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राजस्थानमहाराणा प्रताप की जयंती पर कवि सम्मेलनइतिहास गगन के पन्नों पर एक सूर्य चमकता रहता हैमहाराणा प्रताप जयंती की पूर्व संध्या पर गत 14 जून को संस्कार भारती द्वारा कानोड़ (उदयपुर) में आयोजित कवि सम्मेलन ने श्रोताओं पर अमिट छाप छोड़ी है। पहली बार कानोड़ में आयोजित हुए इस कवि सम्मेलन में हास्य, व्यंग्य, वीर रस तथा श्रृंगार रस की बौछारों ने श्रोताओं को देर रात तक बांधे रखा। मीरा की नगरी (मेड़ता) चित्तौड़गढ़ से आयीं कवयित्री दीपिका माही ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। शैलेंद्र शैल (प्रतापगढ़) ने अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से क्षेत्रवाद, जातिवाद तथा आरक्षण के कारण उत्पन्न हो रहीं समस्याओं की ओर श्रोताओं का ध्यान आकृष्ट किया। कुंभलगढ़ के प्रसिद्ध गीतकार माधव दरक ने राजस्थानी गीतों पर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरीं। बीकानेर के गीतकार श्रेणीदान चारण ने “इतिहास गगन के पन्नों पर एक सूर्य चमकता रहता है” कविता प्रस्तुत कर श्रोताओं से वाहवाही लूटी। उदयपुर के ढाढस चन्द ढाढस ने “नारी तू सब कुछ करी सके” गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं को खूब गुदगुदाया। मावली के मनोज गुर्जर ने कविता व गजलें प्रस्तुत कीं। भारोडी के हिम्मत सिंह उज्ज्वल ने “भारत म्हारे कलेजा री कोर” कविता पर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरीं। रामद्वारा की वीर रस की कवयित्री शालू साखला ने कविता “जिसने श्रीराम को छोड़ा उसको श्रीराम ने छोड़ दिया” प्रस्तुत की, जिस पर पूरा पांडाल तालियों से गूंज उठा तथा भारत माता की जय व जय श्रीराम के जयकारे गूंजने लगे। शालू साखला की एक अन्य प्रस्तुति “हिन्दुओं को होता ताकत का ध्यान तो राजनीति में नहीं बिकता भारत का वोट बैंक” को भी लोगों ने बहुत सराहा। मेड़ता नगरी से आयी दीपिका माही ने आदमी के जीवन में नारी की महत्ता बताते हुए कविता पाठ किया। नंद किशोर टाक ने अपनी प्रस्तुतियों में देश की आर्थिक स्थिति व वर्तमान राजनीति व नेताओं पर खूब कटाक्ष किए। आयोजन के सूत्रधार तथा कवि सम्मेलन के संचालनकत्र्ता रशीद निर्मोही ने भी अपनी चुटकियों से लोगों को खूब गुदगुदाया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता लुवणाराव विश्वविजय सिंह ने की। मुख्य अतिथि थे बोहेडा राव हनुमंत सिंह तथा विशिष्ट अतिथि थे संस्कार भारती के प्रांतीय महामंत्री श्री सुरेश बबलानी व कानोड़ के नायब तहसीलदार बसंत सिंह मीणा। अभिषेक श्रीमाली24
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