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कोलकाता जैसे महानगर में भी माओवाद पांव पसार रहा है। कुछ दिन पहले साल्ट लेक क्षेत्र के भीड़-भाड़ वाले चौराहे पर पुलिस जांच केन्द्र की दीवार पर माओवादी नारे लिखा हुआ एक पर्चा चिपका दिया गया था। इससे पुलिस की काफी किरकिरी हुई। सूत्रों का कहना है कि केवल पोस्टर चिपकाने तक ही माओवादी क्रियाकलाप सीमित नहीं हैं। वे कोलकाता में हथियारों का भण्डार भी तैयार करने में लगे हैं। कोलकाता से सटे जनजातीय मोहल्लों में माओवादी कामरेडों ने कई छोटी-छोटी बैठक कीं। सुन्दरवन क्षेत्र में उनका दल भी तैयार हो गया है। इस प्रकार की जानकारी राज्य के गृह विभाग को केन्द्रीय खुफिया विभाग द्वारा दी गयी है। खुफिया सूत्रों के अनुसार कुछ शीर्षस्थ माओवादी नेता कोलकाता शहर एवं आसपास के इलाकों में संगठन की मजबूती के लिए लोगों की बैठकें कर रहे हैं। इसी प्रकार एक बैठक दमदम के किसी इलाके में भी हुई। इसमें जादबपुर एवं कोलकाता विश्वविद्यालय के कुछ छात्र भी मौजूद थे। इन सभाओं में कार्य वृद्धि की दृष्टि से कई निर्देश दिए गए। खुफिया अधिकारियों ने यह भी आशंका जताई है कि कोलकाता में माओवादियों ने शस्त्रों का भण्डारण किया है। पूर्व कोलकाता के बागुइहाटी में एक हथियार व्यापारी के पास से आधुनिक शस्त्रों से भरा गोदाम मिला था। राजारहाट के वैदिक विलेज में भी उसी प्रकार का एक गोदाम मिला था। यहां पर “पेंसिल गन” भी मिली थी। एक खुफिया अधिकारी का कहना है शस्त्रों का भण्डारण हो रहा है मगर उसका उपयोग देखने को नहीं मिल रहा है। यह किसी मामूली आपराधिक गुट का काम नहीं है। खुफिया अधिकारियों का इशारा माओवादियों की तरफ ही है। सूत्रों का कहना है कि पश्चिम बंगाल में राजनीतिक परिवर्तन का दौर चल रहा है। दक्षिण 24 परगना जैसा वामपंथी गढ़ ढह रहा है। इसी मौके का फायदा उठाकर माओवादी अपने पांव पसार रहे हैं। खुफिया विभाग के अधिकारियों का कहना है कि माओवादी यहां सीधा-सीधा आक्रमण नहीं करेंगे। वे राजनीतिक दलों के प्रदर्शनों के समय भीड़ में शामिल होकर कुछ घटनाएं कर सकते हैं। द29
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