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नींदें राजा की उड़ीं मस्ती लिए फकीर, जिसकी जैसी चाह है वैसी ही तकदीर।-विनय मिश्रआसमां छू लो अगर तुम तो फूल मत जाना, ये हिंडोला गरूर का है झूल मत जाना। करो भला जो किसी का तो याद मत रखना, करे तुम्हारा भला उसको भूल मत जाना।-डा. विष्णु सक्सेनाबस जिन्दगी है याद मरण भूल गए हैं, सांसों का हो रहा है क्षरण भूल गए हैं। घर से चले तो प्रिय के मुंह को चूम लिया पर छूने को अपनी मां के चरण भूल गए हैं।बलराम श्रीवास्तव19
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