लोकपाल से भागती सरकार
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

लोकपाल से भागती सरकार

by
Jan 9, 2012, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

सम्पादकीय

दिंनाक: 09 Jan 2012 14:26:49

कोई छोटा हो तो भी उसकी बातें सुननी चाहिए।

वे भी विशिष्ट गौरव प्रदान करेंगे।

-तिरुवल्लुवर (तिरुक्कुरल, 416)

मनमोहन सरकार भ्रष्टाचार और कालेधन के विरुद्ध चल रही देशव्यापी मुहिम से लड़खड़ा रही है, लेकिन अपने को फंसा देख लोकपाल विधेयक से भागती दिख रही है। इसके बावजूद वह जनता के बीच अपनी साख बचाने के लिए लोकपाल के समर्थन में होने का दिखावा अवश्य कर रही है। एक ओर प्रधानमंत्री का यह कहना कि सरकार प्रभावी लोकपाल विधेयक लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है, हम इसी सत्र में मजबूत लोकपाल विधेयक पारित करना चाहते हैं, लेकिन सर्वदलीय बैठक के बाद जब एक सदस्य ने पूछा कि क्या इस सत्र में यह विधेयक पारित हो जाएगा, तो वित्त मंत्री का यह कहना कि मौजूदा हालात में कुछ कहना मुश्किल है, सरकार की दोहरी मानसिकता ही दर्शाता है। प्रधानमंत्री और सीबीआई को लोकपाल के दायरे में लाने जैसे कुछ मुद्दों पर कांग्रेस के अपने दुराग्रह हैं। इस कारण सरकार की ओर से येन केन प्रकारेण लोकपाल विधेयक को टालने की प्रक्रिया जारी है और देश इस बारे में बिल्कुल आश्वस्त नहीं है कि यह सरकार एक मजबूत लोकपाल कानून बनाने में कोई सक्रिय भूमिका निभाएगी। पहले तो विधेयक के प्रस्ताव को लेकर ही सरकार ने कई तरह के पेंच फंसा दिए और जन लोकपाल के विपरीत एक बेहद कमजोर प्रारूप पर विचार करने लगी, अब आम सहमति के नाम पर मामला अटकाने का प्रयास हो रहा है। उधर, लोकपाल विधेयक को समग्रता के साथ प्रस्तुत करने की बजाय टुकड़ों-टुकड़ों में उसके प्रावधानों को मंजूरी देने का भी सरकार का प्रयास है। मंत्रिमंडल द्वारा न्यायिक जवाबदेही, भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों (व्हिसिल ब्लोअर) को सुरक्षा देने और “सिटीजन चार्टर” जैसे तीन विधेयकों को मंजूरी दिया जाना इसी श्रेणी में आता है। वस्तुत: भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी सरकार कालेधन और भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई से मुंह मोड़ रही है, क्योंकि इस संबंध में यदि सख्त लोकपाल कानून बना तो सरकार के चहेते न जाने किन-किन नेताओं व नौकरशाहों के नपने का डर है। टू जी स्पेक्ट्रम महाघोटाले व राष्ट्रमंडल खेल घोटाले में ही जो नाम सामने आए हैं और जो लोग जेल के सींखचों के पीछे भेजे गए हैं, उससे भी सरकार, विशेषकर कांग्रेस का यह डर स्पष्ट हो जाता है।

सत्ता के लिए सारी नैतिकता व लोकतांत्रिक मर्यादा को ताक पर रखकर भ्रष्ट हथकंडों के द्वारा कांग्रेस जिस तरह की राजनीति करती रही है, आज का भ्रष्ट राजनीतिक परिदृश्य उसी का परिणाम है, जिसमें प्रथम कांग्रेसी प्रधानमंत्री पं.जवाहर लाल नेहरू के राज में हुए जीप घोटाले से लेकर इंदिरा गांधी के काल में नागरवाला कांड व राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए बोफर्स कांड के बाद अब कांग्रेसनीत संप्रग सरकार महाघोटालों तक पहुंच गई। इस तरह कांग्रेस ने न केवल भ्रष्ट राजनीतिक कुसंस्कृति को जन्म दिया, बल्कि राजनीति को पैसा कमाने का सबसे बड़ा धंधा बना दिया। परिणामत: न जाने कितने भूमाफिया, हिस्ट्री शीटर व कुख्यात अपराधी धन-बल और बाहुबल से बाकायदा चुनाव जीतकर संसद और विधानसभाओं तक पहुंच गए हैं। अपने को जिन महात्मा गांधी का अनुयायी बताने का ढोंग कांग्रेस करती रही, उन्हीं गांधी जी के “ट्रस्टीशिप के सिद्धांत” की उसने अपनी सत्तालोलुपता के चलते धज्जियां उड़ा दीं, परिणामत: आज कांग्रेस की छत्रछाया में चिदम्बरमों, राजाओं, कलमाड़ियों की फौज पल रही है। भ्रष्टाचार व कालेधन को संरक्षण दे रही इस सरकार के रवैये से क्षुब्ध होकर भाजपा संसदीय दल के अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी को लोकसभा में कहना पड़ रहा है कि “विदेशों में कालाधन जमा करने वालों को बचाइए मत, उनके नाम सामने लाइए। अगर आपसे पहले विकीलीक्स ने ये नाम जाहिर कर दिए तो बहुत अपमानजनक स्थिति पैदा हो जाएगी।” और सरकार है कि अंतरराष्ट्रीय संधियों की आड़ लेकर कालेधन के खाताधारकों के नाम छुपाए रखने पर आमादा है। उल्लेखनीय है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2003 में प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन आठ साल बाद भी यह सरकार कालेधन के मामले में हाथ बांधे खड़ी है, जबकि स्विट्जरलैंड और लिंक्टेंस्टाइन जैसे कालेधन के स्वर्ग कहे जाने वाले देश इस संबंध में जानकारी देने को तैयार हैं। ऐसे में इस सरकार का ढुलमुल रवैया यही दर्शाता है कि संप्रग सरकार जानबूझकर इन नामों को छुपाना चाहती है। कहीं कांग्रेस के किन्हीं बड़े नेताओं व उनके संबंधियों के नाम तो उस सूची में शामिल नहीं हैं, जिन्हें बचाने के लिए सरकार प्रयासरत हो और इसीलिए मजबूत लोकपाल से भाग रही हो?

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Ajit Doval

अजीत डोभाल ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान के झूठे दावों की बताई सच्चाई

Pushkar Singh Dhami in BMS

कॉर्बेट पार्क में सीएम धामी की सफारी: जिप्सी फिटनेस मामले में ड्राइवर मोहम्मद उमर निलंबित

Uttarakhand Illegal Majars

हरिद्वार: टिहरी डैम प्रभावितों की सरकारी भूमि पर अवैध मजार, जांच शुरू

Pushkar Singh Dhami ped seva

सीएम धामी की ‘पेड़ सेवा’ मुहिम: वन्यजीवों के लिए फलदार पौधारोपण, सोशल मीडिया पर वायरल

Britain Schools ban Skirts

UK Skirt Ban: ब्रिटेन के स्कूलों में स्कर्ट पर प्रतिबंध, समावेशिता या इस्लामीकरण?

Aadhar card

आधार कार्ड खो जाने पर घबराएं नहीं, मुफ्त में ऐसे करें डाउनलोड

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Ajit Doval

अजीत डोभाल ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान के झूठे दावों की बताई सच्चाई

Pushkar Singh Dhami in BMS

कॉर्बेट पार्क में सीएम धामी की सफारी: जिप्सी फिटनेस मामले में ड्राइवर मोहम्मद उमर निलंबित

Uttarakhand Illegal Majars

हरिद्वार: टिहरी डैम प्रभावितों की सरकारी भूमि पर अवैध मजार, जांच शुरू

Pushkar Singh Dhami ped seva

सीएम धामी की ‘पेड़ सेवा’ मुहिम: वन्यजीवों के लिए फलदार पौधारोपण, सोशल मीडिया पर वायरल

Britain Schools ban Skirts

UK Skirt Ban: ब्रिटेन के स्कूलों में स्कर्ट पर प्रतिबंध, समावेशिता या इस्लामीकरण?

Aadhar card

आधार कार्ड खो जाने पर घबराएं नहीं, मुफ्त में ऐसे करें डाउनलोड

जब केंद्र में कांग्रेस और UP में मायावती थी तब से कन्वर्जन करा रहा था ‘मौलाना छांगुर’

Maulana Chhangur Hazrat Nizamuddin conversion

Maulana Chhangur BREAKING: नाबालिग युवती का हजरत निजामुद्दीन दरगाह में कराया कन्वर्जन, फरीदाबाद में FIR

केंद्र सरकार की पहल से मणिपुर में बढ़ी शांति की संभावना, कुकी-मैतेई नेताओं की होगी वार्ता

एक दुर्लभ चित्र में डाॅ. हेडगेवार, श्री गुरुजी (मध्य में) व अन्य

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ @100 : उपेक्षा से समर्पण तक

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies