विविध
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पाकिस्तानी जिहादी आतंकी
भारत-बंगलादेश दोनों के लिए खतरा
-इन्द्रेश कुमार, सदस्य, अ.भा. कार्यकारी मंडल, रा.स्व.संघ
“24 साल तक जिन पाकिस्तानी जिहादी शासकों के साथ लड़ाई करके अनगिनत अत्याचार सहने के बाद पूर्वी पाकिस्तान से बंगलादेश बना, वह फिर से पाक-जिहादी तत्वों के हाथों में न चला जाए। स्वतंत्रता की 40वीं वर्षगांठ पर बंगलादेश को इस संबंध में गंभीरता से सोचना चाहिए। अगर बंगलादेश फिर से पाकिस्तान के चंगुल में फंस गया, तो न तो इससे बंगलादेश का भला होगा और न ही भारत का”। उक्त उद्गार रा.स्व.संघ के अ.भा.कार्यकारी मंडल के सदस्य तथा सामाजिक संस्था “फिन्स” के मार्गदर्शक श्री इन्द्रेश कुमार ने व्यक्त किए। वे गत 16 दिसंबर को “
श्री इन्द्रेश कुमार ने कहा कि भारत और बंगलादेश में कुछ मौलिक समानताएं हैं। जैसे- 1947 से पहले बंगलादेश, भारत कहलाता था। पाक जिहादी आतंकी दोनों देशों के लिए समान खतरा हैं। माओवाद भी दोनों के लिए ही घातक है। ऐसे में बंगलादेश को चाहिए कि वह अपने देश की जमीन और जन को ऐसे खतरनाक तत्वों को पनपने के लिए इस्तेमाल न करने दे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में कोलकाता के गण्यमान्य नागरिक उपस्थित थे। द बासुदेब पाल
पढ़ाई का उद्देश्य है सार्थक जिन्दगी जीना
-प्रो. हरीशचंद्र वर्मा, प्रख्यात वैज्ञानिक व लेखक
“पढ़ाई का उद्देश्य सार्थक जिन्दगी जीना है। आज छात्र अपने इस उद्देश्य से थोड़ा भटक गए हैं। अच्छी डिग्री, अच्छे वेतनमान ही जिन्दगी नहीं है। ये सब माध्यम हैं। इन माध्यमों से समाज के लिए कुछ करने की आवश्यकता है। इसी में छात्रों के जीवन की सार्थकता है”। उक्त बातें गत दिनों पटना में रा.स्व.संघ के तत्वावधान में आयोजित महाविद्यालयीन छात्र सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए प्रख्यात वैज्ञानिक व लेखक प्रो. हरीशचन्द्र वर्मा ने कहीं। उन्होंने कहा कि जिन्दगी में संतुलन आवश्यक है। स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क रहता है। तनाव रहित होकर पढ़ें। पढ़ाई एक अच्छी जिन्दगी के लिए है और अच्छी का तात्पर्य सार्थक जिन्दगी है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में पटना के विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र तथा प्राध्यापक उपस्थित थे। द प्रतिनिधि
प्रांतीय जनजाति खेलकूद प्रतियोगिता
वनवासी कल्याण आश्रम, बिहार के तत्वावधान में गत दिनों प्रांतीय जनजाति खेलकूद प्रतियोगिता सम्पन्न हुई। इसमें बड़ी संख्या में जनजाति बच्चों ने सहभागिता की। प्रतियोगिता के अंत में विजयी प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया। प्रतियोगिता के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए रा.स्व.संघ के क्षेत्र प्रचारक श्री स्वांत रंजन ने कहा कि शरीर स्वस्थ है तो हम सभी प्रकार के कार्य कर सकते हैं। क्योंकि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ चेतना की जागृति होती है। यहां बच्चों के लिए अलग-अलग वर्गों में 100, 200 मीटर दौड़, लम्बी कूद, तीरंदाजी, कबड्डी आदि प्रतियोगिताएं सम्पन्न हुईं। द प्रतिनिधि
भ्रष्टाचार के विरुद्ध युवा सन्देश यात्रा
“यूथ अगेंस्ट करप्शन” के बैनर तले पश्चिम उत्तर प्रदेश के तीन विश्वविद्यालयों- आगरा, मेरठ और रुहेलखण्ड द्वारा अलग-अलग स्थानों से भ्रष्टाचार के विरोध में गत दिनों “युवा सन्देश यात्रा” निकाली गई, जिनमें से आगरा विश्वविद्यालय द्वारा निकाली गई संदेश यात्रा का समापन समारोह मथुरा में आयोजित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यात्रा के संयोजक श्री पवन किशोर ने कहा कि भ्रष्टाचार रूपी राक्षस ने पूरे देश में अपना जाल फैला लिया है। इसे नियंत्रित करने के लिए कानून बनाया जाना चाहिए। यूथ अगेंस्ट करप्शन की प्रदेश कार्य समिति के सदस्य श्री राकेश चन्द्र चतुर्वेदी ने कहा कि बड़ा ही दुर्भाग्य है कि 2020 तक विकसित देश बनने का सपना कहीं भ्रष्टाचार रूपी दानव, जो देश की जड़ तक अपने पैर पसार चुका है, की वजह से टूट न जाए। द प्रतिनिधि
अफजल का पुतला फूंका
13 दिसंबर, 2001 को संसद पर हुए आतंकी हमले की 10वीं बरसी पर बजरंग दल, बुलंदशहर के कार्यकर्ताओं ने हमले के मुख्य आरोपी अफजल के पुतले को फांसी पर लटकाकर पूरे शहर में घुमाया तथा अंत में पुतले को आग के हवाले कर दिया। इस अवसर पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने केन्द्र सरकार की यह कहकर निंदा की कि न्यायालय से मृत्युदंड मिलने के बावजूद भी अफजल को फांसी क्यों नहीं दी जा रही। सरकार इस गंदी राजनीति को बंद करके अफजल को फांसी पर लटकाए। द प्रतिनिधि
आगामी कार्यक्रम
दिल्ली में होगा अभाविप का 57वां राष्ट्रीय अधिवेशन
राष्ट्रवादी छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का 57वां राष्ट्रीय अधिवेशन आगामी 4-6 जनवरी, 2012 को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होगा। अविधेशन में अभाविप के देशभर से करीब 1200 प्रतिनिधियों के भाग लेने की संभावना है। भ्रष्टाचार पर पूरी तरह केन्द्रित रहने वाले इस राष्ट्रीय अधिवेशन का उद्घाटन सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर.सी. लाहोटी करेंगे। अधिवेशन में शिक्षा के साथ-साथ चीन के साम्राज्यवादी रवैये के कारण देश की सुरक्षा के लिए बढ़ते खतरे, भ्रष्टाचार व आर्थिक स्थिति से संबंधित प्रस्ताव लाए जाएंगे। साथ ही यहां जयपुर की सुश्री मनन चतुर्वेदी को प्रो. यशवंत राव केलकर युवा पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार विद्यार्थी परिषद हर वर्ष समाज के बीच रचनात्मक कार्य कर युवाओं के सामने आदर्श प्रस्तुत करने वाले किसी युवा को देती है। सुश्री चतुर्वेदी जयपुर में आर्थिक तथा सामाजिक रूप से कमजोर बच्चों के बीच उल्लेखनीय कार्य कर रही हैं। द प्रतिनिधि
सूरीनाम में दूसरे सूर्य कुंभ की तैयारियां शुरू
