राष्ट्रीय आय में 'गृहिणी' उपेक्षित क्यों?
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

राष्ट्रीय आय में 'गृहिणी' उपेक्षित क्यों?

by
Sep 27, 2011, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

आँगन की तुलसी

दिंनाक: 27 Sep 2011 18:35:47

अनीता मोदी

सूर्योदय से लेकर रात्रि तक अनवरत महिलाएं विविध घरेलू कार्यों एवं पारिवारिक व सामाजिक दायित्वों का निर्वहन सुचारू व व्यवस्थित ढंग से करते हुए अपनी दक्षता, सहनशीलता, धैर्य व त्याग का परिचय देती हैं। यही नहीं, ग्रामीण महिलाएं घरेलू कार्यों के अतिरिक्त खेती, वानिकी, मत्स्य पालन व पशुपालन से संबंधित अनेक कार्यों में भी महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। निर्माण संबंधी कार्यों में भी महिलाएं संलग्न हैं। इसके साथ ही महिलाएं लघु, कुटीर, हस्तकला व दस्तकारी उद्योगों में भी अपने कौशल, सृजनात्मक शक्ति व चातुर्य के बलबूते पर अपना वर्चस्व बनाये हुए हैं।

वर्तमान तकनीक व प्रौद्योगिकी युग में उच्च शिक्षा प्राप्त महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर देश के विकास में महती भूमिका निभा रही हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान, खेलकूद, प्रशासनिक, पुलिस, सेना व पत्रकारिता आदि सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी व सहभागिता उत्तरोत्तर बढ़ती जा रही है, जो कि निसंदेह महिला विकास व सशक्तिकरण की अवधारणा का मूत्र्त रूप ही है।

किन्तु विडम्बना का विषय यह है कि महिलाओं के द्वारा सम्पादित विविध घरेलू कार्यों का आर्थिक मूल्यांकन नहीं होने के कारण ये राष्ट्रीय आय में समावेशित होने से वंचित रह जाते हैं। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय आय में बाजारोन्मुखी गतिविधियों को ही शामिल किया जाता है। इस कारण महिलाओं के द्वारा प्रतिपादित ये विविध घरेलू कार्य एवं खेती, पशुपालन, वानिकी तथा उद्योगों से संबंधित किये गये महत्वपूर्ण कार्य राष्ट्रीय आय की परिधि से बाहर रह जाते हैं। कितना विरोधाभास है कि जब इन सब घरेलू व अन्य कार्यों का संपादन नौकर, नौकरानी अथवा बाजार-व्यवस्था के माध्यम से किया जाता है, तब वे राष्ट्रीय आय का अभिन्न अंग बन जाते हैं। दु:खद तथ्य है कि महिलाओं के द्वारा किये जा रहे इन विविध घरेलू कार्यों का आर्थिक मूल्यांकन नहीं होने से इन कार्यों को तुच्छ, गौण व महत्वहीन माना जाता है। इसी वजह से घरेलू महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका व योगदान उपेक्षित व नजरअंदाज हो जाता हैं। उल्लेखनीय व विचारणीय तथ्य है कि इस विसंगति व विरोधाभास का नुकसान महिला वर्ग को उठाना पड़ता है तथा समाज, देश व विश्व के विकास में उनके योगदान व सहभागिता का सही मूल्यांकन नहीं हो पाता है। इसी तथ्य को रेखांकित करते हुए व्आर्थिक सर्वेक्षणव् में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि देश की अर्थव्यवस्था में महिलाओं के योगदान को या तो पहचाना नहीं गया है या फिर उसका उचित मूल्यांकन नहीं हो पाया है।

ज्ञातव्य है कि घरेलू कार्यों के राष्ट्रीय आय में समावेशन की समस्या केवल हमारे देश तक ही सीमित नहीं है, अपितु यह समस्या समस्त विश्व से संबंधित है। पिछले दिनों बंगलादेश के वित्त मंत्री ने भी यह सुझाव रखा है कि व्हाउसकीपिंगव् का मूल्यांकन करने की दिशा में सार्थक कदम उठाये जाने की जरूरत है। इस संदर्भ में यह भी विचारणीय तथ्य है कि कुछ अर्थशास्त्रियों ने घरेलू कार्यों को राष्ट्रीय आय में शामिल करने का विरोध किया है। उनका अभिमत है कि महिलाओं द्वारा प्रतिपादित इन घरेलू कार्यों में महिलाओं की त्याग, प्रेम, ममत्व, धैर्य व सहिष्णुता जैसी उदात्त भावनाएं झलकती हैं। अत: इन कार्यों का आर्थिक मूल्यांकन करने का अर्थ इन अमूल्य, अनमोल व उदात्त भावनाओं का अधोमूल्यन करना है। किन्तु आज के आर्थिक व भौतिकवादी युग में आर्थिक क्रियाओं के स्तर व इनमें सहभागिता के आधार पर ही पद, प्रतिष्ठा व परिस्थिति का निर्धारण होता है। इस तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए यह नितान्त आवश्यक है कि घरेलू महिलाओं के द्वारा संपादित विविध कार्यों का आर्थिक मूल्यांकन करने हेतु कोई प्रभावी, ठोस व युक्तिसंगत मापदण्ड अपनाने की दिशा में सार्थक पहल की जाय। इसी भांति, असंगठित क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं, खेती, पशुपालन, वानिकी व विविध प्रकार के उद्योगों से संबंधित कार्यों में महिलाओं के योगदान का भी सही व उचित मूल्यांकन करने हेतु ठोस व उपयुक्त मापदण्ड का उपयोग किया जाय।

निसंदेह इन विविध किन्तु महत्वपूर्ण कार्यों का सही रूप से आर्थिक मूल्यांकन होने पर घरेलू महिलाओं एवं उत्पादक कार्यों में संलग्न महिलाओं की परिस्थिति व प्रतिष्ठा में सुधार होगा, इन महिलाओं के प्रति समाज की मानसिकता में सकारात्मक परिवर्तन होगा तथा महिलाओं को व्अबलाव् या व्दोयम दर्जेव् आदि सम्बोधनों से आहत नहीं होना पड़ेगा। यही नहीं, समाज में लैंगिक भेदभाव की लकीरें कम होंगी तथा महिलाओं पर शोषण, उत्पीड़न, प्रताड़ना का दंश कम होगा। महिलाओं के विकास, प्रतिष्ठा व मान-सम्मान में वृद्धि होने से स्वत: ही परिवार, समाज व देश के विकास की गति तीव्र होगी तथा शीघ्र ही देश विकसित देशों की पंक्ति में शामिल हो जाएगा।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप को नसों की बीमारी, अमेरिकी राष्ट्रपति के पैरों में आने लगी सूजन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies