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सेवा में सब हों सहभागीसेवा भारती, छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा गत 13-15 नवंबर को “सेवा संगम” का आयोजन किया गया। राज्य के कोरबा जिला स्थित सेवा भारती के प्रकल्प “गोमुखी सेवाधाम देवपहरी” में सम्पन्न हुए इस सेवा संगम में राज्य की 52 सामाजिक संस्थाओं के कुल 172 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।सेवा संगम का विधिवत उद्घाटन करते हुए सेवा भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सूर्य प्रकाश टोंक ने बताया कि विगत 2-4 फरवरी, 2010 को बंगलूरू (कर्नाटक) में अखिल भारतीय सेवा संगम सम्पन्न होने के बाद राज्य स्तर पर सेवा कार्यों में संलग्न सामाजिक संस्थाओं के वर्ग लगाने की योजना की गई। राज्य स्तर के वर्गों में छत्तीसगढ़ प्रांत का यह प्रथम वर्ग है। उन्होंने कहा कि यहां एक-दूसरे के विचारों का आदान-प्रदान होने के साथ-साथ सामाजिक संस्थाओं के कार्य करने के तरीकों के बारे में हमें जानकारी प्राप्त हो सकेगी। इस अवसर पर सेवा भारती की अखिल भारतीय मंत्री सुश्री रेणु पाठक एवं श्री गुरुशरण सहित सेवा भारती तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित थे।उद्घाटन कार्यक्रम के पश्चात संगम में आए सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपने कार्यों की जानकारी दी। इस प्रकार अलग-अलग सामाजिक संस्थाओं से जुड़े सैकड़ों प्रतिनिधियों को एक से ज्यादा संस्थाओं की जानकारी प्राप्त हुई। यहां इन प्रतिनिधियों ने सामाजिक कार्य के सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार हेतु विभिन्न प्रकार के महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।सेवा संगम के समापन पर विशेष रूप से उपस्थित रा.स्व.संघ, छत्तीसगढ़ प्रांत के प्रांत प्रचारक श्री दीपक विषपुते ने संबोधित करते हुए कहा कि रुग्ण समाज को स्वस्थ करने के लिए अनेक महापुरुषों ने समय-समय पर मार्गदर्शन दिया है। इनमें आद्य शंकराचार्य, छत्रपति शिवाजी महाराज, स्वामी विवेकानंद, गुरु गोविंद सिंह आदि प्रमुख हैं। इन लोगों ने हिन्दू समाज का जो मार्गदर्शन किया, उसके परिणामस्वरूप हम विश्व मंच पर आज भी स्वाभिमान के साथ खड़े हैं।संगम के अंत में राष्ट्रीय सेवा भारती द्वारा 27 ग्रामों के लिए उपलब्ध कराई गईं देव मूर्तियों को गांवों में स्थापित करने हेतु भेजा गया। इस दौरान ग्रामीणों ने सस्वर भजन गाकर पूरे वातावरण को भक्तिमय कर दिया। द प्रतिनिधि9
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