पाठकीय
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पाठकीय
अंक-सन्दर्भ थ्25 दिसम्बर,2011
प्रधानमंत्री का दुर्भाग्यपूर्ण बयान
पिछले दिनों भुवनेश्वर में 99वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन के अवसर पर दिया गया प्रधानमंत्री का बयान बडा ही निराशाजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में भारत की स्थिति में गिरावट आई है, चीन ने हमें पीछे छोड़ दिया है , शोध और विकास के नाम पर अभी तक हम सकल घरेलू उत्पाद का केवल 9 प्रतिशत ही खर्च कर रहे हैं। प्रधानमंत्री को इस बात पर भी गौर करना चाहिए कि इस स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन है ? आजादी के 64वर्षों में से 52 वर्ष उन्हीं की पार्टी का राज रहा है और आज वे स्वयं राज कर रहे हैं। फिर देश की ऐसी दयनीय हालत क्यों है? उनकी पार्टी को तो मुस्लिम वोटों के अलावा और कुछ सूझता ही नहीं है और पार्टी के नेताओं को भ्रष्टाचार से ही फुर्सत नहीं है। ऐसे में देश का विकास कैसे होगा? कितना अच्छा होता यदि प्रधानमंत्री घोषणा करते कि केंद्र सरकार देश में विज्ञान के क्षेत्र में प्रगति के लिए फलां योजना लेकर आ रही है , विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में छात्रों को आकर्षित करने के लिए फलां -2 सुविधाएं उपलब्ध कराने जा रही है, देश के जो वैज्ञानिक विदेशों में जाकर अपनी सेवायें दे रहे हैं और अपनी रोजी-रोटी कमा रहे हैं, उन्हें वापस देश में बुलाने के लिए भारत सरकार फलां योजना ला रही है ताकि उनकी सेवायें देश को मिल सकें।
-राजेंद्र गोयल
बल्लभगढ़, फरीदाबाद (हरियाणा)
आवरण कथा के अन्तर्गत श्री तरुण सिसोदिया की रपट “वापस लो विभाजनकारी विधेयक और श्री नरेन्द्र सहगल का लेख “सोनिया गांधी की हिन्दू-विरोधी चाल” पढ़ा। यह अच्छी बात है कि इस प्रस्तावित साम्प्रदायिक व लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक को लेकर सन्त आक्रोशित हैं। इस विधेयक की असलियत बाहर लाने की आवश्यकता है।
-मनीष कुमार
तिलकामांझी,
भागलपुर (बिहार)
विधेयक वोट राजनीति की एक शतरंजी चाल मात्र है। कैसी विडम्बना है कि आज हमारे यहां के अधिकांश राजनीतिक दल मुस्लिम तुष्टीकरण में लगे हैं और अपने को सेकुलर कहते हैं। जहां संकुचितता होती है, वहीं साम्प्रदायिकता पनपती है। हिन्दू समाज कभी भी संकुचित या साम्प्रदायिक नहीं हो सकता। फिर भी उसे ही साम्प्रदायिक ठहराने की कोशिश हो रही है।
-परमानन्द रेड्डी
डी/19, सेक्टर-1, देवेन्द्र नगर, रायपुर-492009 (छ.ग.)
द सोनिया गांधी की हिन्दू विरोधी सोची-समझी चाल हिन्दुओं पर अत्याचारों को बढ़ावा देगी। जागो हिन्दू जागो, यदि अब भी सोते रहे तो हिन्दुत्व को मिटाने का जो काम मुस्लिम आक्रांता और अंग्रेज शासक अपने लगभग 1200 वर्षों के शासनकाल में नहीं कर सके, वह अब चर्च, मुस्लिम और छद्म सेकुलरवाद के कंधों पर सवार वंशवादी राजनीति के द्वारा सम्पन्न होकर रहेगा।
-आर.सी.गुप्ता
द्वितीय ए-201, नेहरू नगर, गाजियाबाद (उ.प्र.)
द कांग्रेस सदैव दंगाइयों को बचाती रही है। इस प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य भी यही है कि दंगाई बचें और पीड़ित जेल के अन्दर जाएं। जिन लोगों ने इस विधेयक को तैयार किया है, वे दंगों के इतिहास को पलट कर देख लें, तब पता चलेगा कि दंगाई किस ओर अधिक हैं।
–महेश सत्यार्थी
टैक्नो इण्डिया इन्वर्टर सर्विस, पुरानी अनाज मण्डी उझानी, जिला-बदायूं (उ.प्र.)
द इस विधेयक के अनुसार गोधरा में हिन्दुओं को जिन्दा जला देने वाले अल्पसंख्यक अपराधी नहीं हो सकते। किन्तु इसकी प्रतिक्रिया में हुए दंगों में शामिल बहुसंख्यक हिन्दू अपराधी हैं। ऐसा भेदभाव करने वाला विधेयक किसी भी हालत में कानून का रूप न ले सके, इसका ध्यान हिन्दुओं को रखना होगा।
-वीरेन्द्र सिंह जरयाल
28-ए, शिवपुरी विस्तार, कृष्ण नगर, दिल्ली-110051
द कांग्रेसनीत केन्द्र सरकार शान्ति और सद्भावना से ओत-प्रोत हिन्दू संस्कृति को साम्प्रदायिक घोषित करके अपने तुच्छ राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति करना चाहती है। राष्ट्रीय सलाहकार परिषद् ने इस विधेयक का प्रारूप तैयार करके भारतीय समाज को मजहब, जाति और क्षेत्र के आधार पर विभाजित करने का राष्ट्रघातक प्रयास किया है। अल्पसंख्यक समाज को विशेषाधिकार देकर सरकार संविधान के अनुच्छेद 12 से 35 तक दिए गए मौलिक अधिकारों पर आघात करने जा रही है।
-विक्रम सिंह
15/12, मोहल्ला जोगियों वाला, घरौंडा करनाल-132114 (हरियाणा)
द पाखंड और छल-कपट की राजनीति में आकंठ डूबी कांग्रेस ने पूरी सनातन संस्कृति के साथ अन्याय किया है। अल्पसंख्यक/बहुसंख्यक में विभाजित करने की वर्षों पुरानी राजनीति और मानसिकता ने देश को लगातार कमजोर किया है। इस काले (प्रस्तावित) कानून के विरुद्ध संसद और सड़क पर जनमत बनाना होगा। सामान्य कानून और न्याय के प्राकृतिक सिद्धांत को खारिज कर आप देश और समाज को सुखी नहीं बना सकते।
–मनोहर “मंजुल”
पिपल्या-बुजुर्ग, पश्चिम-निमाड़-451225 (म.प्र.)
द सोनिया गांधी के नेतृत्व में बने इस विधेयक के पीछे वे तत्व हैं, जो भारत को कमजोर करना चाहते हैं। कट्टरवादी मुस्लिम हों या ईसाई, उन्हें लगता है जब तक भारत के बहुसंख्यक समाज को खण्डित नहीं किया जाएगा तब तक वे अपनी राष्ट्र-विरोधी मंशाओं को सफल नहीं कर सकते हैं।
-कुन्ती रानी
नया टोला, कटिहार-854105 (बिहार)
द राष्ट्रीय सलाहकार परिषद् ने यह कैसे मान लिया कि बहुसंख्यक हिन्दू ही साम्प्रदायिक हिंसा करते हैं? 9 सितम्बर 1924 को महात्मा गांधी द्वारा लिखे एक लेख के अनुसार “तेरह सौ वर्षों के साम्राज्यवादी विस्तार ने मुसलमानों को एक वर्ग के रूप में योद्धा बना दिया है। इसलिए वे आक्रामक होते हैं। हिन्दुओं की सभ्यता बहुत प्राचीन है। हिन्दू मूलत: स्वभाव से अहिंसक होता है। इस प्रवृत्ति के कारण उनमें आमतौर पर हथियारों के प्रयोग की प्रवृत्ति नहीं होती, जिससे वे कायरता की हद तक भीरू होते हैं।” साफ है कि हिन्दू कभी आक्रामक नहीं होते। यहां पंथनिरपेक्षता जीवित है तो वह केवल हिन्दुओं की उदारता के कारण।
-विनोद कुमार
सर्वोदय नयागंज, गाजियाबाद (उ.प्र.)
ऐश में आतंकवादी आतंकवादी अफजल की फांसी के संबंध में केन्द्र सरकार घटिया राजनीति कर रही है। श्री अरुण कुमार सिंह और श्री जगदीप धनखड़ ने अफजल के मुद्दे को बड़ी अच्छी तरह उठाया है। अफजल को फांसी इसलिए नहीं मिल रही है कि उसको बचाने वाले सरकार में भी शामिल हैं।
-ईश्वर चन्द्र
239, धर्मकुंज अपार्टमेंट, सेक्टर-9, रोहिणी, दिल्ली-110082
द राष्ट्रपति के पास धूल फांक रही दया याचिकाओं को जल्दी निपटाया जाना चाहिए। इन्हीं की आड़ में अफजल जैसे आतंकवादी वर्षों से जेल में बिरयानी तोड़ रहे हैं। राष्ट्रपति को भी समझना चाहिए कि अफजल को फांसी न होने से भारतीय सुरक्षा बलों और आम नागरिकों में कैसा उबाल है।
-राममोहन चंद्रवंशी
अभिलाषा निवास, विट्ठल नगर, टिमरनी, जिला-हरदा (म.प्र.)
द आज का भारत कुछ ज्यादा ही “उदार” है। जिन आतंकवादियों को फांसी पर लटकाना चाहिए, उन पर करोड़ों रु. खर्च किए जा रहे हैं। उन्हें बचाने के लिए नित्य नए हथकण्डे अपनाए जा रहे हैं। दूसरी ओर झूठे आरापों के आधार पर कुछ हिन्दुओं को पकड़कर बुरी तरह पीटा जा रहा है, प्रताड़ित किया जा रहा है।
-प्रो. राजाराम
एच-8, सप्तवर्णी, सूर्या आवासीय परिसर, कोलार मार्ग
भोपाल-482042 (म.प्र.)
द अफजल को फांसी पर न लटकाकर उन शहीदों का अपमान किया जा रहा है, जिन्होंने अपनी जान देकर संसद की रक्षा की थी। संप्रग सरकार को लगता है कि यदि अफजल को फांसी दे दी गई तो मुस्लिम मतदाता उससे दूर हो जाएंगे। ऐसा सोच करके वह मुस्लिमों को भी बदनाम कर रही है। बेहतर तो यही होगा कि मुस्लिम समाज भी अफजल को फांसी पर लटकाने की मांग करे।
-कपिल भारद्वाज
परीक्षितगढ़, मेरठ (उ.प्र.)
पाकिस्तान कभी भारत नहीं बन सकता श्री मुजफ्फर हुसैन ने अपने लेख “पाकिस्तान भारत क्यों नहीं बनता?” में महत्वपूर्ण तथ्यों को उजागर किया है। देवानन्द के निधन के बाद पाकिस्तान का एक छोटा-सा तबका जरूर उपरोक्त सवाल कर रहा है। दरअसल, पाकिस्तान एक इस्लामी राष्ट्र है। वहां कट्टरवादियों की ही चलेगी। इस्लाम कवियों, कलाकारों, संगीतकारों आदि को महत्व नहीं देता। उनकी पुस्तकों कुरानशरीफ, हदीस, शरिया कानून आदि से यही स्थापित होता है। इसलिए पाकिस्तान कभी भारत नहीं बन सकता।
–क्षत्रिय देवलाल
उज्जैन कुटीर, अड्डी बंगला, झुमरी तलैया,
कोडरमा झारखण्ड-825409
द कट्टरता से दिमाग सिकुड़ता है। पाकिस्तान में भी यही हो रहा है। इसलिए वहां भारत की तरह न तो कलाकार पनप पाते हैं, और न ही सही बुद्धिजीवी। पाकिस्तान में मुल्लाओं के सामने किसी की भी नहीं चलती है। यही पाकिस्तान की कमी है।
-शान्ति साह
कटिहार (बिहार)
धन्य हैं गुरु-शिष्य इन दिनों मंथन में श्री देवेन्द्र स्वरूप स्वामी विवेकानन्द के अनछुए प्रसंगों को बता रहे हैं। धन्य है यह भारतभूमि जहां रामकृष्ण परमहंस जैसे सन्त ने जन्म लिया और उन्होंने स्वामी विवेकानन्द जैसे शिष्य की खोज कर उन्हीं के माध्यम से पूरे विश्व को बताया कि भारत में अध्यात्म की जड़ें कितनी मजबूत हैं। यदि हम भारतीय स्वामी विवेकानन्द के सन्देशों के अनुसार आचरण करें, तो भारत पुन: एक बार विश्व गुरु बन सकता है।
-उदय कमल मिश्र
गांधी विद्यालय के समीप सीधी-486661 (म.प्र.)
मेवात में उत्पात हरियाणा के मेवात क्षेत्र में हिन्दुओं का मतान्तरण, हिन्दू लड़कियों का अपहरण, गोहत्या जैसी घटनाओं में काफी तेजी आ गई है। वहां के हिन्दू चिन्तित और हताश हैं। अभी हाल ही में मेवात क्षेत्र के गांव सिंगार, थाना-पूनाहाना में एक हिन्दू लड़की का अपहरण करके मुस्लिम लड़के ने निकाह कर लिया। इस प्रकरण को सहन न कर पाने के कारण लड़की की मां ने दम तोड़ दिया। मेवात क्षेत्र में रहने वाले हिन्दुओं पर हो रहे अन्याय के खिलाफ हिन्दू समाज को एक साथ खड़े होकर आवाज उठानी पड़ेगी।
-पदमचन्द आर्य
579/5, गली नं. -4, पटेल नगर गुड़गांव (हरियाणा)
पञ्चांग
वि.सं.2068
तिथि वार ई. सन् 2012
माघ कृष्ण 14 रवि 22 जनवरी, 2012
माघ अमावस्या सोम 23 “” “”
माघ शुक्ल 1 मंगल 24 “” “” “” “”
2 बुध 25 “” “” “” “”
3 गुरु 26 “” “” (गणतंत्र दिवस) “” “”
4 शुक्र 27 “” “” “” “”
5 शनि 28 “” “” (वसंत पंचमी)
भ्रष्ट जनों को सबक सिखाओ
ढंकी जा रहीं मूर्तियां, ले चुनाव का नाम कैसे पर ढंक पाएंगे, उनके काले काम। उनके काले काम, बटोरा चांदी-सोना जनता को समझा मिट्टी का एक खिलौना। कह “प्रशांत” अब आया है अवसर जग जाओ यू.पी वालो, भ्रष्ट जनों को सबक सिखाओ।। -प्रशांत
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