… ताकि निर्मल बनी रहे जीवनदायिनी
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मध्य प्रदेश के मुल्ताई से बुरहानपुर तक ताप्ती नदी शुद्धि अभियान
मध्य प्रदेश के बुरहानपुर व बैतूल जिले में ताप्ती नदी की शुद्धि का अभियान जोरों पर चल रहा है। यह अभियान ताप्ती के उद्गम स्थल मुल्ताई से बुरहानपुर तक गायत्री परिवार द्वारा चलाया जा रहा है। तीन वर्ष पूर्व प्रारम्भ किया गया यह अभियान आज जन अभियान बन गया है। जल शुद्धि, तट शुद्धि व तटीय आदर्श ग्राम के लक्ष्य के साथ शुरू किए गए इस अभियान को चरणबद्ध रूप से चलाया जा रहा है।
जल शुद्धि के लिए गत 4 मार्च की सुबह मुल्ताई, कोलगांव, पारसडोह, भैसदही, देडतलाई व बुरहानपुर में नदी के शुद्धिकरण का कार्य किया गया। बुरहानपुर में ताप्ती नदी के घाट पर नदी के शुद्धिकरण का कार्य किया गया, जिसमें महापौर श्रीमती माधुरी पटेल, पार्षद श्री मुकेश चौहान, राष्ट्रीय पत्र लेखन परिषद के सदस्य व स्कूल विद्यार्थी सहित जनसमुदाय ने भाग लेकर सामूहिक श्रमदान किया। सभी ने मिलकर नदी से कचरा आदि निकालकर बाहर किया। सफाई अभियान के पश्चात सभी ने नदी के जल को निर्मल बनाए रखने के लिए संकल्प लिया। जल शुद्धि का यह क्रम मुल्ताई से बुरहानपुर तक ताप्ती के कई घाटों पर सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर गायत्री परिवार के कार्यकर्ता श्री बोरसे ने बताया कि जल शुद्धि के साथ-साथ तट शुद्धि के लिए इस वर्ष नदी के किनारे बड़ी संख्या में वृक्षारोपण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आदर्श तटीय ग्राम हेतु नदी के किनारे के गांवों को आदर्श गांव के रूप में विकसित किए जाने का क्रम भी चल रहा है। गांवों में जैविक कृषि को प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिससे रासायनिक खाद से होने वाले प्रदूषण से नदी को बचाया जा सके।
महापौर श्रीमती माधुरी पटेल ने कहा कि ताप्ती हमारे शहर की जीवन धारा है, इसे प्रदूषण से बचाने के लिए नगर निगम भी गंभीर है। आने वाले समय में इस दिशा में कड़े कदम उठाकर नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने का प्रयास किया जाएगा।
गायत्री परिवार के कार्यकर्ता श्री संतोष भोंडेकर ने बताया कि घाट पर निर्माल्य विसर्जन हेतु ताप्ती कुंड का स्थाई निर्माण किया जाएगा, जिसमें एकत्रित किए गए पुष्पों को गोशाला में एकत्रित कर उससे केंचुआ खाद का निर्माण किया जाएगा। इससे नदी तो प्रदूषित होने से बचेगी ही, साथ ही पेड़-पौधों को भी उत्तम खाद मिल सकेगी।
श्रमदान करने आए शिक्षक श्री कैलाश जयवंत ने कहा कि नदी वह पवित्र स्थान है, जिसका उपयोग सभी मत-पंथ के लोग करते हैं। प्रकृति के इस सुन्दर उपहार को बचाने की जिम्मेदारी हम सभी की है। अत: समाज के हर वर्ग को इस धरोहर को बचाने के लिए आगे आना चाहिए।
शुद्धि अभियान से पूर्व गायत्री परिवार के कार्यकर्ता श्री मेवालाल पाटीदार ने शुद्धिकरण में उपयोग किए जाने वाले सामान का पूजन कर भगवान विश्वकर्मा का आह्वान और पूजन करते हुए कहा कि नदियां हमारी संस्कृति की लोकमाता हैं, जिन्हें प्रदूषण से बचाने का कार्य उसके पुत्रों का है। इस उद्देश्य से हम सबको इस दिशा में प्रयास करना चाहिए। अभियान को जन अभियान बनाने हेतु गायत्री परिवार द्वारा नगर वासियों से सम्पर्क कर घाट पर ताप्ती शुद्धिकरण के सदवाक्य भी लिखे जा रहे हैं। मनोज तिवारी
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