भविष्य में दुनिया में संस्कृत का बोलबाला होगा
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भविष्य में दुनिया में संस्कृत का बोलबाला होगा

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Feb 1, 2012, 12:00 am IST
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विविध

दिंनाक: 01 Feb 2012 11:55:26

-चमू कृष्ण शास्त्री, प्रकाशन प्रमुख, संस्कृत भारती

गत 21-23 जनवरी को टिमरनी (म.प्र.) में 20वीं “श्रद्धेय भाऊ साहब भुस्कुटे स्मृति व्याख्यानमाला” सम्पन्न हुई। तीन दिन तक चले इस कार्यक्रम में विद्वानों ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए।

“भगवद्गीता के अनुसार जीवन” विषय पर प्रथम दिन संस्कृत भारती के प्रकाशन प्रमुख और मूर्धन्य संस्कृत विद्वान श्री चमूकृष्ण शास्त्री ने संबोधित करते हुए कहा कि भगवद्गीता प्रवचन का विषय नहीं, अपितु आचरण का विषय है। नित्य जीवन में गीता के उपदेशों का उपयोग कर हम स्वयं, समाज और राष्ट्र को श्रेष्ठ बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम भगवद्गीता आदि संस्कृत के ग्रंथों का पाठ तो करते हैं, लेकिन उसके अर्थ को ग्रहण नहीं करते। संस्कृत कठिन भाषा नहीं है। हम प्रतिदिन की बातचीत में संस्कृत के अनेक शब्दों का प्रयोग करते हैं। जिस प्रकार प्रत्येक भाषा में बोलचाल की भाषा सरल और साहित्य की भाषा कठिन होती है, वैसा ही संस्कृत में              भी है।

श्री शास्त्री ने कहा कि जिस प्रकार 40 साल पहले दुनिया में योग को कोई नहीं जनता था, पर आज हर देश में योग की धूम मची हुई है। इसी प्रकार आगे आने वाले समय में दुनिया में संस्कृत का बोलबाला होगा। उन्होंने कहा कि हमें गीता के युगानुकूल अर्थ को ही ग्रहण करना चाहिए। गीता में सज्जनों का संरक्षण, दुष्टों का विनाश और धर्म की स्थापना का उल्लेख आया है। आज के सन्दर्भ में सज्जनों का संरक्षण अर्थात उत्तम जन, उत्तम विचार, उत्तम व्यवस्था और उत्तम संस्था का संरक्षण है। इसी प्रकार दुष्टों के विनाश से तात्पर्य दुष्ट जन, दुष्ट विचार, दुष्ट व्यवस्था और दुष्ट संस्था का विनाश है। गीता की युगानुकूल व्याख्या करके हम व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक और राष्ट्र जीवन को श्रेष्ठ बना सकते हैं। केवल आध्यात्मिक ग्रंथ के रूप में गीता का पाठ करना उचित     नहीं है।

दूसरे दिन “उत्तर पूर्वांचल क्षेत्र: समस्या और समाधान” विषय पर विवेकानंद केन्द्र, कन्याकुमारी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुश्री निवेदिता भिड़े ने संबोधित करते हुए कहा कि भारत को तोड़ने के षड्यंत्र, बंगलादेशी घुसपैठ, मतांतरण और माओवाद आज उत्तर पूर्वांचल की गंभीर समस्याएं हैं। उन्होंने कहा कि पूरा उत्तर पूर्वांचल 40 किलोमीटर की एक पट्टी से जुड़ा हुआ है, यदि इस पट्टी को काट दिया जाए तो यह भू-भाग देश से कट जाएगा।

सुश्री भिड़े ने कहा कि मैकाले की शिक्षा पद्धति के कारण हमारी मानसिकता खराब हो रही है। जो राष्ट्र की एकात्मता के लिए बड़ा खतरा है। भारत केवल भूमि का एक टुकड़ा नहीं है। यह एक शरीर है, जोकि प्राण और चेतना से युक्त है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल से ही उत्तर पूर्वांचल क्षेत्र अपनी परम्पराओं, संस्कृति और रीति-रिवाजों के माध्यम से देश के शेष भू-भाग से अंतरंग रूप से जुड़ा रहा है। परन्तु दुर्भाग्य से उसे भारत से तोड़ने के प्रयत्न तेजी से चल रहे हैं। तीसरे दिन भी सुश्री भिड़े ने “स्वामी विवेकानन्द का जीवन और संदेश भारत जागो : विश्व जगाओ” विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। द प्रतिनिधि

