ने संयुक्त रूप से किया।
पुस्तक की सारगर्भित विवेचना मुख्य वक्ता श्री रामेश्वर मिश्र 'पंकज' ने की। पुस्तक की विषयवस्तु और उसकी मार्मिक, हृदयग्राही प्रस्तुति से अभिभूत श्री लक्ष्मीकान्त शर्मा ने संस्कृति विभाग द्वारा छपवाकर इसको अधिकतम छात्रों तथा युवाओं तक पहुंचाने की घोषणा की। श्री कुप्.सी. सुदर्शन ने कक्षा 11 की पढ़ाई के समय खण्डोबल्लाल पर मराठी भाषा में पढ़ाया जाने वाला पुवाड़ा गाकर सुनाया। श्री उत्तम स्वामी जी महाराज तथा श्री रवीन्द्र शुक्ल ने भी पुस्तक की भूरि-भूरि प्रशंसा की। कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप-प्रज्ज्वलन और सरस्वती वन्दना से हुआ तथा समापन वन्देमातरम् से हुआ।
लोकहित प्रकाशन द्वारा ही प्रकाशित वरिष्ठ पत्रकार श्री के. विक्रम राव की पुस्तक 'जो जन गण के मन बसे' का लोकार्पण गत दिनों उ.प्र. प्रेस क्लब, लखनऊ के खचाखच भरे सभागार में हुआ। इसे उ.प्र. विधानसभा के अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पाण्डेय तथा लोकायुक्त न्यायमूर्ति श्री एन.के. मेहरोत्रा ने संयुक्त रूप से लोकार्पित किया। लोकार्पण से पूर्व पुस्तक के बारे में लेखक ने प्रकाश डाला। पुस्तक की विषयवस्तु पर प्रकाश डालते हुए डा. राममनोहर लोहिया विश्वविद्यालय, फैजाबाद के पूर्व कुलपति श्री शिवमोहन सिंह ने कहा कि लगातार तीन बार स्वयं पढ़ने और पांच बार अन्य को पढ़ाने के बाद वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि इसे अधिकाधिक लोगों को पढ़ना और पढ़ाया जाना चाहिए।
राष्ट्रधर्म प्रकाशन की स्थापना तथा लोकार्पित पुस्तक के प्रकाशन की पृष्ठभूमि पर 'राष्ट्रधर्म' के सम्पादक श्री आनन्द मिश्र 'अभय' ने प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रधर्म प्रकाशन के प्रबन्धक श्री पवनपुत्र बादल ने किया। प्रतिनिधि
संघ का प्रशिक्षण वर्ग शुरू
रा.स्व.संघ के उत्तर बंग प्रांत का संघ शिक्षा वर्ग (प्रथम वर्ष) गत दिनों सिलिगुड़ी में प्रारम्भ हो गया। वर्ग में कुल 65 स्वयंसेवक प्रशिक्षण ग्रहण कर रहे हैं। वर्ग का शुभारम्भ स्थानीय मोहनानंद आश्रम के संन्यासी स्वामी श्यामानंद महाराज तथा संघ के पूर्व क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक श्री रणेन्द्रलाल बंद्योपाध्याय ने भारतमाता तथा डा. हेडगेवार के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर किया। श्री रणेन्द्रलाल बंद्योपाध्याय ने इस अवसर पर कहा कि यहां हमें किसी प्रकार का प्रमाणपत्र नहीं मिलने वाला, परन्तु फिर भी हम प्रशिक्षण ग्रहण करने आए हैं। क्योंकि हमारे मन में देश और समाज के लिए कुछ करने की इच्छा है। उन्होंने कहा कि हिन्दू राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए हमें काफी मूल्य चुकाना पड़ेगा, इसके लिए सबसे पहले संगठन को सुदृढ़ करने की जरूरत है। स्वामी श्यामानंद महाराज ने कहा कि यहां हमें अपनी देह, मन, प्राण, बुद्धि और चैतन्य का विकास करना है, जिससे देश और समाज को लाभ मिल सके। बसुदेब पाल
मेरठ में रा.स्व.संघ का सम्मिलन
सम्पूर्ण हिन्दू समाज में पहुंचाना है संघ का संदेश
–अशोक बेरी सदस्य, अ.भा. कार्यकारी मंडल, रा.स्व.संघ
'रा.स्व.संघ का काम एक घंटे की शाखा तक सीमित नहीं है। वास्तविक कार्यक्षेत्र तो शाखा के बाहर फैला विराट हिन्दू समाज है, जिसे हिन्दुत्व व संगठन का संदेश पहुंचाना है'। उक्त विचार रा.स्व.संघ के अ.भा.कार्यकारी मंडल के सदस्य श्री अशोक बेरी ने गत दिनों मेरठ में सम्पन्न हुए रा.स्व.संघ के सम्मिलन को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इसमें लगभग दो हजार स्वयंसेवकों ने भाग लिया, जोकि मेरठ महानगर की 131 बस्तियों से आए थे। कार्यक्रम का आयोजन मेरठ महानगर की हर बस्ती में संघ कार्य खड़ा करने के उद्देश्य से किया गया था।
श्री बेरी ने आगे कहा कि संघ का स्वयंसेवक, आजन्म स्वयंसेवक होता है। वह दिन में एक घंटे नहीं, बल्कि 24 घंटे का स्वयंसेवक है। उसका स्वयंसेवकत्व शाखा के बाहर 23 घंटों में भी निरन्तर प्रकट होते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि संघ के विचार और कार्य के विस्तार की धुन स्वयंसेवक में हर क्षण रहनी चाहिए। श्री बेरी ने कहा कि अपनी मातृभूमि के वैभव का जो स्वप्न स्वयंसेवक की आंखों में है, वह सारे समाज का सपना बनाने का सतत् प्रयास जरूरी है। इसलिए आचरण, व्यवहार, बातचीत में हमारा स्वयंसेवकत्व दिन-रात समाज के सम्मुख व्यक्त हो। हिन्दू समाज के हर वर्ग, और देश के हर भाग में अपना संदेश घर-घर पहुंचाए बिना हमें विश्राम नहीं होना चाहिए।
श्री बेरी ने कहा कि राष्ट्र के सामने सम्मुख चुनौतियां और खतरे, संगठित और समर्थ हिन्दू समाज ही दूर कर सकता है। इसका अन्य कोई उपाय नहीं है। इसलिए शाखाओं का विस्तार तथा स्वयंसेवकों की संख्या में वृद्धि राष्ट्र की महती आवश्यकता है।
कार्यक्रम में मंच पर श्री बेरी के साथ पश्चिम उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक डा. दर्शनलाल अरोड़ा एवं मेरठ महानगर संघचालक श्री विनोद आसीन थे। श्री बेरी के उद्बोधन से पूर्व शारीरिक कार्यक्रम भी हुए। अजय मित्तल
इंग्लैंड में कबड्डी कबड्डी कबड्डी…
जब किसी देश की संस्कृति को दूसरे देश में महत्व दिया जाता है या फिर उसका सम्मान होता है तो उस देश के लोग अपनी संस्कृति पर गर्व महसूस करते हैं। इस बार भारतीयों को अपनी संस्कृति पर गर्व करने का अवसर मिला है, जोकि पिछले दिनों इंग्लैंड में सम्पन्न हुई भारतीय खेलों की प्रतियोगिता ने दिया। इसमें इंग्लैंड की 250 महिला तथा 650 पुरुषों ने भाग लिया। प्रतियोगिता में हिन्दू स्वयंसेवक संघ तथा सेविका समिति ने भी भाग लिया तथा सफलता प्राप्त की।
भारतीय खेलों की इस प्रतियोगिता में मुख्य रूप से कबड्डी, खो-खो तथा रिंग सम्पन्न हुए। प्रतियोगिता में भाग लेने वाला हर खिलाड़ी जीतने की चाह लिए हुए था इसलिए सबने जीतने के लिए जान लड़ा दी। प्रतियोगिता में इंग्लैंड की महिला कबड्डी टीम का भी आगमन हुआ। कबड्डी के अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को देखकर हर प्रतियोगी उत्साहित दिखा और जिन्हें इनके साथ खेलने का मौका मिला उनकी खुशी का तो कोई ठिकाना ही नहीं था।
इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित इंग्लैंड की महिला कबड्डी टीम के कोच श्री अशोक दास ने प्रतिभागियों को कबड्डी, इसके इतिहास तथा इसे खेलने के तरीकों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। श्री दास ने कहा कि कबड्डी करीब 6 हजार साल पुराना खेल है। इसे भगवान बुद्ध भी खेला करते थे। इस अवसर पर इंग्लैंड कबड्डी एसोसिएशन की महासचिव श्रीमती कंवल दास भी उपस्थित थीं। प्रतियोगिता में हिन्दू स्वयंसेवक संघ तथा सेविका समिति ने जीत दर्ज की। प्रतिनिधि
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