सत्य की जीत
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

सत्य की जीत

by
Jan 28, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पाठकीय

दिंनाक: 28 Jan 2012 15:36:35

अंक-सन्दर्भ

8 जनवरी,2012

बकवास करते हैं दिग्विजय

श्री बल्देव भाई शर्मा का आलेख “अपने गिरेबां में झांकें दिग्विजय सिंह” पढ़ा। पूर्वाग्रह और संकीर्ण मानसिकता के शिकार दिग्विजय सिंह को संघ के अलावा कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। उन्हें कश्मीर में व्याप्त आतंकवाद नजर नहीं आता, हां अण्णा के शांतिप्रय आंदोलन में षड्यंत्र नजर आता है।

-मनोहर मंजुल

पिपल्या-बुजुर्ग, प. निमाड़-451225 (म.प्र.)

द पाञ्चजन्य ने रा.स्व.संघ के पूर्व सरसंघचालक श्री रज्जू भैया एवं श्री अशोक सिंहल के साथ दिग्विजय सिंह के चित्र को प्रकाशित कर धमाल मचा दिया। क्या दिग्विजय सिंह में इतना साहस है कि वे देशवासियों से अपील करें कि देशवासी अब उनके साथ भी वैसा ही व्यवहार करें जैसा कि वे अण्णा हजारे के साथ देशवासियों के व्यवहार की अपेक्षा कर रहे थे? दूसरों पर पत्थर बरसाने से पहले दिग्विजय यह अच्छे से देख परख लें कि कहीं वे खुद ही कांच के घर में तो नहीं बैठे हैं।

-परमानन्द रेड्डी

डी/19, सेक्टर-1, देवेन्द्र नगर, रायपुर (छ.ग.)

द भारत वर्ष की राजनीति की यह कैसी विडम्बना है कि हमारे नेता हिन्दू होते हुए भी हिन्दू विरोध की बातें करते हैं, क्योंकि थोक में मिलने वाले मुस्लिम वोटों की चाह में उन्हें कुछ भी गलत नजर नहीं आता। यह वोटों की राजनीति ही है कि हिन्दू बहुसंख्या में होने के बावजूद शक्तिशाली नहीं हैं। जबकि देश को शक्तिशाली बनाने के लिए हिन्दुओं का शक्तिशाली होना अनिवार्य है। हिन्दुओं को शक्तिशाली होने के लिए उनमें एकता अनिवार्य है।

-अर्पित रस्तोगी

क्यूमगंज, फर्रुखाबाद-207502 (उ.प्र.)

तानाशाही कर रही है सरकार

सम्पादकीय “एक बार फिर अधर में लोकपाल” में केन्द्र सरकार की खिंचाई की गई है। दरअसल, यह सरकार लोकपाल को लेकर कभी ईमानदार नहीं रही है। 29 दिसम्बर, 2011 को राज्यसभा में लोकपाल पर बहस के दौरान जो हुआ, वह घोर निन्दनीय है। राज्यसभा धृतराष्ट्र की सभा बन गई थी और लोकतंत्र रूपी “द्रोपदी” का चीरहरण हुआ था। यह सरकार पूरी तरह तानाशाही पर उतर चुकी है।

-राममोहन चंद्रवंशी

विट्ठल नगर, स्टेशन रोड, टिमरनी, जिला-हरदा (म.प्र.)

संकट का संकेत

श्री नरेन्द्र सहगल का लेख “खालिस्तानी आतंकवाद” एक आसन्न संकट का संकेत करता है। 1980 के दशक में पंजाब में जारी आतंकवाद से पूरा देश परिचित है। इन दिनों जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी कैसी करतूतें कर रहे हैं, यह भी हम देख रहे हैं। आतंकवाद किसी भी सूरत में सिर न उठा पाये, इसका ध्यान रखना होगा।

-कुन्ती रानी

कटिहार-854105 (बिहार)

