हिन्दुत्व ही देश को संगठित रखे हुए है-मोहनराव भागवत, सरसंघचालक, रा.स्व.संघ
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हुबली में रा.स्व.संघ का तीन दिवसीय “हिन्दू शक्ति संगम” सम्पन्न
संगठित रखे हुए है
-मोहनराव भागवत, सरसंघचालक, रा.स्व.संघ
“हम एक हिन्दू देश से संबंधित हैं, जोकि हिन्दू राष्ट्र के रूप में जाना जाता है। मात्र हिन्दुत्व ही वह विचारधारा है, जो इस देश को संगठित रखे हुए है। इसमें देश की हर चुनौती का समाधान है”। उक्त उद्गार रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने गत 29 जनवरी को हुबली (कर्नाटक) में तीन दिवसीय “हिन्दू शक्ति संगम” के समापन समारोह को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। संगम का आयोजन रा.स्व.संघ के उत्तर कर्नाटक प्रांत के तत्वावधान में हुआ। जोकि संघ संस्थापक डा. केशवराव बलिराम हेडगेवार के चिकोडी प्रवास की 75वीं वषर््ागांठ के उपलक्ष्य में किया गया। इसी स्थान से कर्नाटक में संघ कार्य की शुरुआत हुई थी। संगम में प्रांत के 13 जिलों के 1894 गांवों से आए कुल 21, 554 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। करीब 2,000 स्वयंसेवक वर्ग की व्यवस्था में थे।
समारोह के मुख्य अतिथि प्रख्यात वैज्ञानिक ले.ज.(से.नि.) डा. वी.जे. सुन्दरम् थे। मंच पर डा. सुन्दरम् के अलावा रा.स्व.संघ के सरकार्यवाह श्री सुरेशराव उपाख्य भैयाजी जोशी, क्षेत्र संघचालक न्यायमूर्ति (से.नि.) पर्वत राव, प्रांत संघचालक डा. खगेशन शेट्टी एवं श्री राजयोगेन्द्र स्वामी भी आसीन थे।
श्री भागवत ने आगे कहा कि देश में खान-पान, संस्कृति, भाष्ाा और जीवनशैली में विविधता है, लेकिन हम हिन्दुत्व की बुनियादी विचारधारा से संबंधित हैं और हिन्दू राष्ट्र के रूप में एकजुट हैं। यह एक स्थायी सिद्धांत है और कभी भी प्रतिक्रियाशील नहीं है। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजांे ने हिन्दुत्व को मैक्सिको से लेकर इंडोनेशिया तक विश्व के अनेक देशों में पहुंचाया। जहां भी हमारे पूर्वज गए, वहां उन्होंने योग आदि की शिक्षा के जरिए लोगों का विकास किया तथा जीवन के शाश्वत मूल्यों से अवगत कराया।
पूर्व राष्ट्रपति डा. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की बात “हजारों वषर््ाों की गुलामी के कारण हम शक्ति की उपासना करना भूल गए। परन्तु आज समाज को सशक्त बनाने के लिए हमें शक्ति का संचयन करने की आवश्यकता है” का उल्लेख करते हुए श्री भागवत ने कहा कि संघ एक मजबूत और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए देशवासियों को मजबूत बनाने का काम कर रहा है।
श्री भागवत ने कहा कि शक्ति का इस्तेमाल अच्छे सामाजिक कार्यों के लिए किया जाना चाहिए। इस शक्ति के साथ चरित्र (शील) होगा, तभी यह शक्ति समाज के लिए कुछ कर पाएगी। भारत पर अनेक बार विदेशियों ने आक्रमण किए, पर वे इस देश को नष्ट नहीं कर सके। हममें सभी प्रकार के आक्रमणों को सहने की शक्ति तथा उनसे उभरने की क्षमता है। शक्ति का उपयोग समाज को मिलाने के लिए किया जाना चाहिए, न कि विभाजित करने के लिए। श्री भागवत ने कहा कि संघ के स्वयंसेवक समाज को मजबूती देने वाली सभी गतिविधियों में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। स्वयंसेवकों का उद्देश्य देश की समृद्धि है, इसी कार्य में वे लगे हुए हैं। स्वयंसेवक किसी भी असामाजिक गतिविधि का हिस्सा नहीं हैं।
मुख्य अतिथि डा. वी.जे. सुन्दरम् ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि हमने 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त की, पर यह आर्थिक नहीं थी। हमें कई क्षेत्रों में समस्याएं थीं, उसके बाद ही हमने हरित क्रांति, श्वेत क्रांति और तकनीकी क्रांति में सफलता प्राप्त की। उन्होंने कहा कि भारत ने तकनीकी में अपनी क्षमता को सिद्ध किया है। हमारी मिसाइल तकनीक विश्व की श्रेष्ठ मिसाइल तकनीकों में से एक है। स्वयंसेवकों के अनुशासन की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि देश को समृद्ध बनाने के लिए इस समय सामाजिक अनुशासन की आवश्यकता है। समापन कार्यक्रम में सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत के उद्बोधन से पूर्व सभी स्वयंसेवकों ने विभिन्न प्रकार के शारीरिक कार्यक्रमों का प्रदर्शन किया।
मजहबी आरक्षण का
विरोध करेगा संघ
-भैयाजी जोशी, सरकार्यवाह, रा.स्व.संघ
संगम के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रा.स्व.संघ के सरकार्यवाह श्री सुरेशराव उपाख्य भैयाजी जोशी ने कहा कि संघ का कार्य कश्मीर से कन्याकुमारी तथा मणिपुर की पहाड़ियों से लेकर राजस्थान के रेगिस्तान तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि समाज ने संघ कार्य को स्वीकार किया है तथा जब भी कभी संघ को समाज के सहयोग की आवश्यकता होती है वह अपना समर्थन देता है। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक संघ की मूल विचारधारा के अनुसार राष्ट्र निर्माण का कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर सह सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबले, अ.भा. बौद्धिक प्रमुख श्री भागैया, कर्नाटक के मुख्यमंत्री श्री डी.वी. सदानंद गौडा, श्री राजयोगेन्द्र स्वामी भी विशेष रूप से उपस्थित थे।
“हिन्दू शक्ति संगम” के समापन समारोह के पश्चात पत्रकारों को संबोधित करते हुए सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक भ्रष्टाचार के हर रूप का विरोध करेगा। हमारा लक्ष्य कोई व्यक्ति नहीं है, बल्कि भ्रष्टाचार है। हमारी हर सरकार से इस देश में अच्छे शासन की मांग है। उन्होंने कहा कि देश में अनेक चुनौतियां हैं। आतंकवाद सम्पूर्ण उत्तर-पूर्व तथा जम्मू-कश्मीर में दशकों से बड़ी चुनौती बना हुआ है। इसके चलते वहां आम आदमी दहशत में जीने को मजबूर है।
भैयाजी ने कहा कि संघ वनवासी कल्याण आश्रम के जरिए 1952 से ही वनवासियों के विकास के लिए कार्य कर रहा है। आज हम सम्पूर्ण देश में वनवासी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोगों के विकास के लिए समरसता मंच जैसे संगठनों के जरिए गतिविधियां संचालित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संघ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का समर्थन करता है। लेकिन संघ मजहबी आधार पर दिए जाने वाले हर आरक्षण का विरोध करेगा। मजहबी आधार पर दिया जाने वाला आरक्षण राजनीतिक लाभ के लिए है, समाज वोट बैंक की इस राजनीति को समझ चुका है। द हुबली से प्रतिनिधि
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