पाठकीय
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पाठकीय
अंक-सन्दर्भ थ्4 दिसम्बर,2011
पुरस्कृत पत्र
पाकिस्तानी हिन्दुओं से विश्वासघात
इससे बड़ा झूठ और कुछ नहीं हो सकता कि कांग्रेसियों के स्वतंत्रता आंदोलन चलाने से आजादी प्राप्त हुई। यदि कांग्रेसी नेताओं का आंदोलन देश को स्वतंत्रता दिलाने का पर्याप्त कारण था, तो देश का विभाजन क्यों स्वीकार किया गया? सच बात तो यह है कि जनता ने कांग्रेस को स्वतंत्रता की आशा में समर्थन दिया, परन्तु स्वतंत्रता मुख्य रूप से कांग्रेस के आंदोलन से नहीं, अपितु भारत माता के टुकड़े कर आजादी खरीदी गई। यह घोर अनर्थ था। इस अनर्थ का दुष्परिणाम हिन्दू आज तक भुगत रहे हैं। पाकिस्तान स्थित हिन्दू भारत माता को अपनी माता मानते थे, उन्हें बिना किसी अपराध के विदेशी बनना पड़ा। कांग्रेस के नेता उन हिन्दुओं के अपराधी हैं, जो बिना अपनी किसी गलती के विदेशी बना दिये गये, परन्तु कांग्रेस के नेताओं ने अपने इस अपराध को कभी याद नहीं किया। उस समय सरदार पटेल ने जनसंख्या की अदला-बदली की बात भी कही थी, परन्तु उस पर कभी ध्यान नहीं दिया गया। सन् 1951 में भारत में मुसलमान 9 प्रतिशत थे, आज वे 15 प्रतिशत हैं। पाकिस्तान में हिन्दू 22 प्रतिशत थे, अब 1 प्रतिशत से भी कम हैं। यहां विभाजन मांगने वालों के लिए आरक्षण की व्यवस्था हो रही है, वहां आज भी जबरदस्ती हिन्दू लड़कियों को उठाया जाना चालू है। कश्मीर से जो मुसलमान पाकिस्तान चले गऐ थे, उनमें से जो लौटकर आए, उन्हें फिर से नागरिकता प्रदान कर दी गई, परन्तु जो हिन्दू पाक अधिकृत कश्मीर से सन् 1947 में कश्मीर में आए उन्हें आज तक नागरिकता नहीं मिली है।
31 जुलाई 1947 को नेहरू का पाकिस्तान स्थित हिन्दुओं के लिए एक संदेश प्रसारित हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि आप पाकिस्तान में ही रहें, भारत मत आइए। वहां आपकी जान-माल की रक्षा की जिम्मेदारी मैं लेता हूं। परन्तु पाकिस्तान स्थित हिन्दुओं के साथ विश्वासघात किया गया। 10 अगस्त 1947 को हिन्दू सैनिकों और हिन्दू पुलिस को वापस भारत बुला लिया गया और इस प्रकार हिन्दुओं को मजहबी कट्टरवादियों के हाथों में सौंप दिया गया। जिन लोगों ने नेहरू पर विश्वास नहीं किया वे अपने प्रयत्नों से अथवा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, आर्य समाज अथवा हिन्दू महासभा के प्रयत्नों से सुरक्षित भारत आ गए। जिन्होंने नेहरू पर विश्वास किया, वे आज भी बिलख रहे हैं।
पाकिस्तान में जहां-जहां हिन्दू अधिक संख्या में थे, वहां उन्होंने बने रहने का प्रयत्न किया। परन्तु धीरे-धीरे अधिकांश हिन्दू या तो भारत आ गए या मार डाले गए अथवा मुसलमान बना लिये गये। यदि भारत को स्वतंत्रता दिलाने का श्रेय कांग्रेस लेती है, तो पाक स्थित हिन्दुओं पर अत्याचारों की अपराधी भी कांग्रेस ही है।
पाकिस्तान से आए कुछ हिन्दू आज दिल्ली में हैं और वे भारत में ही रहना चाहते हैं, क्योंकि संस्कृति और धर्म की दृष्टि से वे भारतीय हैं। कांग्रेसी नेताओं के लिए यह उनके पाप के प्रायश्चित का अवसर है। परन्तु पाप का प्रायश्चित करने के स्थान पर इन हिन्दुओं को जबरदस्ती सरकार पाकिस्तान भेजने पर उतारू है, जबकि बंगलादेश से आए मुसलमानों को सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद वापस नहीं भेजा जा रहा है।
-डा. शशिकान्त गर्र्ग
म.सं.- 152/2, अहीर वाड़ा, कुदन कालोनी बल्लभगढ़, जिला-फरीदाबाद (हरियाणा)
हर सप्ताह एक चुटीले, हृदयग्राही पत्र पर 100 रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा।-सं.
आवरण कथा “मानचित्र से पहले राजनीति को बदलो” में श्री देवेन्द्र स्वरूप ने एक समग्र मंथन कर राजनीतिज्ञों के लिए एक दिशा तय करने का प्रयास किया है। भारत में आज भी ऐसे स्थान हैं, जहां पहुंचना मुश्किल है। छोटे राज्यों के गठन से ऐसे स्थानों का कुछ न कुछ विकास हो जाता है। लेकिन छोटे राज्यों में राजनीतिक अस्थिरता की बड़ी समस्या रहती है। इसके साथ ही क्षेत्रवाद, भाषावाद आदि को भी बढ़ावा मिलता है। यदि सुशासन की राजनीति हो तो कोई दिक्कत नहीं। पर राजनीति स्वार्थ की होती है। यही समस्या की जड़ है।
-उदय कमल मिश्र
समीप गांधी विद्यालय, सीधी-486661 (उ.प्र.)
द उत्तर प्रदेश के बंटवारे का मायाजाल पढ़ा। दरअसल, कानून-व्यवस्था के नाम पर सत्ता में आईं मायावती ने जनसमस्याओं और अपने मंत्रियों व विधायकों के दुराचारों से जनता का ध्यान हटाने के लिए यह चाल चली है। किन्तु उनकी यह चाल सफल होने वाली नहीं है। लोग मायावती को पहचान चुके हैं।
-चंद्रकान्त यादव
चांदीतारा, साहूपुरी, चन्दौली (उ.प्र.)
द उत्तर प्रदेश में अराजकता और भ्रष्टाचार चरम-सीमा पर है। सत्तारूढ़ बसपा के विधायक और मंत्री ही अराजकता फैला रहे हैं। कहीं हत्या हो रही है, कहीं अपहरण, तो कहीं बलात्कार। इनके पीछे अधिकांश बसपा से जुड़े लोग हैं। मंत्री किस तरह भ्रष्टाचार कर रहे हैं, यह लोकायुक्त की रपटों से पता चलता है। इन सबसे मायावती लोगों का ध्यान हटाना चाहती हैं। इसलिए उन्होंने उ.प्र. के बंटवारे का पाशा फेंका है।
-प्रमोद प्रभाकर वालसंगकर
1-10-81, रोड नं.-8बी, द्वारकापुरम दिलसुखनगर, हैदराबाद-500060 (आं.प्र.)
द छोटे राज्य बनने से विकास को गति मिलती है। उत्तराखण्ड, झारखण्ड, छत्तीसगढ़ इसके उदाहरण हैं। पहले इन राज्यों के सुदूर गांवों तक पक्की सड़कें नहीं होती थीं। किन्तु अब सड़कों का जाल बिछ चुका है। राजनीतिक कुव्यवस्था के बावजूद लोगों में एक सुखद अनुभूति है। किन्तु उ.प्र. को जिस तरह बांटने का प्रस्ताव रखा गया है, वह ठीक नहीं है। मायावती ने अपने राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा किया है।
-गोपाल प्रसाद
गांधीग्राम, गोड्डा (झारखण्ड)
डिगने न दें आस्था
चर्चा सत्र के अन्तर्गत श्री राजनाथ सिंह “सूर्य” का आलेख अपने-अपने दांव चलते शकुनियों के बीच “डिगने न दें आस्था” एक अत्यन्त प्रभावशाली दस्तावेज है। आज भ्रष्टाचार, महंगाई और विदेशों में जमा काला धन सार्वजनिक चिंता का विषय है। भ्रष्टाचार-मुक्त व्यवस्था कायम करने के उद्देश्य से अण्णा हजारे, बाबा रामदेव और श्री श्री रविशंकर सक्रिय हैं। किन्तु यह दुख एवं दुर्भाग्य का विषय है कि उन्हें असफल करने के लिए सरकार की ओर से शकुनी चालें चली जा रही हैं। उन चालों को परास्त करना आवश्यक है।
-आर.सी.गुप्ता
द्वितीय ए-201, नेहरू नगर
गाजियाबाद-201001 (उ.प्र.)
भारतीय धर्म परिषद् बने
कांग्रेसी जयचंदों ने वरुण गांधी पर हिन्दुत्व समर्थक होने के लिए कानूनी नोटिस भिजवाया है। संसद सदस्यता तो राहुल गांधी की निरस्त होनी चाहिए, जो हिन्दुओं को “आतंकवादी” बताते हैं। आगामी चुनावों में संत-महात्मा स्पष्ट अपील करें कि हिन्दुओं को “आतंकवादी” बताने और कसाब को बिरयानी खिलाने वाली कांग्रेस को कोई हिन्दू वोट न दे। हिन्दू समाज जब तक संगठित होकर राजनीतिक शक्ति नहीं बनेगा उसे इटली और पाकपुत्र इसी तरह अपमानित करते रहेंगे। एक जरूरत भारतीय धर्म परिषद् बनाने और हिन्दू समाज में वर्ण विभेद खत्म करने की भी है।
-राजकिशोर पंड्या
क्लर्क कालोनी, देवास (म.प्र.)
गलती मत दुहराओ?
बिल्ली देखकर कबूतर अपनी आंखें बन्द कर ले तो क्या बिल्ली भाग जाएगी? बिल्कुल नहीं। उल्टे कबूतर बिल्ली के हाथों मारा जाएगा। आज कुछ ऐसी ही स्थिति भारत की है। चीन भारत को घेरने की योजनाबद्ध तैयारी कर रहा है और हमारे नेता आंखें बन्द किए हुए हैं। चीन भारतीय सीमा तक सड़क और रेल मार्ग का जाल बुन चुका है। उसकी सेना बार-बार भारतीय सीमा में घुसपैठ कर रही है। अरुणाचल प्रदेश को भारत का हिस्सा नहीं मान रहा है। इतना ही नहीं, भारतीय प्रधानमंत्री की अरुणाचल यात्रा का विरोध भी करता है। फिर भी हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं चीन भारत पर आक्रमण नहीं करेगा। रक्षा मंत्री कहते हैं चीन से हमारे करीबी रिश्ते हैं। ऐसी ही गलती प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू ने की थी। गलती दुहराने के बजाय अपनी सुरक्षा की तैयारी क्यों नहीं करते?
-स्वामी अरुण अतरी
560, सीता नगर, लुधियाना (पंजाब)
द चीन अपनी सामरिक शक्ति बढ़ाने में लगा है। साथ ही पाकिस्तान जैसे भारत-विरोधी देशों को एक रणनीति के तरह हथियार मुहैया करा रहा है। भारत को सचेत होने की जरूरत है। चीन निर्मित वस्तुओं से भारतीय बाजार भरे पड़े हैं। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है। भारत सरकार कुछ कारगर कदम क्यों नहीं उठाती है?
-जीवन सिंह सोलंकी
संघ कार्यालय, पूबीर्या गली, कांकरोली
जिला-राजसमन्द-313334 (राजस्थान)
विभेदकारी सेकुलर नेता
आज भारत के सेकुलर नेता अंग्रेजों से भी ज्यादा विभेदकारी हैं। वोट के लिए इन लोगों ने भारतीय समाज को जाति, पंथ और मजहब के नाम पर बांट दिया है। आरक्षण और तुष्टीकरण की नीतियों से नेता सत्ता-सुख तो पा रहे हैं, किन्तु भारत को कमजोर कर रहे हैं। इन नेताओं के लिए देशहित से बड़ा स्वहित हो गया है। कांग्रेस पार्टी की सोच तो सदैव नेहरू-गांधी खानदान के इर्द-गिर्द घूमती है। यही कारण है कि देश के अस्पतालों, भवनों, सार्वजनिक स्थानों, योजनाओं, सड़कों आदि का नामकरण इसी परिवार के लोगों के नाम पर किया जा रहा है। जबकि ऐसे अनेक महापुरुष हैं, जिन्होंने नेहरू-गांधी परिवार के किसी भी सदस्य से ज्यादा त्याग देश के लिए किया है।
-शान्ति स्वरूप सूरी
362/1, नेहरू मार्ग, झांसी-284001 (उ.प्र.)
पशुशाला बनें
सात-आठ साल पहले उत्तराखण्ड सरकार ने पशु तस्करी पर रोक लगाने के लिए कई कारगर कदम उठाए थे। यह अच्छा काम था। फिर सरकार ने पशुओं की गणना भी कराई थी। किन्तु आज इस राज्य में वृद्ध पशुओं के साथ बड़ा ही क्रूरतम व्यवहार किया जा रहा है। लोग वृद्ध पशुओं को जिन्दा ही जंगलों में छोड़ देते हैं या कहीं दूर ले जाकर पेड़ों से बांध देते हैं। बेचारे बेजुबान पशु वहीं भूख-प्यास से तड़प-तड़प कर मरते हैं। जो गांव वन विभाग के कार्यालय के पास हैं, वहां के लोग पशुओं को जंगल में जानबूझकर छोड़ते हैं, ताकि हिंसक जानवर उन्हें खा जाएं और लोग वन विभाग से मुआवजा ले सकें। सरकार से निवेदन है कि वह जगह-जगह पशुशाला का निर्माण करे और वृद्ध पशुओं की देखभाल के लिए उचित व्यवस्था करे।
-चन्द्र सिंह नेगी
ग्राम-द्वारी, पो. द्वारी पट्टी पैनौ, रिखजीखाल, जिला-पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखण्ड)
नीयत ठीक नहीं
लोकपाल पर ठन गयी, दोनों दल तैयार
इधर सोनिया मैम हैं, उत अण्णा सरदार।
उत अण्णा सरदार, आर-पार अब होगा
किसमें कितना दम है, सबको पता लगेगा।
कह “प्रशांत” शासन की नीयत ठीक नहीं है
अण्णा ने यह बात खरी और सत्य कही है।।
-प्रशांत
पञ्चांग
वि.सं.2068 तिथि वार ई. सन् 2012
पौष शुक्ल 8 रवि 1 जनवरी, 2012
“” “” 9 सोम 2 “” “”
“” “” 10 मंगल 3 “” “”
“” “” 11 बुध 4 “” “”
“” “” 11 गुरु 5 “” “”
(एकादशी तिथि की वृद्धि)
“” “” 12 शुक्र 6 “” “”
“” “” 13 शनि 7 “” “”
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