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साइबर हमलों के जरिए देश के सुरक्षा तंत्र में हो रही सेंधमारी पर बोलते हुए साइबर मामलों के प्रसिद्ध अधिवक्ता श्री नीरज अरोड़ा ने कहा कि साइबर कानून के अनुसार ऐसे मामलों को हैकिंग की धाराओं के अंतर्गत लिया जाता है तथा इसी प्रावधान के अनुसार दोषी पर कार्रवाई होती है। लेकिन हमारी जांच एजेंसियों के ऐसे मामलों की जांच में सक्षम न होने के कारण इन घटनाओं पर लगाम लगने में समस्या हो रही है। साथ ही “आईटी एक्ट” की अधिकतर धाराओं में जमानत का प्रावधान है, जिसके कारण कड़ा कानून होने के बावजूद दोषी पर उचित कार्रवाई होने में विलंब हो जाता है। संशोधित आईटी एक्ट के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि यह पहले के मुकाबले ज्यादा प्रभावशाली है, परन्तु कमी सिर्फ एक है कि ज्यादातर धाराओं में जमानत का प्रावधान है।10
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