चौपट होती भारतीय अर्थव्यवस्था
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

चौपट होती भारतीय अर्थव्यवस्था

by
Feb 1, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

चौपट होती भारतीय अर्थव्यवस्था

दिंनाक: 01 Feb 2012 11:59:56

12 लाख करोड़ रुपए के जाली नोटों के कारोबार से

मुजफ्फर हुसैन

राज्यसभा में लोकपाल विधेयक पारित नहीं हुआ। इस पर उन लोगों ने जश्न मनाया जो कालेधन के लेन-देन में तल्लीन रहते हैं। जब लोकसभा में इस पर गर्मागर्म बहस हो रही थी और सरकार की गर्दन पर अण्णा हजारे के अनशन की तलवार लटक रही थी उस समय इसके लेनदेन में मंदी आ गई थी। शेयर बाजार भी डांवाडोल हो रहा था। लेकिन ठीक उसी समय कालेधन से सम्बंधित लोगों में यह भी विचार-विमर्श चल रहा था कि यदि कानूनी रूप से इस पर पकड़ आ गई तो फिर उनका कारोबार चौपट हो जाएगा। भविष्य में भारत को शिकंजे में कसने के लिए अन्य विकल्पों की खोज भी होने लगी थी। भारत की अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के लिए केवल कालाधान विदेशों में स्थानान्तरित करना ही एक मात्र विकल्प नहीं है। इसके लिए एक सस्ता और नियमित मार्ग है भारत की नकली मुद्रा बाजार में प्रवाहित करना। भारत में यह काम वर्षों से हो रहा है। गत 8 जनवरी को नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एन.आई.ए.) की हैदराबाद इकाई ने पाकिस्तान से जाली भारतीय नोट लाकर बाजार में प्रसारित करने वाले एक गिरोह का पर्दाफाश किया है। उस गिरोह के 11 अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। एन.आई.ए. ने बताया कि इस गिरोह से 27 हजार रुपए के जाली नोट बरामद किए गए। पूछताछ करने पर इसी गिरोह से पता चला कि पिछले सप्ताह उन्होंने पश्चिम बंगाल के मालदा नगर के आस-पास एक करोड़ रुपए के जाली नोट बाजार में चलाए हैं।

जटिल समस्या

हमारी अर्थव्यवस्था के लिए यह कालेधन से भी बढ़कर अधिक जटिल समस्या है। विदेश में रखे कालेधन तक सरकार की पहुंच टेढ़ी खीर है, लेकिन जाली नोट की समस्या तो घरेलू है। इसके बावजूद सरकार इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठा पाती है। जब घर के मोर्चे को भी हम नहीं जीत सकते हैं तो विदेशी बैंकों से कालेधन की वापसी कैसे कर सकते हैं? आर्थिक मोर्चे पर सरकार की सबसे बड़ी कमजोरी देश में जाली नोटों की लगातार बढ़ती घुसपैठ है। भारत विरोधी ताकतों के लिए यह भारत में सेंध लगाने की सबसे आसान तरकीब है। घुसपैठियों को इसलिए पकड़ा जा सकता है क्योंकि उनका अस्तित्व दिखाई पड़ता है लेकिन जाली नोट को चलन में पकड़ पाना उससे अधिक कठिन और जोखिम भरा काम है। जाली नोट जहां महंगाई और मुद्रा स्फीति को बढ़ावा देने में सबसे शक्तिशाली हथियार हैं, वहीं आतंकवादियों के लिए सबसे बड़ा वरदान भी है। पिछले दिनों नेपाल के प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टराई ने अपनी भारत यात्रा के समय वित्तमंत्री चिदंबरम को विश्वास दिलाया था कि वे इसके विरुद्ध ठोस कदम उठाएंगे, लेकिन आज तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है। पाकिस्तान में धड़ल्ले से भारतीय जाली नोट छपते हैं और फिर नेपाल के रास्ते भारत में इनका सरलता से प्रवेश हो जाता है। नकली नोटों की घुसपैठ का दूसरा मार्ग है बंगलादेश और साथ ही श्रीलंका। बंगलादेशी घुसपैठिये स्वयं भी जाली नोट छापते हैं और भारत में जहां तक उनकी पहुंच हैं वहां पहुंचा देते हैं। श्रीलंका में छपे जाली नोटों का बाजार दक्षिण भारत है।

