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विरुद्ध अभाविप का विरोध प्रदर्शनशिक्षा के व्यापारीकरण तथा विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव कराने आदि मांगों को लेकर गत दिनों अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की उत्तर प्रदेश इकाई ने राज्य में जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया। इस संबंध में परिषद् के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्य की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती के नाम इलाहाबाद में सहायक जिला अधिकारी को 24 सूत्रीय ज्ञापन भी सौंपा।विरोध प्रदर्शन के दौरान परिषद् के कार्यकर्ताओं एवं अन्य विद्यार्थियों ने शिक्षा के व्यापारीकरण को रोकने, छात्रसंघ चुनाव कराने तथा शैक्षिक भ्रष्टाचार जैसी मुख्य समस्याओं को उठाया। अभाविप की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य श्री सुधीर केशरवानी ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की जनता पर शिक्षा-सुविधा के विस्तार के बहाने निजीकरण थोप रही है तथा जनता के शोषण के नए-नए द्वारा खोल रही है। जिसके कारण शिक्षा संस्थान अवैध धन वसूली के अड्डे बनते जा रहे हैं। इलाहाबाद के महानगर मंत्री श्री श्याम प्रकाश पाण्डेय ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि प्रदेश में शिशु शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक तीव्रता से बढ़ रहे शिक्षा क्षेत्र के व्यापारीकरण को रोकने के लिए सरकार तत्काल प्रभावी कदम उठाए। सभी स्तरों पर शुल्क संरचना की एक स्थाई एवं व्यावहारिक व्यवस्था विकसित करे, जिससे शैक्षिक सुविधाओं के नाम पर छात्रों से हो रही अवैध वसूली रोकी जा सके। द प्रतिनिधिपर्यावरण उन्मुख विकास (प्रकृति-2010) पर सम्मेलनमुम्बई (महाराष्ट्र) की सामाजिक संस्था रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के तत्वावधान में आगामी दिसंबर मास में पर्यावरण उन्मुख विकास (प्रकृति-2010) नाम से दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। जोकि देश की राजधानी दिल्ली के तीन मूर्ति मार्ग स्थित विश्व युवक केन्द्र में 21-22 दिसंबर को सम्पन्न होगा।सम्मेलन पूरी तरह पर्यावरण सुरक्षा पर केन्द्रित रहेगा। इसमें पर्यावरण संरक्षण की बुनियादी आवश्यकता से संबंधित सभी पहलुओं पर व्यापक चर्चा होगी, जो समाजार्थिक विकास को अधिक कारगर बनाने की दृष्टि से सार्थक सिद्ध होगी। इसके अलावा सम्मेलन में पर्यावरण को बचाने वाली जीवन पद्धति, आजीविका एवं ऊर्जा के स्रोत तथा संसाधन जैसे गंभीर मुद्दों पर गहन विचार-मंथन होगा। साथ ही नीतिगत सीमा रेखाएं तथा प्रयोगधर्मिता जैसे स्थायी विकास से संबंधित पहलुओं पर भी चिंतन होगा।रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी सार्वजनिक न्यास तथा सोसायटी अधिनियम के तहत सन् 1982 में पंजीकृत हुई तथा समूचे दक्षिण एशिया में यह अपने किस्म की एकमात्र अनूठी शैक्षणिक संस्था है। यह पिछले 28 साल से सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा सांविधिक प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण कार्य में अनवरत रूप से लगी है। द प्रतिनिधि25
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