“वर्तमान परिदृश्य और हमारी भूमिका” पर संगोष्ठी

भौतिक उत्कर्ष के साथ-साथ

नैतिक उत्कर्ष भी आवश्यक

-दत्तात्रेय होसबले, सह-सरकार्यवाह, रा.स्व.संघ

गत दिनों नई दिल्ली में रा.स्व.संघ के सम्पर्क विभाग द्वारा विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें संघ के सह-सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबले ने उद्योगपतियों से देश की वर्तमान स्थिति और उसमें हमारी भूमिका पर चर्चा की।

श्री दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के भौतिक उत्कर्ष के साथ-साथ उसका नैतिक उत्कर्ष भी आवश्यक है। आज हमारे देश के समक्ष सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं सुरक्षा सम्बन्धी चुनौतियां सिर उठाए खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि हम धर्मविहीन राष्ट्र बनते जा रहे हैं। अगर हमने भौतिक जीवन में धर्म व नैतिकता का समावेश किया होता, तो बड़े-बड़े महलों के बगल में झुग्गियां न होतीं। भ्रष्टाचार, चरित्रहीनता और आतंकवाद जैसी समस्याओं का मुख्य कारण हमारा नैतिक पतन है।

श्री होसबले ने कहा कि भारत में भ्रष्टाचार के खिलाफ जो भी आंदोलन हो रहे हैं उनसे यह सिद्ध होता है कि भारत और उसकी संवेदनाएं अभी भी जिंदा हैं। भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने के लिए दो मुख्य प्रकार के प्रयास किए जा सकते हैं- पहला, व्यक्ति के तौर पर मनुष्य को अच्छे संस्कार देना और दूसरा, व्यवस्था में पारदर्शिता लाना। उन्होंने कहा कि इन्सान सुख के पीछे भागता है, लेकिन अभी दुनिया को यह समझना बाकी है कि वास्तविक सुख क्या है। उन्होंने आह्वान किया कि प्रत्येक व्यक्ति अपने घर के युवाओं को किसी न किसी प्रकार के सेवा कार्यों से जोड़े जिससे वो सिर्फ जेब से ही नहीं, अपितु चरित्र से भी अमीर बन सकें। उन्होंने आह्वान किया कि देश में ऐसी शिक्षा पद्धति का विकास किया जाए, जिसमें उपाधि के साथ-साथ संस्कार व चरित्र निर्माण किया जा सकें। इस अवसर पर श्री होसबले के साथ रा.स्व.संघ, दिल्ली के सह-प्रांत संघचालक डा. श्याम सुन्दर अग्रवाल भी  मंचासीन थे।द प्रतिनिधि 

झालावाड़ में रा.स्व.संघ का विराट हिन्दू शक्ति पथ संचलन

समाज से छुआछूत समाप्त हो

-इन्द्रेश कुमार, सदस्य, अ.भा.कार्यकारी मंडल, रा.स्व.संघ

“1925 से नागपुर में 5 स्वयंसेवकों से प्रारंभ हुआ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज लाखों की संख्या का व्यापक संगठन बन चुका है। भारत में 45 से 50 हजार शाखाएं तथा 40 से अधिक देशों में संघ का व्यापक विस्तार है। इस कार्य में मातृशक्ति भी पीछे नहीं है।” उक्त उद्गार रा.स्व.संघ के अ.भा.कार्यकारी मंडल के सदस्य श्री इन्द्रेश कुमार ने गत दिनों झालावाड़ (राजस्थान) में विराट हिन्दू शक्ति पथ संचलन में आए स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। 