तेलगी ने तेल लगाया

एक समय था कि भारतीय मुद्रा नासिक और मुम्बई में छापी जाती थी। इसके लिए होशंगाबाद में विशेष प्रकार का कागज तैयार होता था। लेकिन उदारीकरण के प्रभाव से भारतीय नोट और स्टेम्प पेपर भी नहीं बचे। विदेश में नोट सस्ते दामों पर छपते हैं, इस तर्क के आधार पर हमारी मुद्रा विदेशों में छपने लगी। आप इस बात को भूले नहीं होंगे कि मुम्बई रिजर्व बैंक ने जब अपना प्रिटिंग प्रेस बाजार में बेचा तो उसे तेलगी जैसे धूर्त व्यापारी ने खरीद लिया। होशंगाबाद में तैयार होने वाला विशेष कागज रिजर्व बैंक के अंकुश में रहता था। लेकिन लंदन के खुले बाजार में इस तरह के कागज की कमी नहीं थी। इसलिए तेलगी वहां से कागज खरीदता था और जाली स्टेम्प बनाकर दो नम्बर के बाजार में बेच दिया करता था। बाद में यह कांड पकड़ा गया। तेलगी स्टेम्प पेपर घोटाले की गूंज बहुत दिनों तक लोकसभा में सुनाई पड़ती रही। तेलगी तेल लगाकर चलता बना लेकिन उसका खेल जारी है या बंद हो गया यह विश्वास से नहीं कहा जा सकता है। कुल मिलाकर अब जाली नोट और जाली स्टेम्प पेपर तैयार कर लेना कोई ढंकी छिपी बात नहीं रही है। पाकिस्तान सरकार भारत के जाली नोट छपवाने में स्वयं रुचि लेती है? बार-बार यह सवाल उठता है कि आतंकवादियों के पास धन कहां से आता है? इस प्रकार के जाली नोट छापकर वे अपने निजी काम भी करते हैं और उन्हें जहां आतंक फैलाना है अथवा आतंकवादी हमले करवाने हैं, वहां उनका धड़ल्ले से उपयोग करते हैं। भारतीय उपखण्ड में आतंकवादियों के सफल हो जाने का यह सबसे बड़ा कारण है। अफगानिस्तान में पैदा होने वाली अफीम उनके लिए काला सोना है। दूसरी ओर जाली नोट उन्हें अपने उद्देश्यों को पूरा करने में सहायक हैं।

भारत सरकार को इन जाली नोटों के निर्माता और तस्करों की जानकारी भी है। लेकिन दो-चार छोटे मामलों में पकड़-धकड़ के अतिरिक्त कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता है। संक्षेप में कहा जाए तो हमारा ही रुपया हमें आतंकित करने के काम आता है।

वह कौन था?

