विविध
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-भैयाजी जोशी, सरकार्यवाह, रा.स्व.संघ
“जीवन सदैव बताता है कि जब जीवन में मूल्यों की हानि हुई तो समाज में पतन हुआ। जब जीवन में स्वार्थ हावी होने लगता है तो चरित्र का संकट प्रारंभ होने लगता है। व्यक्तिगत राजनीतिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए सभी प्रकार के मार्गों का चयन करना ही राष्ट्रीय चरित्र के संकट को बढ़ाता है”। उक्त उद्गार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री सुरेशराव उपाख्य भैयाजी जोशी ने गत दिनों पटना में बबुआजी स्मृति एवं श्ाोध संस्थान के तत्वावधान में आयोजित चतुर्थ बबुआजी व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। व्याख्यानमाला का विष्ाय “राष्ट्रीय चरित्र का संकट व समाधान का मार्ग” था।
भैयाजी ने आगे कहा कि जहां धन को प्राथमिकता दी जाती है, वहां मूल्यों का कोई स्थान नहीं रह जाता है। आज राजनीतिक स्वार्थ के केन्द्र बिन्दु बनने के कारण व्यक्तिगत जीवन में मूल्यों के हृास का असर समाज और राष्ट्रीय जीवन पर पड़ता ही है। आज भ्रष्टाचार में संलिप्त व्यक्ति निर्लज्जता को पार कर गया है।
वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि आज क्षेत्रीय दल सिर्फ अपने ही राज्यों की चिन्ता करने में मग्न हैं। यह राजनीति में गिरावट का संकेत है। इस मानसिकता से राष्ट्र का भला नहीं होगा। आज आवश्यकता है कि हम अपने व्यक्तिगत एवं क्षेत्रीय हितों से ऊपर राष्ट्रीय हितों को महत्व दें। तभी सबका भला हो पाएगा।
इस अवसर पर विशेष्ा रूप से उपस्थित बिहार धार्मिक न्यास परिषद् के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल ने कहा कि आजादी के बाद हम दूसरे दर्जे के नागरिक बन गए हैं। यदि यही स्थिति रही तो हम जल्दी ही तीसरे दर्जे के नागरिक हो जाएंगे। यह स्थिति भयावह है। धर्म की नैतिक मान्यताओं का पालन करने से ही इस संकट से मुक्ति मिल सकती है। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए श्री श्रीप्रकाश नारायण सिंह ने संस्थान की गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक आनंद शंकर ने की। इस अवसर पर क्षेत्र संघचालक श्री सिद्धिनाथ सिंह, विधान परिषद के सभापति श्री ताराकांत झा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। धन्यवाद ज्ञापन संस्था के सचिव श्री हरिशंकर शर्मा ने तथा मंच संचालन डा. मोहन सिंह ने किया। द संजीव कुमार
तृतीय बालासाहब देवरस स्मृति व्याख्यानमाला
भारत सदा वर्तमान है
-सीताराम केदिलाय, अ.भा.सेवा प्रमुख, रा.स्व.संघ
“सम्पूर्ण सृष्टि में एक ही रस का संचरण है, वह है देवरस, प्रेमरस या समरस। हमारे प्राचीन मनीषियों ने रस को ही देव कहा है। यही रस प्रेमरस होकर कृष्ण के माध्यम से संचरित होता है तो अन्य रूपों में अन्य महापुरुषों के माध्यम से प्रकट होता है। इस रस के कारण ही भारत सामान्य देश न होकर विशेष देश रहा है”। उक्त उद्गार रा.स्व.संघ के अ.भा. सेवा प्रमुख श्री सीताराम केदिलाय ने गत दिनों उदयपुर में सेवा भारती के तत्वावधान में आयोजित तृतीय बालासाहब देवरस स्मृति व्याख्यानमाला को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
श्री केदिलाय ने कहा कि भारत सदा वर्तमान है। उन्होंने कहा कि भारत ने धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष चारों को अपनाया है, किन्तु अर्थ व काम को धर्म और मोक्ष से बांधा हुआ है। यही हमारी सांस्कृतिक व आध्यात्मिक विशेषता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्या प्रचारिणी सभा के कार्यकारी अध्यक्ष श्री यशवंत सिंह शक्तावत ने की, जबकि विशिष्ट अतिथि थे प्रसिद्ध उद्योगपति श्री गोविन्द अग्रवाल। इस अवसर पर बड़ी संख्या में गण्यमान्य नागरिक उपस्थित थे। द प्रतिनिधि
