महबूबा के मायने
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

महबूबा के मायने

by
Sep 24, 2011, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 24 Sep 2011 15:57:14

एक हैं महबूबा मुफ्ती। जम्मू-कश्मीर की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा उन मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी हैं, जिन्हें 1989 में प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने 'अल्पसंख्यकों का मसीहा' बनने के फेर में देश का पहला 'अल्पसंख्यक' गृह मंत्री बनाया था। बतौर गृहमंत्री उन्होंने देश के लिए क्या किया, यह तो गहन शोध और खोज का विषय है, लेकिन उनकी एक कारगुजारी की मिसाल शायद ही दुनिया में कहीं मिल पाएगी। उनकी बेटी रुबैया सईद का आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया। रिहाई की एवज में आतंकियों ने अपने कुछ दुर्दांत आतंकवादी साथियों को छुड़ाने की मांग रखी और देश के गृह मंत्री ने देश के बारे में एकबारगी भी सोचे बिना उनकी मांग के आगे सिर झुका दिया। कहना नहीं होगा कि जब जनता दल सत्ता से रपट कर सड़क पर आ गयी तो जनाब मुफ्ती मोहम्मद सईद फिर से कांग्रेसी हो गए। उन्होंने एक बार फिर कांग्रेस को दगा दी और अपनी अलग पार्टी पीडीपी बना ली। पाकिस्तानपरस्त अलगाववादियों की भाषा बोलते हुए विधानसभा चुनाव में कुछ सीटें जीतने में सफल हो गए तो फिर मुख्यमंत्री बनने के लिए उसी कांग्रेस से हाथ भी मिला लिया। खुद को 'स्वाधीनता संग्राम की सेनापति' बताने वाली कांग्रेस ने भी अलगावादियों और आतंकवादियों के हमदर्द को गठबंधन सरकार का मुख्यमंत्री बनाने में कोई संकोच नहीं किया। पर जब दोबारा चुनाव हुए तो जम्मू-कश्मीर के मतदाताओं ने पीडीपी को उसकी जगह दिखा दी। कहना नहीं होगा कि पीडीपी और मुफ्ती परिवार, जो असल में एक-दूसरे का पर्याय ही हैं, अपने दोमुंहे चरित्र के लिए ही जाने जाते हैं। राष्ट्रीय एकता परिषद् की बैठक को लेकर उठे विवाद के मूल में भी दरअसल उनका यही दोमुंहापन है। तीन साल बाद हुई इस बैठक में महबूबा ने न सिर्फ गुजरात के विकास को लेकर मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की, बल्कि एक कश्मीरी मुसलमान की मदद करने संबंधी उदाहरण भी दिया। लेकिन जब सांप्रदायिक सौहार्द के लिए मोदी उपवास पर बैठे और वहां विपक्ष की नेता श्रीमती सुषमा स्वराज ने नेकनीयती से महबूबा के कथन का जिक्र कर दिया तो वह बिफर उठीं। महबूबा अपने ही उस कथन से मुकर गयीं, जो बैठक में मौजूद लगभग सौ लोगों ने सुना था और रिकार्ड में भी दर्ज है। आखिर उन्हें अपने मददगार अलगाववादियों और आतंकवादियों के बिदकने का डर जो है। जाहिर है, अपने-अपने राजनीतिक लाभ के लिए समय-समय पर अलगाववादियों और आतंकवादियों की भाषा बोलने वाली महबूबा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला में वाक्युद्ध भी छिड़ गया है। देश की संसद पर आतंकी हमले के सूत्रधार अफजल की फांसी की सजा माफ करने की वकालत करने वाले उमर भी महबूबा के पीछे कुछ इस तरह पड़ गए हैं मानो मोदी के अच्छे काम की तारीफ कर उन्होंने कोई गुनाह कर दिया हो।

कांग्रेस की 'कलम'

सरकारपरस्त माने जाने वाले एक बड़े अंग्रेजी दैनिक के कांग्रेसपरस्त वरिष्ठ पत्रकार मुश्किल में हैं। ए. राजा, कनिमोझी और पी. चिदंबरम सरीखे असरदार राजनेताओं के पसीने छुड़ा देने वाले जनता पार्टी के अध्यक्ष डा. सुब्रामण्यम स्वामी के निशाने पर अब यह पत्रकार महोदय भी आ गए हैं, जो अखबार में लेखन और सरकारी टीवी दूरदर्शन पर 'प्रवचन' के साथ-साथ कहीं भी सरकार और कांग्रेस की पैरोकारी करते पाए जाते हैं। उनकी कांग्रेसपरस्ती का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि टीवी चैनलों को जब किसी चर्चा में भागीदारी के लिए कोई कांग्रेस प्रवक्ता नहीं मिल पाता तो वह इन्हें ही बुला लेते हैं। इसलिए हैरत नहीं कि सरकार ने पुरस्कार या पारिश्रमिकस्वरूप इन्हें राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग का सदस्य बना दिया, जबकि उनका अल्पसंख्यकों से दूर का भी वास्ता नहीं है। डा. स्वामी ने इन पत्रकार महोदय समेत अल्पसंख्यक आयोग के दो सदस्यों पर सवाल उठाते हुए पहले तो प्रधानमंत्री को पत्र लिखा और अब अदालत में याचिका दायर की है।

द समदर्शी

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies