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धर्म रक्षा मंच के आह्वान पर देशभर के विभिन्न भागों से आए 90 संतों ने फाजिल्का की भारत-पाक सीमा के गांव आसफवाला में धर्म सम्मेलन पर अपने विचार रखे। बोदीवाला पीथा के भगत कुलदीप साहू के सहयोग से विश्व हिन्दू परिषद् के जिलाध्यक्ष लीलाधर शर्मा द्वारा आयोजित इस समारोह में संतों ने 1965 व 1971 की जंग में शहीद हुए सैनिकों की समाधि पर मंत्रोच्चारण कर नमन किया। शहीदों की समाधि कमेटी के प्रधान रतन लाल परूथी, शशी कांत व अन्य पदाधिकारियों ने संतों का स्वागत किया। धर्म सम्मेलन में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर संत विशोभा नंद ने कहा कि देश व समाज को बचाने के लिए धर्म रक्षा मंच पर सभी संत एक हो जाएं। उन्होंने कहा कि पुराना इतिहास बताता है कि जब-जब देश पर आतंकवाद का संकट आया तब-तब संतों ने उसे टालने में योगदान दिया। श्री जुगल किशोर महाराज ने कहा कि साधू सैनिक एक समान होते हैं। सैनिक देश की आजादी के लिए और साधू धर्म की आजादी में आगे रहते हैं। द प्रतिनिधि42
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