फिर बंटेगा देश, आमादा है कांग्रेस

श्री मुजफ्फर हुसैन का लेख “आग से मत खेलो” सेकुलर नेताओं की कुचालों को बाहर लाने में सफल रहा। कांग्रेस, सपा, बसपा, राजद आदि सेकुलर दलों के नेता अपने स्वार्थ के लिए देशतोड़क मांगें उठाते हैं और उन्हें पूरी करने के लिए सरकार पर दबाव डालते हैं। कांग्रेस तो सदैव मुस्लिम तुष्टीकरण में ही लगी रहती है। तुष्टीकरण की राजनीति की वजह से ही वह वर्षों से राज कर रही है। दूसरी ओर देश कमजोर होता जा रहा है।

-हरेन्द्र प्रसाद साहा

नया टोला, कटिहार-854105 (बिहार)

द पिछले दिनों कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने कहा, “बढ़ाएंगे मुस्लिम आरक्षण का कोटा।” यदि ये नेता इसी तरह स्वहित को देशहित से अधिक महत्व देते रहेंगे, तो एक दिन वैसी ही विकट स्थितियां पैदा होंगी जैसी 1947 से पूर्व हुईं थीं। कांग्रेस स्पष्ट बताए कि वह क्या चाहती है?

-मनोहरलाल नागपाल

1037-ए, सेक्टर-ए, सुदामानगर, इन्दौर (म.प्र.)

अंक-सन्दर्भ

1 जनवरी,2012

आवरण कथा के अन्तर्गत श्री अरुण कुमार सिंह की रपट “गीता के प्रति गहरा षड्यंत्र” अच्छी लगी। श्रीमद्भगवद्गीता पर प्रतिबंध लगाने की बात वही लोग कर सकते हैं, जो दुर्भावना से ग्रसित हों। सत्य की ही जय होती और और गीता के सन्दर्भ में रूस में यही हुआ। गीता तो समस्त मानव जाति के कल्याण की बात करती है।

-पारुल शर्मा

36, तीरथ कालोनी, हर्रावाला, देहरादून-248001 (उत्तराखण्ड)

द गीता पर प्रतिबंध लगाने की बात करके दुनियाभर के हिन्दुओं की भावनाओं का अपमान किया गया। गीता मानव को जीवन जीने की कला सिखाती है। गीता में एक भी ऐसी पंक्ति नहीं है, जो आतंक को बढ़ावा देती है। फिर भी रूस में कुछ लोग गीता को “आतंकी साहित्य” बता रहे हैं। यह उनकी नासमझी ही मानी जाए।

-देशबन्धु

आर.जेड. 127, सन्तोष पार्क, उत्तम नगर

नई दिल्ली-110059

द गीता प्रकरण से एक बात फिर से सिद्ध हो गई कि भारत के ईसाई और मुस्लिम मजहबी गुरु हिन्दुओं के किसी मामले पर कुछ नहीं बोलते हैं। इन लोगों ने गीता पर प्रतिबंध की बात सुनकर भी कभी उसका विरोध नहीं किया। इसका क्या संकेत है?

-बी.एल. सचदेवा

263, आई.एन.ए. मार्केट, नई दिल्ली-110023

द गीता जैसा ग्रंथ ही संसार को मानवता से जोड़ सकता है। गीता का बढ़ता हुआ प्रचार-प्रसार और कृष्णमय होता हुआ विश्व कट्टरपंथियों को बर्दाश्त नहीं हो रहा है। इसी संकीर्ण मानसिकता का परिणाम है गीता की सत्यता पर आघात करना, इसे सामाजिक कलह बताने वाला ग्रंथ बताना। यह आघात केवल एक धार्मिक ग्रंथ पर ही नहीं, बल्कि भारत के राष्ट्रीय स्वाभिमान और हिन्दुत्व पर किया गया।

-ममता कोचर

बी-33, नारायणा विहार, नई दिल्ली-110028

द रूस के कृष्णभक्तों ने प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर बता दिया था कि गीता के विरुद्ध षड्यंत्र चल रहा है। उसके बाद भी अपनी रूस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे को नहीं उठाया।

-क्षत्रिय देवलाल

उज्जैन कुटीर अड्डी बंगला, झुमरी तलैया

कोडरमा-825409 (झारखण्ड)

गृह-युद्ध को न्योता

सम्पादकीय “कोटे में कोटा खतरनाक” के संदर्भ में यह कहना उचित होगा कि कांग्रेस ने अल्पसंख्यक मुस्लिम आरक्षण का दांव खेलकर देश में गृहयुद्ध को न्योता दिया है। उ.प्र. के चुनाव को देखते हुए कांग्रेस ने ऐसा किया है। सत्ता के लिए कांग्रेस किस हद तक गिर सकती है, यह उसका नमूना है। किसी के हिस्से को छीनकर दूसरे को देना बहुत ही गलत है। कोई इस मुद्दे को न्यायालय क्यों नहीं ले जा रहा है?

-निमित जायसवाल “अन्नू वैश्य”

ग-39, ई.डब्ल्यू.एस., रामगंगा विहार फेस प्रथम, मुरादाबाद (उ.प्र.)

भाजपा का राष्ट्रीय कर्तव्य

श्री हृदयनारायण दीक्षित का कथन अत्यन्त समीचीन है कि केवल भाजपा ही कांग्रेस का विकल्प है। वास्तविक विकल्प देना भाजपा का राष्ट्रीय कर्तव्य है, सर्वाधिक महत्वपूर्ण दायित्व भी। कोटे में कोटा, न सिर्फ खतरनाक है- करोड़ों देशवासियों के प्रति धोखा है, घिनौनी साजिश है, जिसका प्रत्येक स्तर पर विरोध होना चाहिए।

-शैवाल सत्यार्थी

समर्पण पिं्रटर्स, भारत टॉकीज रोड, शिन्दे की छावनी

ग्वालियर-474009  (म.प्र.)

जोरदार विरोध करें

कोच्चि में आयोजित विश्व हिन्दू परिषद् के केन्द्रीय प्रन्यासी मंडल एवं प्रबंध समिति की बैठक की रपट लोगों को खतरों से सचेत करने में सफल रही। “साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक” हिन्दू समाज के लिए घातक है। विश्व हिन्दू परिषद् एवं अन्य राष्ट्रवादी संगठन पूरी ताकत से इस विधेयक का विरोध करें और आम लोगों को इसके दुष्परिणामों के बारे में बताएं।

-सुहासिनी प्रमोद वालसंगकर

दिलसुखनगर, हैदराबाद-500060 (आं.प्र.)

समर्पित साधक

महामना मालवीय के कर्तृत्व पर आधारित डा. कृष्ण गोपाल का लेख “भारतीयों के महामना” पढ़ा। बहुत दिनों बाद परतंत्र भारत के समर्पित साधक का स्मरण किया गया। आलेख के तीसरे स्तंभ के नीचे छपा है, “सन् 1818 में सर मैक्डोनाल्ड से मिलकर हिन्दी भाषा को न्यायालयों में…।” यह गलत है-1818 नहीं 1898 है। अन्तिम परिच्छेद में मालवीय जी के महाप्रस्थान का वर्णन मार्मिक रूप में प्रस्तुत है।

-शत्रुघ्न प्रसाद

बी-3, त्रिभुवन विनायक रेजीडेन्सी

बुद्ध कालोनी, पटना-800001 (बिहार)

द मालवीय जी के जीवन से हमें काफी ज्ञान मिलता है। हिन्दू संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने “बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय” की स्थापना की। वे एक साधारण परिवार में जन्मे थे, किन्तु अपने कर्मों से असाधारण हो गए। उन्होंने पूरे समाज की चिन्ता की। स्त्री शिक्षा पर जोर दिया। क्रांतिकारियों की सहायता की। ऐसा व्यक्तित्व कहां मिलेगा?

-स्वामी अरुण अतरी

560, सीता नगर, लुधियाना (पंजाब)

द मालवीय जी के जीवन की संघर्ष गाथा से उनके प्रति श्रद्धा का संचार हुआ। स्वतंत्रता संग्राम के समय देश के सपूतों में ऐसा देशप्रेम था कि वे देश के लिए सब कुछ त्याग देते थे। किन्तु आज के अधिकांश नेता अपने लिए ही देश को नोच रहे हैं। यही कारण है कि आज तक हम मालवीय जी जैसे महापुरुषों के अधूरे कार्यों को पूरा नहीं कर पाए हैं।

-उदय कमल मिश्र

गांधी विद्यालय के समीप

सीधी-486661 (म.प्र.)