दक्षिण अमरीकी देश सूरीनाम में आगामी 15 जनवरी, 2012 से सूर्य कुंभ का आयोजन होगा, जोकि 1 फरवरी, 2012 तक चलेगा। सूरीनाम में यह दूसरा सूर्य कुंभ होगा, पिछले साल सूर्यकुंभ सफलता के साथ सम्पन्न हुआ था। सूरीनाम की राजधानी पारामारीबो में सूरीनाम नदी के तट पर आयोजित होने वाले इस कुंभ का उद्घाटन सूरीनाम के राष्ट्रपति श्री देसी बोतरस करेंगे। इस कुंभ को लेकर सूरीनाम के अलावा त्रिनिडाड, अमरीका, नार्वे, फ्लोरिडा, नीदरलैंड आदि देशों के हिंदुओं में काफी उत्साह है। कुंभ में भारत और सूरीनाम सहित दुनिया के सैकड़ों विद्वान हिस्सा लेंगे। कुंभ को सफल बनाने के लिए इसकी तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। द प्रतिनिधि
अंतरराष्ट्रीय हिन्दी उत्सव
अंतरराष्ट्रीय हिंदी उत्सव का आयोजन प्रवासी दुनिया, अक्षरम और दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कालेज के संयुक्त तत्वावधान में आगामी 10-12 जनवरी, 2012 को होगा। उत्सव का उद्घाटन कार्यक्रम भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, विदेश मंत्रालय के सहयोग से आजाद भवन सभागार में किया जाएगा। कार्यक्रम में कई देशों के राजदूत, भारत सरकार के वरिष्ठ प्रतिनिधि और प्रवासी समुदाय के प्रतिनिधि भाग लेंगे। 11 जनवरी से होने वाले सभी अकादमिक सत्र हंसराज कालेज में होंगे, जिनमें हिंदी भाषा का भविष्य, विदेशों में हिंदी शिक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर कार्यशाला व गोष्ठियों का आयोजन होगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों में “आवारा मसीहा” का नाट्य मंचन और अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन मुख्य आकर्षण रहेंगे। द प्रतिनिधि
लखनऊ में “पं. वचनेश त्रिपाठी स्मृति व्याख्यानमाला औरभानुप्रताप शुक्ल स्मृति राष्ट्रधर्म सम्मान”
विकृत सेकुलरवाद से ग्रस्त है कांग्रेस
-अरुण जेटली, नेता प्रतिपक्ष, राज्यसभा
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस विकृत सेकुलरवाद से ग्रस्त है। इसी मानसिकता से ग्रस्त कांग्रेस ने संप्रग सरकार को साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक लागू करने के निर्देश दिए थे। किन्तु भारत सरकार को इस तरह का विधेयक बनाने का अधिकार नहीं है, क्योंकि यह कानून व्यवस्था से संबंधित है और कानून व्यवस्था राज्यों का विषय है। यह विधेयक कांग्रेस नेताओं ने तैयार किया था और इसे संप्रग सरकार को लागू करने के लिए सौंप दिया था। लेकिन राष्ट्रीय एकता परिषद् में राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा विरोध करने तथा इसे राज्यों के अधिकार में हस्तक्षेप बताए जाने पर इसे ठण्डे बस्ते में डाल दिया गया है। श्री जेटली ने यह विचार गत 18 दिसंबर को लखनऊ में “पं. वचनेश त्रिपाठी स्मृति व्याख्यानमाला और भानुप्रताप शुक्ल स्मृति राष्ट्रधर्म सम्मान-2011” के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए व्यक्त किए।
श्री जेटली ने कहा कि “साम्प्रदायिक एवं लक्षित हिंसा रोकथाम विधेयक” को लाने के पीछे की मानसिकता को समझना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि देश में एक ऐसी सोच विकसित हुई है जो देश की मूल संस्कृति, विचार और विषयों से जुड़ी हुई बातों का विरोध करे या उनसे दूर रहे, उसे प्रगतिशील माना जाता है। इसी सोच के कारण देश में अनेक समस्याएं हैं। उन्होंने बताया कि देश के सामने एक चुनौती हमेशा से थी। किन्तु इस पर बहस की शुरुआत राम जन्मभूमि आन्दोलन के दौरान 80-90 के दशक में शुरू हुई। इसके बाद सेकुलरवाद बनाम विकृत सेकुलरवाद पर बहस शुरू हो गई। कांग्रेस इसी विकृत सेकुलवाद से ग्रस्त है। श्री जेटली ने कहा कि यही वह सोच थी जिसने देश में आतंकवाद के खिलाफ बने दो कानूनों- पोटा और टाडा का विरोध किया। अन्तत: इन दोनों कानूनों को समाप्त कर दिया गया। आज देश में आतंकवाद से लड़ने के लिए कोई भी सख्त कानून नहीं है। उन्होंने बताया कि टाडा कानून राजीव गांधी द्वारा बनाया गया था। इस कानून का दुरुपयोग किसानों के मामले में हुआ तो इसका विरोध नहीं किया गया। इसका विरोध उस समय हुआ जब 1993 में मुम्बई में हुए सीरियल ब्लास्ट में इसका सही इस्तेमाल किया गया। बाद में सरकार ने इस कानून को समाप्त कर दिया। इसी तरह संप्रग सरकार ने पोटा कानून को समाप्त कर दिया। ऐसी ही मानसिकता से जम्मू-कश्मीर में अशांत क्षेत्र से सशस्त्र सेना अधिकार कानून का विरोध किया जा रहा है।
श्री जेटली ने कहा कि विधेयक देश की जनता को दो हिस्सों में बांटता है। एक वर्ग बहुसंख्य होगा दूसरा अल्पसंख्यक। इसमें अल्पसंख्यक वर्ग को खास समूह की संज्ञा दी गई है। अल्पसंख्यक वर्ग धार्मिक, भाषायी या लिंग के आधार पर हो सकता है। इस प्रस्तावित विधेयक के मुताबिक समूह यानी अल्पसंख्यक के बारे में माना गया है कि वह कोई हिंसा नहीं करेगा। यदि कोई हिंसा होती है या किसी तरह का अत्याचार सामने आता है तो इसके लिए बहुसंख्यक यानी जो ग्रुप से बाहर है उसे ही दोषी माना जाएगा। उन्होंने कहा कि यह कानून विरोधाभाषी है। श्री जेटली ने मजहबी आधार पर आरक्षण की बात किए जाने पर भी चिंता व्यक्त की है। श्री जेटली ने कहा कि मजहबी आरक्षण की बात संविधान सभा ने भी नहीं कही थी। इसका उल्लेख संविधान मेंभी नहीं है। अब पिछड़ों के आरक्षण का हिस्सा मजहबी आरक्षण में देने की कोशिश हो रही है। उन्होंने बताया कि ये सारे कदम कांग्रेस और विकृत सेकुलर नेताओं द्वारा प्रगतिशील लगने के लिए उठाए जा रहे हैं। श्री जेटली ने कहा कि इस सोच से निपटने के लिए हमें तर्क और विचार के साथ बहस करनी होगी। इसके लिए नई शब्दावली में अपनी बात प्रस्तुत करनी होगी। अपने तर्क और विचार को देशहित के साथ जोड़ना होगा तभी हमारी बात ठीक से स्वीकार की जाएगी।
समारोह में श्री जेटली के उद्बोधन से पहले भानुप्रताप शुक्ल स्मृति सम्मान प्रदान किया गया। यह सम्मान वरिष्ठ लेखक, पत्रकार और साहित्यकार श्री शिव कुमार गोयल को दिया गया है। उनकी अनुपस्थिति में सम्मान उनके प्रतिनिधि को प्रदान किया गया। कार्यकम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सेंट्रल अकादमी ग्रुप के अध्यक्ष डा. संगम मिश्र, समाजसेवी श्री श्रीप्रकाश बेताला ने भी विचार व्यक्त किये। अतिथियों का स्वागत राष्ट्रधर्म के सम्पादक श्री आनन्द मिश्र “अभय” ने किया तथा अध्यक्षता रा.स्व.संघ के क्षेत्र कार्यवाह श्री राम कुमार वर्मा ने की। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रधर्म के प्रबंधक श्री पवनपुत्र बादल ने किया। द सर्वेश कुमार सिंह
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