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पाठकीय
8 अप्रैल,2012
कहां जाएं पाकिस्तानी हिन्दू?
पाकिस्तान में हिन्दुओं के दमन पर आधारित श्री आलोक गोस्वामी की रपट 'मेरी बेटी वापस कर दो' बड़ी दु:खदायी लगी। यही स्थिति भारत में भी है। भारत में 'लव जिहाद' से प्राय: प्रतिदिन हिन्दू लड़कियों को मुस्लिम युवकों द्वारा फंसाया जा रहा है। अपने आपको सेकुलर मानने वाले 'लव जिहाद' की ओर से आंखें मूंदे बैठे हैं। वोट बैंक की राजनीति करने वाले सब कुछ देख-सुनकर भी चुप रहते हैं।
–सूर्यप्रताप सिंह सोनगरा
कांडरवासा, रतलाम-457222 (म.प्र.)
पाकिस्तान में हिन्दू लड़कियों और महिलाओं के साथ बड़ा बुरा बर्ताव हो रहा है। इसके लिए केवल कट्टरवादी ही नहीं, पूरा पाकिस्तानी बहुसंख्यक समाज जिम्मेदार है। जब किसी हिन्दू के साथ अन्याय होता है तो उसके खिलाफ बहुसंख्यक मुस्लिम समाज आवाज क्यों नहीं उठाता है? कहा जाता है कि इस्लाम में अन्याय का कोई स्थान नहीं है। पर इस्लाम को मानने वाले ही अपने अल्पसंख्यक पड़ोसियों पर अन्याय कर रहे हैं।
–सुहासिनी प्रमोद वालसंगकर
द्वारकापुरम, दिलसुखनगर, हैदराबाद-60(आं.प्र.)
पाकिस्तान में रिंकल कुमारी की मां की मानसिक वेदना समझी जा सकती है। इस वेदना को भारत सरकार की आवाज नहीं मिली, यह शर्मनाक है। विश्व के कथित मानवाधिकार संगठन पाकिस्तान में हिन्दुओं के दमन पर खामोश हैं, तो दूसरी ओर भारतीय नेता इस मुद्दे पर कुछ इसलिए नहीं बोलते हैं कि कहीं उन्हें 'साम्प्रदायिक' न ठहरा दिया जाए। पाकिस्तान में हिन्दू अपने किसी मृत परिजन का अन्तिम संस्कार भी अच्छी तरह नहीं कर पाते हैं। इससे बड़ा और दुर्भाग्य क्या होगा?
–मनोहर 'मंजुल'
पिपल्या–बुजुर्ग, प. निमाड़-451225 (म.प्र.)
n पाकिस्तानी हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों पर भारत सरकार कुछ नहीं बोलती है। जबकि एक अमरीकी सांसद ब्रेड शरमन ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति जरदारी को पत्र लिखकर कहा कि वहां हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचारों को रोकने का हरसंभव प्रयास किया जाए। सवाल उठता है कि भारत के किसी सांसद ने ऐसा कोई पत्र पाकिस्तान के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति को क्यों नहीं भेजा?
–उदय कमल मिश्र
गांधी विद्यालय के समीप, सीधी-486661 (म.प्र.)
समाज को कट्टर मुसलमानों का जमकर विरोध करना चाहिए। क्या कट्टर मुसलमान कभी हजार बरस पुरानी गजनवी-परस्ती से बाहर निकल पाएंगे? यही गजनवी-परस्ती ही उन्हें गैर-मुस्लिमों पर अत्याचार के लिए उकसाती है। पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ जो हो रहा है, उसकी जड़ में यही गजनवी-परस्ती है। गजनवी-परस्ती कट्टरवादियों को निर्मम बना रही है।
–प्रो. राजाराम
एच-8, सप्तवर्णी सूर्या आवासीय परिसर, राजा भोज मार्ग भोपाल-462042 (म.प्र.)
