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9 जुलाई, 1949 को दिल्ली में अपनी स्थापना के बाद ही अभाविप ने संविधान सभा को एक मांग पत्र सौंपा। इसमें तीन मुख्य मांगें थीं- 1. देश का नाम भारत हो 2. राष्ट्रभाषा हिन्दी हो 3. राष्ट्रगान वन्देमातरम् हो27 सितम्बर 1970- दिल्ली में प्रथम राष्ट्रीय प्रदर्शन। तीस प्रमुख मांगें थीं- भारत परमाणु बम बनाये, 18 वर्ष के युवा को मताधिकार मिले एवं विश्वविद्यालय प्रशासन में छात्रों का सहभाग हो।6 मार्च, 1979 को दिल्ली में शैक्षिक मांगों को लेकर 10 हजार छात्रों का प्रदर्शन।आपातकाल का विरोध- गुजरात और बिहार में छात्रों के आन्दोलन को प्रारंभ करने में विद्यार्थी परिषद् की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस कारण वहां सत्ता परिवर्तन हुआ, जो बाद में आपातकाल के विरोध व लोकतंत्र की रक्षा के लिए जे.पी. आन्दोलन बना, जिसमें परिषद् का व्यापक सहभाग रहा। लोकसंघर्ष समिति के तत्वावधान में 10 हजार छात्रों ने सत्याग्रह किया। 650 कार्यकर्ता मीसा के अन्तर्गत व 4500 कार्यकर्ताओं की विभिन्न कानूनों के अन्तर्गत गिरफ्तारी।1978 में छात्रों को ग्राम विकास के विभिन्न कार्यों में सहभागी करने के लिए “ग्रामोत्थान हेतु छात्र” नाम से एक अभियान चलाया गया। 350 गांवों में प्रभावी कार्य हुआ।1980 में लोकतंत्र में लोक को जागरूक करने का देशव्यापी अभियान चला।असम में बढ़ते बंगलादेशी घुसपैठियों के विरुद्ध परिषद् ने “असम बचाओ, देश बचाओ” का नारा दिया। राजघाट, दिल्ली से गुवाहाटी तक असम ज्योति यात्रा निकाली गई। 2 अक्तूबर, 1983 को गुवाहाटी में ऐतिहासिक सत्याग्रह हुआ।जून 1982 में परिषद् ने पश्चिम बंगाल में तीन बीघा गलियारा, बंगलादेश को हस्तान्तरण के विरोध में सत्याग्रह किया।नक्सल समस्या के विरुद्ध भी अभाविप के कार्यकर्ताओं ने आंध्र प्रदेश में संघर्ष किया। इसमें 25 कार्यकर्ता शहीद हुए।1990 में कश्मीर में आतंकवाद के विरोध में देशव्यापी अभियान चलाया गया।विद्यार्थी परिषद् ने नारा दिया-जहां हुआ तिरंगे का अपमान, वहीं करेंगे उसका सम्मान।”11 सितम्बर, 1990 को जम्मू में लगभग 10 हजार विद्यार्थियों ने विराट प्रदर्शन किया।1992 में शैक्षिक अराजकता और शिक्षण संस्थानों के परिसरों में सुधार हेतु आन्दोलन किया गया।स्वर्ण जयंती वर्ष (1998-99) : परिषद् ने अपनी स्वर्ण जयन्ती के अवसर पर वृक्षारोपण अभियान चलाया। इसके अन्तर्गत पूरे देश में 1.5 लाख वृक्ष लगाए गए। मुम्बई में 12 हजार छात्रों की उपस्थिति में राष्ट्रीय अधिवेशन सम्पन्न हुआ।26 नवम्बर 2002 को दिल्ली में शिक्षा रोजगार रैली आयोजित हुई। इसमें देशभर से लगभग 75 हजार विद्यार्थी शामिल हुए।17 दिसम्बर, 2008 को किशनगंज (बिहार) में बंगलादेशी घुसपैठियों के विरुद्ध विशाल रैली एवं सभा आयोजित हुई। देश के कोने-कोने से अपने खर्चे पर इसमें 40 हजार छात्र-छात्रओं ने भाग लिया। इससे पूर्व पूरे देश में घुसपैठ विरोधी आन्दोलन चलाया गया। इसके अन्तर्गत 915 स्थानों पर घुसपैठ विरोधी सप्ताह, 653 स्थानों पर संकल्प दिवस मनाया गया। 139 जिलों में रैलियां एवं प्रदर्शन हुए। 8241 महाविद्यालय और 15,694 इंटर कालेज बन्द कराए गए। कोलकाता स्थित बंगलादेशी दूतावास के सामने प्रदर्शन हुआ, घुसपैठ विरोधी जागरण यात्रा निकाली गई और देशभर में राष्ट्रीय संगोष्ठियां हुर्इं।द20
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