घायल पाकिस्तान

अहंकार टकरा रहे, घायल पाकिस्तान

इसीलिए हैं उठ रहे, वहां नित्य तूफान।

वहां नित्य तूफान, उधर हैं डटे कयानी

पर संसद सर्वोच्च, बताते इधर गिलानी।

कह “प्रशांत” अबकी संकट आया है भारी

बाहर मियां मुशर्रफ, भीतर हैं जरदारी।। 

-प्रशांत

 

पञ्चांग

वि.सं.2068   तिथि   वार    ई. सन् 2012

माघ शुक्ल   13        रवि   5 फरवरी, 2012

“”     “”  14        सोम   6          “”    “”

माघी पूर्णिमा        मंगल  7          “”     “”

फाल्गुन कृष्ण 1          बुध   8          “”     “”

“”     “”  2          गुरु    9          “”     “”

“”     “”  3          शुक्र   10        “”     “”

“”     “”  4          शनि   11        “”     “”

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Britain Schools ban Skirts

UK Skirt Ban: ब्रिटेन के स्कूलों में स्कर्ट पर प्रतिबंध, समावेशिता या इस्लामीकरण?

Aadhar card

आधार कार्ड खो जाने पर घबराएं नहीं, मुफ्त में ऐसे करें डाउनलोड

जब केंद्र में कांग्रेस और UP में मायावती थी तब से कन्वर्जन करा रहा था ‘मौलाना छांगुर’

Maulana Chhangur Hazrat Nizamuddin conversion

Maulana Chhangur BREAKING: नाबालिग युवती का हजरत निजामुद्दीन दरगाह में कराया कन्वर्जन, फरीदाबाद में FIR

केंद्र सरकार की पहल से मणिपुर में बढ़ी शांति की संभावना, कुकी-मैतेई नेताओं की होगी वार्ता

एक दुर्लभ चित्र में डाॅ. हेडगेवार, श्री गुरुजी (मध्य में) व अन्य

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ @100 : उपेक्षा से समर्पण तक

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Britain Schools ban Skirts

UK Skirt Ban: ब्रिटेन के स्कूलों में स्कर्ट पर प्रतिबंध, समावेशिता या इस्लामीकरण?

Aadhar card

आधार कार्ड खो जाने पर घबराएं नहीं, मुफ्त में ऐसे करें डाउनलोड

जब केंद्र में कांग्रेस और UP में मायावती थी तब से कन्वर्जन करा रहा था ‘मौलाना छांगुर’

Maulana Chhangur Hazrat Nizamuddin conversion

Maulana Chhangur BREAKING: नाबालिग युवती का हजरत निजामुद्दीन दरगाह में कराया कन्वर्जन, फरीदाबाद में FIR

केंद्र सरकार की पहल से मणिपुर में बढ़ी शांति की संभावना, कुकी-मैतेई नेताओं की होगी वार्ता

एक दुर्लभ चित्र में डाॅ. हेडगेवार, श्री गुरुजी (मध्य में) व अन्य

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ @100 : उपेक्षा से समर्पण तक

Nepal Rasuwagadhi Flood

चीन ने नहीं दी बाढ़ की चेतावनी, तिब्बत के हिम ताल के टूटने से नेपाल में तबाही

Canada Khalistan Kapil Sharma cafe firing

खालिस्तानी आतंकी का कपिल शर्मा के कैफे पर हमला: कनाडा में कानून व्यवस्था की पोल खुली

Swami Dipankar

सावन, सनातन और शिव हमेशा जोड़ते हैं, कांवड़ में सब भोला, जीवन में सब हिंदू क्यों नहीं: स्वामी दीपांकर की अपील

Maulana chhangur

Maulana Chhangur: 40 बैंक खातों में 106 करोड़ रुपए, सामने आया विदेशी फंडिंग का काला खेल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies