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भाषा के नाम पर जो लोग समाज में कटुता फैलाते हैं उन्हें बिस्मिल्लाह अंसारी से सीख लेनी चाहिए। उन्होंने बच्चों के बीच वेद आधारित शिक्षा का अलख जगाने में स्वयं को समर्पित कर दिया है।अंसारी बिहार के गोपालगंज जिले के उचकागांव प्रखंड के सतकोठवा ग्राम के निवासी हैं। बचपन से ही संस्कृत के प्रति दिलचस्पी रखने वाले बिस्मिल्लाह अंसारी ने बताया कि शुरू से ही गांव में होने वाले पूजा-पाठ को लेकर उनके मन में उत्सुकता बनी रहती थी। इसी कारण उन्हें कई बार पारिवारिक विरोध भी झेलना पड़ा। इसके बावजूद अंसारी नेवाराणसी के सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से मैट्रिक से लेकर स्नातक तक संस्कृत में पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने सतकोठवा बगीचे में स्थित विद्यालय में प्रधानाध्यापक का पद संभाला।7
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