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संदिग्धों ने पीटा और पुलिस बनी रही मूकदर्शकदेश में गोहत्या की घटनाओं में तेजी से वृद्धि हो रही है। हर दिन कोई न कोई गोहत्या की घटना सुनने को मिल ही जाती है। ऐसे में गोहत्यारों और संदिग्ध लोगों पर लगाम लगाने और उन पर कार्रवाई कराने के लिए पुलिस को फोन करना भी गोभक्तों को भारी पड़ रहा है। गत दिनों दिल्ली में ऐसी ही एक घटना घटी, जिसमें 9 बैलों को संदिग्ध हालत में ले जा रहे लोगों को रोकना हिन्दू मंच के एक कार्यकर्ता को भारी पड़ गया, इन लोगों ने उसकी जमकर पिटाई की, क्योंकि उसने इन लोगों को रोकने के लिए पुलिस को बुलाया था। यह पूरी वारदात पुलिस के सामने ही हुई और पुलिसवाले यह सबकुछ मूकदर्शक बनकर देखते रहे।हुआ यूं कि 15 जून की प्रात: रनहौला (नजफगढ़) थाना क्षेत्र में हिन्दू मंच के कार्यकर्ता श्री हरीश कुमार को कुछ संदिग्ध लोग 9 बैलों को ले जाते हुए दिखे, इस पर उसने हिन्दू मंच के अन्य कार्यकर्ताओं को बुलाकर इन लोगों के खिलाफ शिकायत कर पुलिस को बुला लिया। पुलिस आई तो, मगर उसने संदिग्धों से पूछताछ करने के बजाय हिन्दू मंच के कार्यकर्ताओं से ही बदतमीजी करनी शुरू कर दी। पुलिस के ऐसे रवैये को देखकर संदिग्ध लोगों का हौसला बढ़ गया और उन्होंने मारपीट करनी शुरू कर दी, इसमें श्री हरीश के सिर में गंभीर चोट लगी। इस घटना के बाद पुलिस श्री हरीश को संजय गांधी अस्पताल ले गई और मरहम- पट्टी कराकर छोड़ दिया और उन संदिग्ध लोगों के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिस के पक्षपातपूर्ण रवैये को देखते हुए हिन्दू मंच के कार्यकर्ताओं ने नजफगढ़ रोड पर चक्का जाम कर दिया, तब जाकर पुलिस के आला अधिकारियों की नींद टूटी और उन्होंने रंगहौला थाने के थानाध्यक्ष को लाइनहाजिर कर मामले की जांच कराने के आदेश दिए और बैलों को गोशाला भेजकर उन्हें ले जा रहे लोगों पर जुर्माना किया। प्रतिनिधि27
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