राष्ट्रीय आय में 'गृहिणी' उपेक्षित क्यों?
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

राष्ट्रीय आय में 'गृहिणी' उपेक्षित क्यों?

by
Sep 27, 2011, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

आँगन की तुलसी

दिंनाक: 27 Sep 2011 18:35:47

अनीता मोदी

सूर्योदय से लेकर रात्रि तक अनवरत महिलाएं विविध घरेलू कार्यों एवं पारिवारिक व सामाजिक दायित्वों का निर्वहन सुचारू व व्यवस्थित ढंग से करते हुए अपनी दक्षता, सहनशीलता, धैर्य व त्याग का परिचय देती हैं। यही नहीं, ग्रामीण महिलाएं घरेलू कार्यों के अतिरिक्त खेती, वानिकी, मत्स्य पालन व पशुपालन से संबंधित अनेक कार्यों में भी महत्वपूर्ण योगदान देती हैं। निर्माण संबंधी कार्यों में भी महिलाएं संलग्न हैं। इसके साथ ही महिलाएं लघु, कुटीर, हस्तकला व दस्तकारी उद्योगों में भी अपने कौशल, सृजनात्मक शक्ति व चातुर्य के बलबूते पर अपना वर्चस्व बनाये हुए हैं।

वर्तमान तकनीक व प्रौद्योगिकी युग में उच्च शिक्षा प्राप्त महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिला कर देश के विकास में महती भूमिका निभा रही हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान, खेलकूद, प्रशासनिक, पुलिस, सेना व पत्रकारिता आदि सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी व सहभागिता उत्तरोत्तर बढ़ती जा रही है, जो कि निसंदेह महिला विकास व सशक्तिकरण की अवधारणा का मूत्र्त रूप ही है।

किन्तु विडम्बना का विषय यह है कि महिलाओं के द्वारा सम्पादित विविध घरेलू कार्यों का आर्थिक मूल्यांकन नहीं होने के कारण ये राष्ट्रीय आय में समावेशित होने से वंचित रह जाते हैं। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय आय में बाजारोन्मुखी गतिविधियों को ही शामिल किया जाता है। इस कारण महिलाओं के द्वारा प्रतिपादित ये विविध घरेलू कार्य एवं खेती, पशुपालन, वानिकी तथा उद्योगों से संबंधित किये गये महत्वपूर्ण कार्य राष्ट्रीय आय की परिधि से बाहर रह जाते हैं। कितना विरोधाभास है कि जब इन सब घरेलू व अन्य कार्यों का संपादन नौकर, नौकरानी अथवा बाजार-व्यवस्था के माध्यम से किया जाता है, तब वे राष्ट्रीय आय का अभिन्न अंग बन जाते हैं। दु:खद तथ्य है कि महिलाओं के द्वारा किये जा रहे इन विविध घरेलू कार्यों का आर्थिक मूल्यांकन नहीं होने से इन कार्यों को तुच्छ, गौण व महत्वहीन माना जाता है। इसी वजह से घरेलू महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका व योगदान उपेक्षित व नजरअंदाज हो जाता हैं। उल्लेखनीय व विचारणीय तथ्य है कि इस विसंगति व विरोधाभास का नुकसान महिला वर्ग को उठाना पड़ता है तथा समाज, देश व विश्व के विकास में उनके योगदान व सहभागिता का सही मूल्यांकन नहीं हो पाता है। इसी तथ्य को रेखांकित करते हुए व्आर्थिक सर्वेक्षणव् में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि देश की अर्थव्यवस्था में महिलाओं के योगदान को या तो पहचाना नहीं गया है या फिर उसका उचित मूल्यांकन नहीं हो पाया है।