n ½þÊ®úªÉÉhÉÉ के मेवात में भी पांच-छह महीने पहले एक हिन्दू लड़की का एक मुस्लिम लड़के से जबरन निकाह करा दिया गया था। भारी विरोध होने पर पुलिस ने लड़का-लड़की को बरामद कर लिया। फिर न्यायालय में वही हुआ, जो कट्टरवादी चाहते थे। लड़की पर दबाव डालकर बयान दिलवाया गया कि वह अपने मुस्लिम पति के साथ रहेगी। ऐसी घटनाएं मेवात में बहुत अधिक होती हैं।
–आर्य वेद प्रचार मण्डल, मेवात
आर्य समाज मन्दिर, फिरोजपुर झिरका, जिला–नूंह (हरियाणा)
धोखेबाज चीन
सम्पादकीय 'चीन को लेकर धोखे में न रहे भारत' में बिल्कुल ठीक लिखा गया है कि 'जिस तरह दुनिया के लिए अमरीकी साम्राज्यवादी मानसिकता खतरनाक है, उसी तरह विस्तारवादी चीन का अधिनायकवाद भी खतरनाक है।' यह बिना शक सिद्ध है कि चीन अपनी अघोषित साम्राज्यवादी लिप्सा को संतुष्ट करने के उद्देश्य से भारत को अस्थिर करने में परोक्षरूप से जुटा है। इसके लिए वह पाकिस्तान, बंगलादेश, म्यामांर और नेपाल में जिहादियों को प्रशिक्षण व ठिकाना उपलब्ध करा रहा है। जब तक भारत चीन की ईंट का जवाब पत्थर से नहीं देगा तब तक खतरा मंडराता रहेगा।
–आर.सी. गुप्ता
द्वितीय ए-201, नेहरू नगर, गाजियाबाद-201001(उ.प्र.)
विजय और पराजय
मंथन में श्री देवेन्द्र स्वरूप का आलेख 'मेज पर हारे, जनता में जीते' बताता है कि हर कठिन परिस्थिति में देश के लोग नेतृत्व के साथ खड़े रहते हैं। इस कारण हमें विजय भी मिलती है। पर बाद में हुई बातचीत में हम उस विजय को हार जाते हैं। देश की एकता और अखण्डता को हम इस नीति से नहीं बचा पाएंगे। शिमला संधि जैसी कोई संधि और न हो। विजय को पराजय में मत बदलो।
–लक्ष्मी चन्द
गांव–बांध, डाक–भावगड़ी, जिला–सोलन (हि.प्र.)
सतर्क रहे सेना और सरकार
चर्चा सत्र में ब्रिगेडियर (से.नि.) बी.डी. मिश्रा के लेख 'सेना-सरकार में बढ़े तालमेल' से बड़ा दु:ख हुआ। सेनाध्यक्ष के गोपनीय पत्र को एक साजिश के तहत सार्वजनिक किया गया। चाहे कुछ भी हो, सेना के मनोबल को गिराने का प्रयास नहीं होना चाहिए। ऐसा क्यों हो रहा है और कौन कर रहा है, इसकी जांच होनी चाहिए। रक्षा सौदों में पारदर्शिता की जरूरत है। यह कैसे होगा सरकार और सेना बैठकर तय करे। देश की भलाई के लिए गोपनीय पत्रों को गोपनीय ही रहने दें।
–हरिहर सिंह चौहान
जंबरीबाग नसिया, इन्दौर-452001(म.प्र.)
थल सेनाध्यक्ष जनरल वी.के.सिंह एक ईमानदार और कर्तव्य-परायण व्यक्ति हैं। उन्होंने रिश्वत की पेशकश की जानकारी रक्षा मंत्रालय को दी थी, फिर भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे पूर्व आदर्श सोसायटी घोटाले के सन्दर्भ में भी जनरल सिंह ने बहुत अच्छी तरह सेना का पक्ष रखा था। इस कारण कांग्रेस को अपना मुख्यमंत्री तक बदलना पड़ा था। जनरल सिंह ने यूरोप से विमान खरीद का भी विरोध किया था।
–कपिल भारद्वाज
परीक्षितगढ़, मेरठ (उ.प्र.)
काजमी के कारनामे
श्री अरुण कुमार सिंह की रपट 'देश को कहां ले जाएंगे काजमी के कारिन्दे?' में काजमी के काले कारनामे उजागर हुए हैं। सेकुलर मीडिया तो इतना कुछ बताता ही नहीं है। काजमी के समर्थन में रैलियां हो रही हैं, प्रेस वालों को बुलाकर उसकी बेगुनाही के पर्चे दिए जा रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि बेगुनाही काजमी के कारिन्दे तय करेंगे या अदालत तय करेगी? यदि काजमी बेगुनाह होगा तो अदालत से छूट जाएगा, यह समझने का प्रयास क्यों नहीं हो रहा है?
–बी.एल. सचदेवा
263, आई.एन.ए. मार्केट, नई दिल्ली-110023
सोनिया-मनमोहन सरकार भी काजमी के कारिन्दों में शामिल है। जेल में बिरयानी चबाने वाले अफजल और कसाब को फांसी नहीं देना तो यही संकेत करता है। पुलिस कड़ी मेहनत करके किसी आतंकवादी को पकड़ती है, उसके खिलाफ सबूत जुटाती है और अदालत से सजा दिलवाती है। किन्तु सरकार उसकी मेहनत पर तब पानी फेर देती है जब किसी आतंकवादी को छोड़ देती है या उसे सजा से बचाने में जुटी रहती है।
–राममोहन चंद्रवंशी
विट्ठल नगर, टिमरनी, जिला–हरदा (म.प्र.)
कसाब की सेवा में छह रसोइये
कितनी शर्म की बात है कि मुम्बई पुलिस और कमांडोज का खाना बनाने के लिए तैनात छह रसोइये एक पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल कसाब के लिए बिरयानी पकाकर खिलाते थे। ये सब पिछले तीन साल से धड़ल्ले से चल रहा था, जबकि मुम्बई पुलिस और कमांडोज रसोइयों की कमी से परेशान थे। आखिर ये हमारे देश में हो क्या रहा है? देश में सरकार नाम की कोई चीज है भी या नहीं? ऐसा तो नहीं हो सकता कि तीन साल में किसी अधिकारी को यह पता ही नहीं चला कि उस पाकिस्तानी दुष्ट के लिए खाना पकाने वालों की तैनाती वहीं पर थी या कहीं और। ये रसोइये बिना किसी अधिकारिक मंजूरी के आर्थर रोड जेल में कसाब की सेवा में लगे थे। इससे तो यही सिद्ध होता है कि मुम्बई पुलिस-प्रशासन में भी देश के गद्दार छिपे हुए हैं। इसकी तो उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए, क्योंकि जिस किसी ने भी उन रसोइयों को आर्थर रोड जेल में भेजा होगा, हो सकता है उसने इसके लिए पाकिस्तान से या देश के अन्दर छिपे हुए पाकिस्तान के एजेंटों से मोटी रकम भी वसूली हो। यह मामला केवल पुलिस-प्रशासन की लापरवाही का ही नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार और देशद्रोह का भी हो सकता है।
–राजेन्द्र गोयल
बल्लभगढ़, फरीदाबाद (हरियाणा)
उपदेश देना तो धंधा है
यह सुन–पढ़कर दु:खद आश्चर्य हुआ कि अभिनेता संजय दत्त, जो शराब का प्रचार करने वाले विज्ञापनों की दुनिया में छाए रहते हैं और शराब का प्रचार करके करोड़ों रुपए कमाते हैं, उपदेश देने में वह भी पीछे नहीं रहे। उपदेश यह दिया कि नौजवान नशे से मुक्त रहें। हैरानी यह है कि पंजाब के हर चौक–चौराहे में शराब की बोतल के साथ संजय दत्त के बड़े–बड़े चित्र लगे हैं। युवा पीढ़ी गुमराह हो रही है और नोट संजय के लाकरों में बंद हो रहे हैं।
संजय दत्त यह बताएं कि जिस शराब का प्रचार करके वह मोटी कमाई कर रहे हैं, क्या शराब के नशे ने लाखों परिवारों को उजाड़ा नहीं? क्या शराब के नशे ने देश के लाखों नौजवानों को लीवर का रोगी बनाकर दुनिया से विदा नहीं किया? क्या शराब के नशे में सड़कों पर हजारों दुर्घटनाएं नहीं हुईं? क्या वे जानते हैं कि शराब के कारण कितने नौजवान मारे गए, दुर्घटनाओं से अपाहिज हुए और परिवार टूटे? शिकायत संजय दत्त से कम है, उनसे ज्यादा है, जिन्होंने नशे का प्रचार करके नोट कमाने वालों को इस प्रकार के उपदेश देने का मंच पर अवसर दिया।
–लक्ष्मीकांता चावला
अमृतसर (पंजाब)
पञ्चांग
वि.सं.2069 तिथि वार ई. सन् 2012
वैशाख पूर्णिमा रवि 6 मई, 2012
ज्येष्ठ कृष्ण 1 सोम 7 ” “
” ” 3 मंगल 8 ” “
(द्वितीया तिथि का क्षय)
” ” 4 बुध 9 ” “
” ” 5 गुरु 10 ” “
” ” 6 शुक्र 11 ” “
” ” 7 शनि 12 ” “
भारत की ताकत
अग्नि मिसाइल ने भरी, फिर से सफल उड़ान
भारत का इससे बढ़ा, मान और सम्मान।
मान और सम्मान, दूर तक मार करेगी
भारत की ताकत, सारी दुनिया देखेगी।
कह 'प्रशांत' है सारे दल को बहुत बधाई
किया रात–दिन काम, योजना सफल बनाई।।
-प्रशांत
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