उत्तर प्रदेश में बागपत रेलवे स्टेशन पर पिछले दिनों जब लोगों ने यह आवाज सुनी कि एक हजार के बदले में दो हजार। कौन होगा जो इसका लाभ नहीं ले। पहले तो यह शंका हुई कि यह कोई मूर्ख बनाने की बात कर रहा है। लेकिन जब लोगों ने देखा कि वास्तव में उसके पास जो नोट हैं वे बिल्कुल असली हैं तो फिर भीड़ जुट गई। एक के बदले में दो नोट लेकर लोग खुश थे।  किन्तु नोट देने वाला कुछ ही मिनटों में वहां से गायब हो गया। हजार के बदले दो हजार पाने वाले बड़े खुश थे। लेकिन जब स्टेट बैंक में उक्त नोट लेकर कुछ लोग अपने खाते में जमा करवाने के लिए पहुंचे तो बैंक वालों ने मशीन से जांच करके उन नोटों को नकली बताया। असली नोटों के हू-बहू ये नकली नोट बनाने वाला कौन था और कहां से आया? पुलिस ने उसकी तलाश की लेकिन कोई पता नहीं चला। बंगलूरु गुप्तचर विभाग को सूचना मिली कि नकली नोट चलाने वाली एक टोली सक्रिय है। जाली नोटों का धंधा करने वाले किसी एक राज्य में सक्रिय नहीं होते हैं। बाद में पता लगा कि उत्तर प्रदेश के रमा बाई नगर में वे पचास हजार के नकली नोट चलाने में सफल हो गए। “रेवेन्यू इंटेलीजेंस” के निदेशक का कहना है कि यदि धुर दक्षिण में वे जाली नोटों का जत्था लेकर पहुंचते हैं तो फिर उनका दूसरा निशाना उसी समय धुर उत्तर अथवा पश्चिम में होता है। पुलिस ने उस टोली के कुछ सदस्यों को पकड़ लिया। जिनसे यह मालूम हो सका कि वे 12 लाख करोड़ रुपए के जाली नोट बड़ी सरलता से बाजार में पहुंचा चुके हैं।

जहरीला नाग

“रेवेन्यू इंटेलीजेंस” की रपट के अनुसार 2008-09 में दो करोड़ पचास लाख और 2010 में 27 करोड़ की जाली इंडियन करंसी भारत के बाजारों में पहुंचाई गई। “रेवेन्यू इंटेलीजेंस” का यह अनुभव है कि तस्करी करने वाली ये टोलियां अधिकांश एक हजार और 500 के जाली नोटों की हेराफेरी करती हैं। पुलिस ने पिछले दिनों पश्चिम बंगाल के रहने वाले बशारत शेख और सद्दाम हुसैन को इस आरोप में गिरफ्तार किया था। तमिलनाडु का वेंकटेश भी इस टोली में था जो बाद में पचास लाख के नोटों के साथ पकड़ा गया। भारतीय पुलिस की जानकारी के अनुसार रिजवान अहमद मुख्य अपराधी है, जो पाकिस्तान की आई.एस.आई. के लिए काम करता है। जब कोई भी अपराधी पकड़ा जाता है तो पता चलता है कि उसे नेपाल में नकली नोटों का जत्था दिया गया। पाकिस्तान की गुप्तचर संस्था आई.एस.आई. का एक स्थायी विभाग है जो हर समय भारत में नकली नोटों की खेप भेजने में सक्रिय भाग लेता है। भारत में उनके एजेंटों के द्वारा सभी बड़े बाजारों में जाली भारतीय करंसी पहुंचाई जाती है। आई.एस.आई. पिछले दस वर्षों से यह काम कर रही है। इन आतंकवादियों और असामाजिक तत्वों के इशारे पर पाकिस्तान के लिए जो काम करता है उसे अच्छा पैसा मिलता है। आफताब बंकी, बाबूगेथान और सलीम नामक व्यक्ति की भूमिका जाली नोट की घुसपैठ कराने में सक्रिय रही है। भारत सरकार का दावा है कि पिछले दस वर्षों में 30 करोड़ की नकली करंसी बरामद की गई है। पाकिस्तानी एजेंट एक हजार का नकली नोट चलाने पर दलाली करने वाले को 600 रुपए का मुआवजा देते हैं। पाकिस्तान सरकार ने जानबूझकर इस काम में अपने 13000 एजेंटों को लगा रखा है। पाकिस्तानियों ने कितने नकली नोट भारत में चला रखे हैं इसका आंकड़ा चौंका देने वाला है। यदि उनकी बात मानी जाए तो भारत में 12 लाख करोड़ रुपए के नकली नोट इस समय चल रहे हैं। इन नोटों के दम पर न केवल आतंकवादी हमले होते हैं, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था में सेंध लगाई जाती है। वास्तव में यह जहरीला नाग भी कालेधन जैसा ही है। भारत सरकार ने यदि इस पर भी नियंत्रण कर लिया तो एक बहुत बड़े शत्रु से देश को छुटकारा मिल सकता है।द

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies