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बहुत से विस्थापित कश्मीरी परिवारों को जम्मू-कश्मीर सरकार के उपभोक्ता तथा जन वितरण विभाग की प्रणाली के अंतर्गत कोई राशन उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। यह वे परिवार हैं जो सरकारी कर्मचारी तथा पेंशनभोगी हैं। पेंशनभोगियों में केवल उन्हीं परिवारों को राशन उपलब्ध करवाने की छूट है जिनकी प्रतिमाह पेंशन 4000 रुपए से कम है। किन्तु आजकल एक सेवानिवृत्त चपरासी को पेंशन भी लगभग 8 हजार रु. है। कुल मिलाकर लगभग 20 हजार विस्थापित परिवार ऐसे हैं जिन्हें सरकारी प्रणाली के अंतर्गत राशन उपलब्ध नहीं करवाया जा रहा है। किन्तु विचित्र बात यह है कि राज्य सरकार द्वारा वितरण के लिए केन्द्र से जो राशन प्राप्त किया जा रहा है, उसमें इन परिवारों को भी शामिल किया गया है।सरकारी आकड़ों के अनुसार जम्मू-कश्मीर में राशन कार्डधारकों की संख्या लगभग 19.60 लाख है। प्रति परिवार सदस्यों की संख्या औसत 5.52 आंकी गई है। यह उल्लेखनीय है कि पंजीकृत इन कुल परिवारों की संख्या 52,000 है शेष दिल्ली तथा देश के अन्य भागों में रहते हैं। केवल 10,000 के लगभग कश्मीरी विस्थापित परिवार ऐसे हैं जिन्हें प्रति व्यक्ति 13 किलोग्राम मासिक के हिसाब से मुफ्त राशन उपलब्ध करवाया जाता है। इस राशन का सारा खर्च भी केन्द्रीय सरकार ही वहन करती है।19
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