रांची में “मंगल भवन अमंगलहारी” पुस्तक लोकार्पित
सबल परिवार से ही होगा राष्ट्र बलवान
-सु. रामन्ना, राष्ट्रीय सह प्रमुख, कुटुम्ब प्रबोधन
गत 2 जनवरी को रांची में कुटुम्ब प्रबोधन द्वारा प्रकाशित पुस्तक “मंगल भवन अमंगलहारी” का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुटुम्ब प्रबोधन के राष्ट्रीय सह प्रमुख श्री सु. रामन्ना ने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव का असर भारतीय परिवारों पर पड़ा है। परिवार बिखर रहे हैं। उन्होंने कहा कि परिवार बचेगा, तो देश बचेगा। हम अपनी संस्कृति और परम्परा को बनाए रखें तो काफी हद तक इस समस्या का समाधान हो सकता है। श्री रामन्ना ने कहा कि सबल परिवार से ही राष्ट्र बलवान होता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष श्री सी.पी. सिंह ने कहा कि आज के युग में अतिथि देवो भव: की जगह अतिथि समस्या भव: हो गया है। पैसे की प्रधानता के कारण परिवार टूट रहे हैं। ऐसे में कुटुम्ब प्रबोधन जैसे संगठन का महत्व बढ़ गया है। इस अवसर पर रा.स्व.संघ के क्षेत्र संघचालक श्री सिद्धिनाथ सिंह, प्रांत संघचालक श्री जगन्नाथ शाही, विभाग संघचालक श्री ज्ञान प्रकाश जालान सहित बड़ी संख्या में गण्यमान्य नागरिक उपस्थित थे। द मंगल पाण्डेय
इन्द्रप्रस्थ विश्व हिन्दू परिषद की एक दिवसीय कार्यकर्ता बैठक
हिन्दुओं का अधिकार मुसलमानों को देना स्वीकार नहीं
-चंपत राय, महामंत्री, विश्व हिन्दू परिषद
केन्द्र की संप्रग सरकार द्वारा हाल ही में घोषित अल्पसंख्यक आरक्षण को सिरे से खारिज करते हुए विश्व हिन्दू परिषद के नवनियुक्त महामंत्री श्री चंपत राय ने इसे हिन्दुओं (विशेषकर अन्य पिछड़ा वर्ग) का निवाला छीनकर मुसलमान व ईसाइयों को देने वाला बताया और कहा कि इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। साथ ही प्रस्तावित “सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक” को देश को सांप्रदायिक आधार पर बांटने वाले काले कानून की संज्ञा देते हुए इसके विरुद्ध समस्त देशभक्तों से एकजुट होने का आह्वान किया। वे गत 1 जनवरी को इन्द्रप्रस्थ विश्व हिन्दू परिषद की एक दिवसीय बैठक में उपस्थित कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर रहे थे। बैठक में कार्यकर्ताओं ने प्रस्तावित सांप्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक, मजहब आधारित आरक्षण, चीन द्वारा भारत के आर्थिक व सामरिक केन्द्रों पर अतिक्रमण तथा हिन्दू मानबिन्दुओं पर लगातार हो रहे हमलों पर विस्तृत चर्चा की। इसके अलावा बैठक में विहिप ने रूसी न्यायालय द्वारा श्रीमद् भगवद्गीता पर प्रतिबन्ध संबंधी याचिका के खारिज किए जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए विश्वभर के समस्त हिन्दू द्रोहियों को चेतावनी देते हुए आगाह किया है कि वे बार-बार हिन्दू मानबिन्दुओं के अपमान से बाज आएं। द प्रतिनिधि
“स्व. भाऊ साहब भुस्कुटे स्मृति व्याख्यानमाला”
आगामी 21-23 जनवरी को
आगामी 21-23 जनवरी को रा.स्व.संघ के प्रचारक रहे स्व. भाऊ साहब भुस्कुटे की स्मृति में पिछले 20 साल से लगातार होने वाली “स्व. भाऊ साहब भुस्कुटे स्मृति व्याख्यानमाला” इस वर्ष 21-23 जनवरी को टिमरनी (म.प्र.) में होनी निश्चित हुई है। व्याख्यानमाला में “भगवद्गीता के अनुसार जीवन”, “उत्तर पूर्वांचल क्षेत्र: समस्या और समाधान” एवं “स्वामी विवेकानंद का जीवन और संदेश: भारत जागो, विश्व जगाओ” आदि पर विद्वानों के उद्बोधन होंगे।द प्रतिनिधि
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