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मातृभाषा में शिक्षा' पर संगोष्ठी
मातृभाषा के बिना समग्र विकास संभव नहीं
–अतुल कोठारी
सचिव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास
प्रतिनिधि
धनबाद (झारखंड) में गत दिनों व्मातृभाषा में शिक्षाव् विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, झारखंड के तत्वावधान में सम्पन्न हुई संगोष्ठी में शिक्षाविद् एवं प्रतिष्ठित गण्यमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
संगोष्ठी का शुभारम्भ कार्यक्रम के मुख्य वक्ता शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के राष्ट्रीय सचिव श्री अतुल कोठारी, स्थानीय सांसद श्री पशुपति नाथ सिंह तथा मंचस्थ अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री अतुल कोठारी ने कहा कि मां, मातृभाषा एवं मातृभूमि का कोई विकल्प नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि देश में स्वतंत्रता के बाद जो माहौल बना है, वह बेहद चिंताजनक है। देश की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए यह जरूरी है कि उच्च शिक्षा, प्रशासनिक व्यवस्था एवं प्रारम्भिक शिक्षा में अंग्रेजी को समाप्त किया जाए। इसके लिए एक बड़ा आंदोलन करने की जरूरत है। श्री कोठारी ने कहा कि भाषा संस्कृति की वाहक होती है, इसलिए समग्र विकास मातृभाषा के बिना संभव नहीं है।
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