|
अरबवासी, खासकर फिलिस्तीन से वहां गए लोग इस बात से बेहद नाराज और निराश हैं कि अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति बराक ओबामा गाजा पट्टी पर इस्रायली हमलों पर चुप्पी साधे हैं।उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति पद पर ओबामा की जीत से अरब क्षेत्र में संतोष जाहिर किया गया था लेकिन अब गाजा पट्टी पर इस्रायली हमले के बाद उस स्थिति में बदलाव आ सकता है। इस बीच न्यूयार्क स्थित इस्रायली उच्चायोग के बाहर सैकड़ों अरबों ने इकट्ठे होकर इस्रायल विरोधी नारेबाजी की जबकि ठीक उसी वक्त दूसरी ओर इस्रायल समर्थकों की भीड़ भी नारेबाजी कर रही थी। अरबवासियों का मानना है कि इस्रायल के गाजा पट्टी पर हमले गाजा को भूखा मारने की उसकी कोशिश दर्शाते हैं। इस सबके बीच ताजा जानकारी मिली है कि इस्रायल के युद्धक विमान गाजा पट्टी पर हवाई हमले जारी रखे हुए हैं जिसमें पहले दिन 200 लोगों के मारे जाने के बाद से अंदाजा है कि 50 आम नागरिकों सहित 360 से ज्यादा फिलिस्तीनी अब तक मारे गए हैं। कहा जा रहा है कि ये 1967 की लड़ाई के बाद सबसे घातक हमला है। इस्रायली सेना ने खुलकर बताया है कि उनका यह हमला गाजा शहर पर ही केन्द्रित है और उनके निशाने पर हमास सरकार और सुरक्षा तंत्रों के ठिकाने हैं। इस्रायली जंगी विमानों ने गाजा शहर के जिन ठिकानों पर अब तक निशाने साधे हैं उनमें प्रधानमंत्री कार्यालय, रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और इस्लामी विश्वविद्यालय शामिल हैं।4
टिप्पणियाँ