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पिंजरे में बैठा यह तोता। हंसता, गाता, रोता, सोता।।सुबह सबेरे जग जाता है। तब से राम राम गाता है।।कहता है आओ जी आओ। चाय नाश्ता लेकर जाओ।।सबका मन यह खुश कर देता। नहीं किसी से कुछ भी लेता।।हरी मिर्च है इसको भाती। दाल चने की खूब सुहाती।।सदा नमस्ते जी कहता है। आने वाला खुश रहता है।।लाल चोंच लगती है प्यारी। हरे रंग पर सब बलिहारी।।गंगाराम नाम है प्यारा। मीठी बोली, बड़ा सहारा।।बच्चो तुम भी मीठा बोलो। सबके कानों में रस घोलो।।मायाराम पतंग23
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