श्री इन्द्रेश कुमार ने कहा कि हमें हमारे उपेक्षित व गरीब बंधुओं के साथ छुआछूत जैसी विषमता को त्यागना होगा। भगवान राम ने भी शबरी के बेर खाकर समाज को छुआछूत से दूर रहने का संदेश दिया था। छूआछूत घोर पाप व अपराध है। हर आदमी का मन-मानस छुआछूत से मुक्त हो, और एकरसता से ओतप्रोत हो, संघ इसी प्रयास में लगा है।

संचलन में जिले के लगभग 6000 स्वयंसेवकों ने गणवेश में भाग लिया। इस अवसर पर संत श्री तरुण मुरारी बापू, विभाग संघचालक श्री बद्रीप्रसाद भारद्वाज एवं जिला संघचालक डा. जगदीश चन्द श्रृंगी विशेष रूप से उपस्थित थे। पथ संचलन का नागरिकों द्वारा अभूतपूर्व स्वागत किया गया। हैलीकाप्टरों द्वारा की गई पुष्प वर्षा आकर्षण का मुख्य केन्द्र रही। द प्रतिनिधि 

जम्मू-कश्मीर के संबंध में समाप्त हों मिथक

-अरुण कुमार, सदस्य, अ.भा.कार्यकारी मंडल, रा.स्व.संघ

“जम्मू-कश्मीर का विलय अन्य राज्यों की ही तरह भारत संघ में हुआ था। विलय के पीछे न तो कोई शर्त थी और न ही कोई विवाद। आज भी कोई विवाद नहीं है। स्वयं पाकिस्तान ने भी पहले माना था कि विलय को लेकर कोई विवाद नहीं है, लेकिन बाद में पलट गया। भारत को आर्थिक शक्ति बनना है तो गिलगित और बल्टिस्तान को अतिशीघ्र भारत के नियंत्रण में लेना होगा”। उक्त उद्गार रा.स्व.संघ के अ.भा. कार्यकारी मंडल के सदस्य श्री अरुण कुमार ने गत दिनों भोपाल में “जम्मू-कश्मीर: तथ्य, समस्या और समाधान” विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। संगोष्ठी का आयोजन जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र की भोपाल इकाई द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मे.ज. (से.नि.) अशोक कुमार ने की।

धारा 370 के संबंध में बोलते हुए श्री अरुण कुमार ने कहा कि यह भारत के संविधान का एक हिस्सा मात्र है। संविधान की इस धारा की आज तक गलत व्याख्या और दुरुपयोग होता आया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के संबंध में यह धारणा खत्म होनी चाहिए कि वह सिर्फ कश्मीर है और पूरा कश्मीर अलगाववादी है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में तीन क्षेत्रीय विशेषताएं हैं। जम्मू और लद्दाख की ही तरह कश्मीर भी एक क्षेत्र है। यह जम्मू-कश्मीर का सबसे छोटा हिस्सा है। यहां के कुछेक मुसलमान ही आतंकवाद और अलगाववाद के समर्थक हैं। जम्मू-कश्मीर प्रांत के अधिकांश हिस्सों में आजतक एक भी अलगाववादी प्रदर्शन नहीं हुआ है।

जम्मू-कश्मीर के बारे में देश और दुनिया के सामने तीन मिथक प्रचारित किए जाते हैं। पहला, जम्मू-कश्मीर विवादित मुद्दा है, दूसरा, जनमत संग्रह का वादा पूरा नहीं किया गया और तीसरा मिथक स्वायत्तता का है। जबकि विलय संधि में इसका कोई उल्लेख तक नहीं है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर का विलय भी उसी प्रारूप में हुआ था जैसा कि देश की अन्य रियासतों का।

इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के निवर्तमान सरसंघचालक कुप्. सी. सुदर्शन, पूर्व मुख्यमंत्री श्री कैलाश जोशी, पूर्व सांसद श्री कैलाश सारंग, प्रांत संघचालक श्री सतीश पिंपलीकर सहित अनेक गण्यमान्य नागरिक उपस्थित थे। द अनिल सौमित्र

छात्रों का पत्रकारों से संवाद

विश्व संवाद केन्द्र, पटना की ओर से गत दिनों संवाद समारोह का आयोजन किया गया। इसमें पटना के विभिन्न संस्थानों से आए पत्रकारिता के विद्यार्थियों ने शरह के प्रतिष्ठित पत्रकारों के साथ बातचीत कर अपनी जिज्ञासाओं का समाधान किया।

कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ पत्रकार कुमार दिनेश ने कहा कि खबरों के साथ ज्यादती होने की स्थिति में स्वीकार्य भाषा का प्रयोग करें। वहीं श्री प्रिय रंजन भारती ने कहा कि भावी पत्रकार मीडिया में हो रहे क्षरण को रोक सकते हैं। श्री प्रवीण बागी ने कहा कि कोई भी मीडिया कवरेज इस बात पर निर्भर करता है कि किसी मुद्दे का आम जन से कितना जुड़ाव है। श्री सुधीर ने कहा कि किसी खबर की तह तक पहुंंचने के लिए पत्रकार को बार-बार प्रयासरत रहने की आवश्यकता होती है। कार्यक्रम में पटना महिला कॉलेज के जनसंचार विभाग की विभागाध्यक्ष सुश्री शंपा शर्मा भी उपस्थित थीं। द संजीव कुमार

स्वामी विवेकानंद जयंती के उपलक्ष्य में आयोजन

विचार गोष्ठी तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम

स्वामी विवेकानंद जयंती के उपलक्ष्य में गत दिनों फरीदाबाद में रा.स्व.संघ और विवेकानंद केन्द्र के संयुक्त तत्वावधान में विचार गोष्ठी तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में शहर के महाविद्यालयीन छात्रों ने भाग लिया।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय मंत्री श्री कश्मीरी लाल ने कहा कि स्वामी विवेकानंद विश्व के सभी युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। प्रत्येक युवा को स्वामी विवेकानंद का जीवन अवश्य पढ़ना चाहिए। इससे युवा न  केवल अपने भविष्य के लिए सही नियोजन कर पाएंगे, बल्कि देश और समाज के प्रति भी निश्चित रूप से सकारात्मक बदलाव आएगा। उन्होंने कहा कि आज युवाओं के हृदय में वास कर चुके समाजसेवी श्री अण्णा हजारे की प्रेरणा के स्रोत स्वामी विवेकानंद और महात्मा गांधी ही हैं। श्री कश्मीरी लाल ने कहा कि देशभक्ति का दूसरा नाम स्वामी विवेकानंद है। कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत बैंक अधिकारी श्री आर.के. गुप्ता ने की। सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत छात्र सागर और अंकित ने संगीत के साथ देशभक्ति गीतों का गायन कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।द प्रतिनिधि

28 बैल कसाइयों से मुक्त

विहिप कार्यकर्ताओं की सजगता

विश्व हिन्दू परिषद व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं की सजगता ने एक बार फिर गोवंश को कटने से बचा लिया। कुल 28 बैलों की जान इन कार्यकर्ताओं ने बचाई। 21 जनवरी को उत्तरी दिल्ली के रामा विहार में विहिप कार्यकर्ताओं ने जब कुछ कसाइओं को संदिग्ध अवस्था में बैलों को ले जाते हुए देखा, तो उन्हें रोककर पूछताछ की। थोड़ी देर में ही बैलों को ले जा रहे लोग घबरा गए और सभी 28 बैलों को छोड़कर भाग गए। विहिप के कंझावला जिला मंत्री श्री धर्मवीर बंसल ने बताया कि हमने इस बात की जानकारी तुरन्त पुलिस को दी तथा सभी बैलों को बेगमपुर थाने ले आए। परन्तु पुलिस ने शिकायत दर्ज करना तो दूर, उस महिला को भी छोड़ दिया जो कसाइयों के साथ थी। पुलिस के ढीले रवैये देखते हुए परिषद के कार्यकर्ताओं ने थाने के सामने ही पुलिस के विरुद्ध प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्थिति बिगड़ती हुई देख पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे तथा दोषियों की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया और मामले में ढिलाई बरतने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बात कही, तब जाकर कहीं कार्यकर्ता शांत हुए। द प्रतिनिधि

 स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण

स्वामी विवेकानंद जयंती पर भारत विकास परिषद के दिल्ली कार्यालय में स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किया गया। प्रतिमा के समक्ष खड़े भारत विकास परिषद के कार्यकर्ता।

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