ज्ञातव्य है कि घरेलू कार्यों के राष्ट्रीय आय में समावेशन की समस्या केवल हमारे देश तक ही सीमित नहीं है, अपितु यह समस्या समस्त विश्व से संबंधित है। पिछले दिनों बंगलादेश के वित्त मंत्री ने भी यह सुझाव रखा है कि व्हाउसकीपिंगव् का मूल्यांकन करने की दिशा में सार्थक कदम उठाये जाने की जरूरत है। इस संदर्भ में यह भी विचारणीय तथ्य है कि कुछ अर्थशास्त्रियों ने घरेलू कार्यों को राष्ट्रीय आय में शामिल करने का विरोध किया है। उनका अभिमत है कि महिलाओं द्वारा प्रतिपादित इन घरेलू कार्यों में महिलाओं की त्याग, प्रेम, ममत्व, धैर्य व सहिष्णुता जैसी उदात्त भावनाएं झलकती हैं। अत: इन कार्यों का आर्थिक मूल्यांकन करने का अर्थ इन अमूल्य, अनमोल व उदात्त भावनाओं का अधोमूल्यन करना है। किन्तु आज के आर्थिक व भौतिकवादी युग में आर्थिक क्रियाओं के स्तर व इनमें सहभागिता के आधार पर ही पद, प्रतिष्ठा व परिस्थिति का निर्धारण होता है। इस तथ्य को दृष्टिगत रखते हुए यह नितान्त आवश्यक है कि घरेलू महिलाओं के द्वारा संपादित विविध कार्यों का आर्थिक मूल्यांकन करने हेतु कोई प्रभावी, ठोस व युक्तिसंगत मापदण्ड अपनाने की दिशा में सार्थक पहल की जाय। इसी भांति, असंगठित क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं, खेती, पशुपालन, वानिकी व विविध प्रकार के उद्योगों से संबंधित कार्यों में महिलाओं के योगदान का भी सही व उचित मूल्यांकन करने हेतु ठोस व उपयुक्त मापदण्ड का उपयोग किया जाय।

निसंदेह इन विविध किन्तु महत्वपूर्ण कार्यों का सही रूप से आर्थिक मूल्यांकन होने पर घरेलू महिलाओं एवं उत्पादक कार्यों में संलग्न महिलाओं की परिस्थिति व प्रतिष्ठा में सुधार होगा, इन महिलाओं के प्रति समाज की मानसिकता में सकारात्मक परिवर्तन होगा तथा महिलाओं को व्अबलाव् या व्दोयम दर्जेव् आदि सम्बोधनों से आहत नहीं होना पड़ेगा। यही नहीं, समाज में लैंगिक भेदभाव की लकीरें कम होंगी तथा महिलाओं पर शोषण, उत्पीड़न, प्रताड़ना का दंश कम होगा। महिलाओं के विकास, प्रतिष्ठा व मान-सम्मान में वृद्धि होने से स्वत: ही परिवार, समाज व देश के विकास की गति तीव्र होगी तथा शीघ्र ही देश विकसित देशों की पंक्ति में शामिल हो जाएगा।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

‘देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ’-अरविंद नेताम

आरोपी

उत्तराखंड: 125 क्विंटल विस्फोटक बरामद, हिमाचल ले जाया जा रहा था, जांच शुरू

रामनगर रेलवे की जमीन पर बनी अवैध मजार ध्वस्त, चला धामी सरकार का बुलडोजर

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

स्वामी दीपांकर

1 करोड़ हिंदू एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने की “भिक्षा”

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

वरिष्ठ नेता अरविंद नेताम

‘देश की एकता और अखंडता के लिए काम करता है संघ’-अरविंद नेताम

आरोपी

उत्तराखंड: 125 क्विंटल विस्फोटक बरामद, हिमाचल ले जाया जा रहा था, जांच शुरू

रामनगर रेलवे की जमीन पर बनी अवैध मजार ध्वस्त, चला धामी सरकार का बुलडोजर

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

स्वामी दीपांकर

1 करोड़ हिंदू एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने की “भिक्षा”

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

काशी में सावन माह की भव्य शुरुआत : मंगला आरती के हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, पुष्प वर्षा से हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies